नासा की एक पूर्व कर्मचारी ने किया खुलासा

न्यूयॉर्क (आईएएनएस) यह बात बहुत सारे लोगों के लिए हैरान करने वाली है कि दुनिया की सबसे बड़ी स्पेस एजेंसी नासा इस धरती के मौसम में होने वाले तमाम नुकसानदायक बदलावों के बारे में पब्लिक को सब कुछ नहीं बताता। यह स्थिति तब से है जब से डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं। इसके पीछे की वजह यह है कि तब से नासा के कर्मचारी डर और चिंता में जी रहे हैं और ग्लोबल वार्मिंग के बारे में दुनिया को ठीक से आगाह भी नहीं कर पा रहे हैं। यह सभी बातें द गार्जियन ने नासा की एक पूर्व कर्मचारी के हवाले से उजागर की हैं।


10
साल तक नासा के साथ काम करने वाली लौरा ने बताया एजेंसी के भीतर का हाल

Laura Tenenbaum जो अक्टूबर 2017 तक नासा में साइंस कम्युनिकेटर के पद पर तैनात थीं, ने 10 साल तक इस एजेंसी के साथ काम किया है। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर ग्लोबल वार्मिंग जैसे शब्द इस्तेमाल करने के लिए उन्हें डांट भी पड़ी और वार्निंग भी दी गई थी। इसके अलावा मौसम में आने वाले तमाम बदलावों के बारे में मीडिया को दी जाने वाली रिपोर्ट पर भी उन्हें कई तरह के रेस्ट्रिक्शन झेलने पड़े हैं। बुधवार को प्रकाशित हुई इस मीडिया रिपोर्ट में लौरा के हवाले से बताया गया है कि मौसम विज्ञान से जुड़ी तमाम जानकारियों को सोशल मीडिया पर प्रमोट करने से उन्हें रोका गया था। यानि पब्लिक के साथ शेयर की जाने वाली इस तरह की जानकारियों पहले से काफी कम कर दिया गया।

ट्रंप से डरता है नासा! तभी तो ग्‍लोबल वार्मिंग के खतरों के बारे में नहीं बताता : रिपोर्ट


CrowdTangle की रिपोर्ट में झलकती है लौरा की सच्चाई

द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक नासा के भीतर काम करने वाले लोग इस बात को लेकर काफी चिंतित रहते है कि अगर उन्होंने ग्लोबल वॉर्मिंग को लेकर अमरीकी लोगों को ज्यादा कुछ बताया तो ट्रंप प्रशासन मौसम विज्ञान की फंडिंग काटकर कम कर देंगे। इस रिपोर्ट को पुख्ता करते हुए गार्जियन ने पॉपुलर सोशल मीडिया मॉनिटरिंग प्लेटफार्म क्राउडटैंगल के हवाले से बताया कि साल 2016 में नासा ने मौसम में आने वाले बदलावों को लेकर सोशल मीडिया पर बहुत सारी पोस्ट कीं। यहां तक कि अगस्त महीने में ऐसी पोस्ट की संख्या थी 122 ।

लेकिन ट्रंप प्रशासन आने के बाद से मौसम में आने वाले खराब बदलाव को लेकर नासा द्वारा की जाने वाली सोशल मीडिया पोस्ट कम होती चली गईं। उदाहरण के तौर पर जनवरी 2017 में नासा द्वारा की गईं सोशल मीडिया पोस्ट की संख्या थी 53 । जबकि इसके बाद के महीनों में यह पोस्ट और भी कम हो गईं। मार्च में सिर्फ 21 पोस्ट की गई जबकि अप्रैल महीने में 31 पोस्ट सोशल मीडिया पर की गईं। इन पोस्ट के द्वारा Facebook पर मौसम से जुड़े मामलों में पब्लिक के साथ तमाम महत्वपूर्ण इंटरैक्शन होते हैं। द गार्जियन की रिपोर्ट में लौरा के हवाले से बताया गया है कि एजेंसी के भीतर इस बात को लेकर जबरदस्त कंफ्यूजन की स्थिति है। यानि क्या करना है और क्या नहीं, लोगों को नहीं मालूम। वजह यह है कि प्रेसिडेंट ट्रंप क्लाइमेट चेंज में यकीन नहीं रखते। इस कारण नासा के भीतर अजीब तरह की अफरा-तफरी की स्थिति है।


नासा ने पब्लिक कम्यूनीकेशन पॉलिसी में किसी भी बदलाव से किया इंकार

हालांकि NASA ने अपनी पूर्व कर्मचारी लौरा द्वारा लगाए गए इन आरोपों को खारिज कर दिया है। नासा के प्रवक्ता ने बताया है कि यह बातें निराधार है और अमरीकी जनता को साइंस और मौसम के बारे में दी जाने वाली जानकारियों को लेकर हमारी पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

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