कंट्रोल रूम तक का लिया जायजा
मोदी सरकार बनने के बाद इस बार चीन से आए दल में कई लोग ऐसे थे, जो वहां की सरकार में अपना दखल रखते हैं. सोमवार को चीन परिवहन मंत्रालय के उपमंत्री लू डोंग फू (रेल नेटवर्क के मुखिया) और उनके साथियों ने यहां की उपनगरीय रेल सेवाओं से लेकर कंट्रोल रूम तक का जायजा लिया. दरअसल दो दिन बाद चीन के राष्ट्रपति का भारत दौरा है, और सोमवार को सीएसटी आए इस दल के दौरे को भी चीनी राष्ट्रपति के दौरे से जोड़कर देखा जा रहा है.

तीन बातें होंगी खास!
सूत्रों के अनुसार भारत सरकार की चाइनीज रेलवे के साथ तीन बातों पर चर्चा हो सकती है. बजट में घोषित हुई रेलवे विश्वविद्यालय, हाई स्पीड ट्रेन और स्टेशन डेवलपमेंट पर. चीन में पहले से ही रेलवे विश्वविद्यालय है और हाल ही में भारत का एक प्रतिनिधि मंडल भी चीन स्थित इस तरह के विश्वविद्यालय पर अध्ययन करने चीन गया था. इसके अलावा भारत में हाई स्पीड ट्रेन और स्टेशन डेवेलपमेंट पर चीन की नजर टिकी हुई है. हालांकि, हाल ही में हुए जापान दौरे में प्रधानमंत्री मोदी ने बुलेट ट्रेन को लेकर करार कर लिया था, लेकिन सूत्रों के अनुसार चाइनीज दल ने बताया कि वे भारत को सस्ती तकनीक देंगे. इस संबंध में सूत्रों ने ये भी बताया कि सोमवार को आए चाइनीज दल ने बताया कि यदि मुंबई से बुलेट ट्रेन कॉरिडोर को निकालना है, तो ये भूमिगत हो सकता है. शहर के बाहर निकलने के बाद इस कॉरिडोर को एलिवेटेड किया जा सकता है.

सबर्बन नेटवर्क की हुई सराहना
हर एक विदेशी प्रतिनिधि मंडल की तरह चीन ने भी मुंबई सबर्बन नेटवर्क को सराहा. चीन प्रतिनिधि मंडल के मुताबिक 125 साल पुराने स्टेशन पर रोजाना लाखों यात्रियों के आवागमन की व्यवस्था करना एक अद्भुत कार्य है. इसके अलावा चाइनीज डेलिगेशन के स्टेशन के स्टार चेंबर की भव्यता पर भी चर्चा की. बहरहाल सोमवार को चीनी दल के दौरे का प्रमुख उद्देश्य था दो दिन बाद भारत सरकार के साथ चीन के राष्ट्रपति के साथ होने वाली मीटिंग की तैयारी करना.

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