लेकिन उन लाखों लोगों का दर्द कोई नहीं समझ रहा, जिन्होंने सालों बल्कि दशकों पहले बीएड किया, लेकिन आज तक भी उन्हें तलाश है एक मुकम्मल नौकरी की। आज भी वो एक नौकरी के लिए भटक रहे हैं। इस हाल में कहना गलत नहीं होगा की ‘बीएड’ ‘बेचलर ऑफ एजुकेशन’ ना होकर ‘बेड एजुकेशन’ है।

सलीम कुशवाहा

उम्र - 36 साल

बीएड किया - 2006 में

सरकारी नौकरी मिली - नहीं

क्या कर रहे हैं - प्राइवेट इंटर कॉलेज में जॉब

सेलरी - तीन हजार रुपए

जब हमने बीएड किया था उस समय ना उम्र की कोई लिमिट हुआ करती थी। ना ही टीईटी या सीटीईटी जैसी कोई बाध्यता। हमारा कहना है कि हमें उन्हीं शर्तों पर जॉब दी जाए, जो शर्तें बीएड की डिग्री लेते समय थी।

मीनू शर्मा

उम्र - 30 साल

बीएड किया - 2007 में

सरकारी नौकरी मिली - नहीं

क्या कर रहे हैं - प्राइवेट स्कूल में जॉब

सेलरी - दो हजार रुपए

जब बीएड किया था तब प्राइवेट स्कूल कम थे। सरकारी में वेकेंसी नहीं आती थी। लेकिन अब जब वेकेंसी आने लगी तो सरकार ने टीईटी और ना जाने कितनी शर्तें जोड़ दी। इस कारण लाखों लोग बेरोजगार हैं.सोनिया गुप्ता

उम्र - 39 साल

बीएड किया - 1996 में

सरकारी नौकरी मिली - नहीं

अब क्या कर रहे हैं - कुछ नहीं

जब सरकार बीएड वालों को जॉब नहीं दिलवा सकती। फिर बीएड कॉलेजों में क्यों पढ़ाया जा रहा है। क्यों नए बीएड बेरोजगार तैयार किए जा रहे हैं। क्यों स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स की जेब पर डाका डाला जा रहा है। बीएड को बंद क्यों नहीं कर देती सरकार।

हेमलता शर्मा

उम्र - 47 साल

बीएड किया - 1989 में

सरकारी नौकरी मिली - नहीं

अब क्या कर रहे हैं - कुछ नहीं

शिक्षा मित्रों के भरोसे स्कूल चल रहे हैं। जबकि वो सिर्फ इंटर पास हैं। जिन शिक्षा मित्रों ने जॉब में रहते हुए ग्रेजुएशन या बीएड की है। उनकी तो डिग्री भी कैंसल होनी चाहिए। क्योंकि जॉब के साथ रेगुलर ग्रेजुएशन या बीएड कैसे हो सकती है।

राज कुमार दूधली

उम्र - 45 साल

बीएड किया - 1994 में

नौकरी मिली - नहीं

क्या कर रहे हैं - खेती

बीएड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष राज कुमार दूधली ने 19 साल पहले बीएड की डिग्री ली थी। बीएड करने के बाद से अभी तक जितनी भी भर्ती निकली सभी जगह ट्राय किया। हर भर्ती के साथ सरकार ने नियम बदल दिए। जिस कारण जॉब नहीं मिल पाई।

क्या है मांग

 बीएड बेरोजगारों का कहना है कि प्रदेश में करीब छह से सात लाख बीएड के पद खाली हैं। अगर सरकार इयर वाइज सभी लोगों को जॉब दिलवा दे तो कोई भी बेरोजगार नहीं रहेगा। इसके साथ ही सरकार उम्र की बाध्यता को भी खत्म करे। क्योंकि पहले उम्र की बाध्यता नहीं थी और दूसरे राज्यों में भी नहीं है।

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