अंडर ग्राउंड होगी व्यवस्था

कैंट बोर्ड जो अंडर ग्राउंड सीवरेज प्लान बनाने जा रहा है वो पूरी तरह से अंडरग्राउंड होगी। ताकि लोगों को खुले सिवरेज से किसी तरह की कोई दिक्कत न हो। गौरतलब है कि कैंट बोर्ड में अभी तक सिस्टम नहीं है। जबकि आर्मी अपने एरिया में दूसरे चरण तक काम पहुंच चुका है. 

350 एकड़ में सीवरेज लाइन

इस सिस्टम के तहत कैंट एरिया में 350 एकड़ के बाजार एरिया में सीवरेज लाइन डाली जाएगी। जो अपने आप में काफी बड़ा एरिया है। कैंट बोर्ड के अधिकारियों की माने तो 40 करोड़ रुपए का बजट सिर्फ अकेले पाइप का ही होगा। जिसमें काफी वक्त भी ज्यादा लगेगा।

यहां लगेंगे सीवरेज प्लांट

कैंट एरिया में पानी को फिल्टर करने के लिए 4 जगहों पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की योजना है। ये प्लांट सिटी के चारों दिशाओं में लगाएं जाएंगे। कैंट बोर्ड की प्लानिंग के अनुसार एक प्लांट तोपखाना, दूसरा प्लांट लालकुर्ती, तीसरा रजबन और चौथा प्लांट सदर में लगाएं जाएंगे। इन चारों प्लांट की कॉस्ट 30 करोड़ रुपए आंकी जा रही है।

तीन सालों तक होगा प्राइवेट मेंटेनेंस

इस पूरे सिस्टम को संभालने के लिए प्राइवेट फर्म लगाया जाएगा। जिसके तहत पहले से ही कैंट बोर्ड के पास तीन टेंडर आ चुके हैं। इन तीनों में किसी एक मौका देकर तीन सालों के लिए सौंप दिया जाएगा। अधिकारियों की माने तो ये प्राइवेट फर्म इस सिस्टम का मेंटेनेंस करेगी। तीन सालों की मेंटेनेंस कॉस्ट 25 करोड़ के आसपास आने का अनुमान है।

100 करोड़ का होगा बजट

कैंट बोर्ड के अधिकारियों की माने तो इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए 100 करोड़ रुपए पहले ही रक्षा संपदा निदेशालय की ओर से सेंक्शन हो चुके हैं। जिसके तहत इस पूरे सिस्टम पर काम शुरू कर दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार निदेशालय ने इस पूरे प्लान को 29 अक्टूबर तक जमा कराना है।

पानी को री-साइकल

करने की योजना

कैंट बोर्ड एक प्लांट लगाने का भी विचार कर रहे हैं जिसमें सीवरेज वॉटर को पूरी तरह से ट्रीट करने के बाद पीने योग्य बनाया जा सके। जिससे कैंट एरिया में पानी की किल्लत भी काफी हद तक दूर हो जाएगी।

दस पहले भी आई थी योजना

करीब दस साल पहले भी कैंट बोर्ड ने सीवरेज सिस्टम प्लान तैयार किया था। जिसमें जल निगम को जोडऩे की बात चली थी। सारी बातें हो भी गई थी, लेकिन बात वहां अटकी जब निगम ने कैंट बोर्ड 2 करोड़ रुपए एडवांस मांगे। कैंट बोर्ड एडवांस देने से मना कर दिया था। प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया।

फैक्ट एंड फिगर

- 100 करोड़ रुपए का होगा पूरा प्रोजेक्ट।

- 29 अक्टूबर तक सब्मिट करना होगा पूरा प्लान।

- 40 करोड़ में डाली जाएगी सीवरेज पाइप लाइन।

- 25 करोड़ रुपए में होगा तीन सालों का मेंटेनेंस।

- 30 करोड़ में लगाए जाएंगे चार सीवरेट ट्रीटमेंट प्लांट।

ये होंगे फायदे  

- एक्सक्रेटा अंडरग्राउंड होकर जाएगा।

- डिस्पोजल को ट्रीट करके नालों में डाला जाएगा।

- आबू नाले की स्थिति में काफी सुधार आएगा।

- कैंट के इलाकों में काफी इंवायरनमेंटल इंप्रूवमेंट होगा।

- छोटी बड़ी नालियों से गंदा पानी बाहर नहीं आएगा।

'रक्षा संपदा निदेशालय को पूरा प्लान मंजूरी के लिए 29 अक्टूबर तक भेजना है। इसके लिए निदेशालय की ओर से 100 करोड़ रुपए तक का बजट भी पास हो गया है.'

- डीएन यादव, सीईओ, कैंट बोर्ड