स्थान: विपुलखंड-3, गोमती नगर

समय: रात 2.30 बजे

वाहन: पुलिस जीप, नंबर: यूपी 32 बीजी 2537

काम: सूजा मार कर खड़े वाहनों को पंक्चर करना

विपुल खण्ड में रहने वाले नितिन झामनानी ने बताया कि लगभग एक महीने पहले से उनके मोहल्ले में गाडिय़ां पंचर हो रही थीं। लोग परेशान थे। मजे की बात यह है कि यह सभी लक्जरी गाडिय़ां थीं और सभी ट्यूबलेस गाडिय़ां थीं।

लगातार गाडिय़ों के पंचर होने की बात से मोहल्ले में चर्चा थी। एक दिन नितिन ने अपनी इनोवा कार को वाच किया, जिसके टायर उन्होंने एक जुलाई को ही चेंज कराए थे।

नितिन के अनुसार देर रात लगभग ढाई बजे पुलिस की जीप यूपी 32 बीजी 2537 आकर रुकती है। गाड़ी से तीन सिपाही उतरते हैं और लक्जरी गाडिय़ों के पहियों में सूजा घोंपना शुरू कर देते हैं।

रंगे हाथों पकड़ा सिपाहियों को

नितिन जब तक ऊपर अपने रूम से नीचे आते तब तक उनकी गाड़ी इनोवा यूपी 32 सीबी 6598 भी पंचर हो चुकी थी। नितिन ने अपने दो साथियों के साथ सिपाहियों को रंगे हाथ पकड़ लिया। गाडिय़ां क्यों पंचर कर रहे थे, इसका जवाब उन सिपाहियों के पास नहीं था। नितिन कुछ और लोगों को इकट्ठा करते इससे पहले ही तीनों सिपाही जीप में बैठ कर फरार हो गये। मजे की बात तो यह है कि इसके बाद से गाडिय़ां पंचर होने का सिलसिला भी बंद हो गया।

पंचर वाले पर भी था शक

नितिन बताते हैं कि ट्यूबलेस टायर के पंचर बनाने की विपुल खण्ड इलाके में सिर्फ एक ही दुकान है, जो पचास रुपये के स्थान पर सौ रुपये लेता है। पहले इलाके वालों को उसी पर शक था, लेकिन पुलिस वालों को इस तरह की हरकत करता देख हम लोग खुद स्तब्ध रह गये।

रुपए न देने पर पीटा

एक अन्य पाठक सुजीत गुप्ता ने बताया कि वह कृष्णानगर में रहता है। पिछले महीने की 23 तारीख को वह आलमबाग किसी काम से जा रहा था उन्होंने देखा कि आलम बाग चौराहे के पास एक सिपाही डग्गा मार वाहनों से वसूली कर रहा था। एक ड्राइवर ने पैसा देने से मना किया तो सिपाही ने उसकी बेरहमी से पिटायी शुरू कर दी। पास में ही खड़े दूसरे सिपाहियों ने आकर बीच बचाव किया तब जाकर ड्राइवर की जान बच पाई

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घर में गाड़ी रखने की देते हैं हिदायत

एक अन्य पाठक ने आई नेक्स्ट को फोन करके बताया कि लालबाग और उसके आसपास के इलाके में हो रही गाडिय़ों की चोरी के मद्देनजर पुलिस की गश्त होती है और पुलिस गाडिय़ां गैरेज में और घरों के अंदर खड़ी करने की हिदायत देती है। पूरा इलाका स्मैकियों से पटा पड़ा है। पुलिस उन पर तो कार्रवाई नहीं कर पाती उल्टा अपने दरवाजे के बाहर गाडिय़ां खड़ी करने वालों को परेशान जरूर करती है। यहां भी अक्सर गाडिय़ों के पंचर होने की शिकायत मिली हैं।

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ऐसा नहीं करती पुलिस

 पुलिस किसी की गाडिय़ों को क्यों पंचर करेगी। जहां तक आई नेक्स्ट को फोन करने की बात है, तो जरूर उसकी गाड़ी का चालान पुलिस ने कभी किया होगा। जहां तक रात में गश्त के दौरान पंचर की बात है तो पुलिस पंचर नहीं करती बल्कि लोगों को अवेयर करती है कि गाडिय़ां अपने गैरेज में खड़ी करें। गाडिय़ां पंचर करने वाले आरोप निराधार हैं।

-जय शंकर सिंह,

एसओ गोमतीनगर