RANCHI : सक्षम पदाधिकारी का कास्ट सर्टिफिकेट न होने की वजह से 259 अभ्यर्थी दारोगा बनने से वंचित रह गए। बुधवार को झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (जेएसएससी) द्वारा दारोगा नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा का अंतिम परिणाम जारी किया गया, लेकिन इन अभ्यर्थियों का नाम इसमें नहीं था। ऐसे में इन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही है। मालूम हो कि दारोगा के लिए लगभग 2645 अभ्यर्थी अंतिम रुप से सफल घोषित किए गए हैं। इसमें 240 महिलाएं भी शामिल हैं।

क्या है मामला

जेएसएससी ने पिछले साल जुलाई महीने 3019 दारोगा पद पर बहाली के लिए अभ्यर्थियों से आवेदन मांगा था। इसमें आरक्षण का लाभ लेने के लिए अभ्यर्थियों से एसडीओ द्वारा जारी कास्ट सर्टिफिकेट देने को कहा गया था। लेकिन, कई अभ्यर्थियों ने एसडीओ की बजाय सीओ द्वारा इश्यू कास्ट सर्टिफिकेट को आवेदन के साथ अटैच कर दिया था। हालांकि, इन अभ्यर्थियों के आवेदन को न तो रिजेक्ट किया गया और न ही उन्हें परीक्षा में बैठने से रोका गया। इसके उपरांत इन्होंने लिखितपरीक्षा भी पास कर ली, लेकिन सक्षम पदाधिकारी का कास्ट सर्टिफिकेट नहीं होने की वजह से अंतिम चयन नहीं पो पाया।

आयोग ने सशर्त दिया था मौका

जेएसएससी ने परीक्षा में सफल वैसे अभ्यर्थी जिन्होंने आरक्षण का दावा करने के लिए सक्षम पदाधिकारी का कास्ट सर्टिफिकेट जारी नहीं किया था, उन्हें नोटिस जारी करते हुए एक सप्ताह में एसडीओ से निर्गत कास्ट सर्टिफिकेट देने को कहा था। लेकिन, इसमें शर्त यही रखा गया था कि यह कास्ट सर्टिफिकेट आवेदन तिथि के पूर्व का इश्यू किया होना चाहिए। इन अभ्यर्थियों ने सक्षम पदाधिकारी का कास्ट सर्टिफिकेट बनाकर तो जमा कर दिया, लेकिन शर्त के हिसाब से वह नहीं था।

हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दे कार्मिक को लिखा पत्र

अभ्यर्थी संजय कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री, कार्मिक और सभी जगह पत्र लिखकर इस समस्या के समाधान के लिये पत्र लिखा है। उन्होंने बताया कि झारखंड उच्च न्यायलय के आदेश के मुताबिक, बीडीओ और सीओ द्वारा निर्गत जाति प्रमाणपत्र के आधार पर ही एसडीओ द्वारा जाति प्रमाणपत्र निर्गत किया जाता है। ऐसे में इनके द्वारा इश्यू ओबीसी सर्टिफिकेट को मान्य देते हुए उन्हें आरक्षण का लाभ दिया जाना चाहिए। इसी बेसिस पर अब वे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।