- 18 वर्ष की उम्र में बनता हैं लाइसेंस

- 20 वर्ष के लिए पहली बार किया जाता है इशू

- फिर 5-5 वर्ष के लिए किया जाता है रिनुअल

- 400 लोग रोजाना नए लाइसेंस बनवाने पहुंच रहे

- 8 से 10 लोग रोजाना लाइसेंस रिनुअल कराने पहुंच रहे

- आरटीओ ऑफिस में नए लाइसेंस बनवाने वालों की लाइन

- लाइसेंस रिनुअल करने वालों की संख्या बहुत कम

- ऐसे चालकों के पकड़े जाने पर बिना लाइसेंस के वाहन चलाने का लगेगा जुर्माना

LUCKNOW: शहर की सड़कों पर अधेड़ वाहन चालक यमदूत बन कर घूम रहे हैं। एक्सपायरी लाइसेंस रखने वाले ये वाहन चालक अनफिट भी हैं। लाइसेंस रिनुअल कराने के बजाय वह पुराना लाइसेंस लेकर ही रोड पर वाहन चला रहे हैं। इनमें भी चार पहिया चालकों की संख्या अधिक है जो लाइसेंस को रिनुअल कराने में अधिक रूचि नहीं रखते हैं। आरटीओ ऑफिस के अधिकारियों के अनुसार लोगों में लाइसेंस रिनुअल के प्रति जागरुकता नहीं है। एक बार लाइसेंस बनवाने के बाद लोग इसे भी लाइफटाइम के लिए समझने लगते हैं जबकि लाइसेंस जारी करने के दिन से लेकर उसकी वैधता खत्म होने तक की तिथि स्पष्ट लिखी रहती है।

लाइसेंस बनवाने को खासी भीड़

राजधानी के आरटीओ और एआरटीओ ऑफिस में पहली बार लाइसेंस बनवाने वालों की भीड़ रोज रहती है, लेकिन इसकी तुलना में लाइसेंस रिनुअल कराने वालों की संख्या बहुत कम है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार आरटीओ ऑफिस से रोजाना 400 से अधिक लोग लाइसेंस बनवाने पहुंच रहे हैं। वहीं लाइसेंस रिनुअल करने वालों की संख्या रोजाना आठ से दस रहती है। रिनुअल करवाने वालों में भी दो पहिया वाहन चालकों की ही संख्या अधिक रहती है। अधिकांश लोग तो लाइसेंस का रिनुअल कराने तब पहुंचते हैं जब आरटीओ या ट्रैफिक पुलिस की चेकिंग होती है। चेकिंग के दौरान उन्हें पता चलता है कि उनका लाइसेंस निरस्त हो गया है। फिर वे लाइसेंस रिनुअल कराने आरटीओ ऑफिस पहुंचते हैं।

20 वर्ष को इशू किया जाता है लाइसेंस

बताते चलें कि 18 साल की उम्र में लाइसेंस बनवाने पर आरटीओ ऑफिस से तकरीबन 20 वर्ष के लिए लाइसेंस इशू कर दिया जाता है। इसके बाद वाहन चालक का लाइसेंस 5-5 साल के लिए रिनुअल किया जाता है। 20 साल बाद वाहन चालक की उम्र तकरीनब 48 साल हो जाती है। ऐसे में लाइसेंस रिनुअल कराने के लिए किसी एक एमबीबीएस डॉक्टर से फिटनेस सर्टिफिकेट लेकर आरटीओ ऑफिस में जमा करना होता है। किसी भी सरकारी हॉस्पिटल से यह फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाया जा सकता है। उसके बाद आरटीओ ऑफिस से लाइसेंस इशू कर दिया जाता है।

कोट

लाइसेंस को लोग एक जरूरी प्रपत्र समझ कर एक बार उसे बनवा लेते हैं। उसके बाद इस तरफ वे ध्यान नहीं देते हैं जबकि लाइसेंस पर वैधता तिथि अंकित रहती है। लाइसेंस रिनुअल में बहुत अधिक परेशानी नहीं उठानी पड़ती। ऑनलाइन आवेदन की सुविधा उपलब्ध है।

राघवेंद्र सिंह

एआरटीओ प्रशासन

आरटीओ ऑफिस ट्रांसपोर्ट नगर

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जनवरी में 44 लाइसेंस कराए गए रिनुअल

आरटीओ ऑफिस में बीते जनवरी नए लाइसेंस 12000 बनाए गए जबकि बीते दिसंबर में यह आंकड़ा 11000 ही रहा। वहीं जनवरी में रिनुअल कराने वालों की संख्या 44 और दिसंबर में मात्र 36 ही रही।

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एक हफ्ते पहले पहुंच जाए एसएमएस अलर्ट

आरटीओ ऑफिस के अधिकारियों के अनुसार इस मामले में जल्द ही एनआईसी से बात कर सारथी फोर में सुविधा डेवलप की जाएगी जिससे लोगों को समय से लाइसेंस रिनुअल की जानकारी मिल सके। जिस व्यक्ति का लाइसेंस रिनुअल होना होगा, उसे एक हफ्ते पहले ही उसके मोबाइल नंबर पर एसएमएस भेजने की प्रक्रिया पर काम किया जाएगा। इससे लाइसेंस रिनुअल कराने की प्रक्रिया तेज हो सकेगी।