- यूनिक नम्बर आईडी बांटने के नाम पर लिए जा रहे 50 रुपए

- दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के स्टिंग में हुआ खुलासा

BAREILLY:

महिला यात्रियों की सुरक्षा की आड़ में ट्रैफिक पुलिस ऑटो-टेम्पो पर यूनिक आईडी लगाने के नाम पर 'गुंडा टैक्स' वसूल कर रही है। टीएसआई के हमराह डेलापीर में सरेराह हर एक ऑटो ड्राइवर 50 रुपए ले रहा था। जबकि, यूनिक आईडी का वितरण निशुल्क किया जाना है। इस बात का खुलासा दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के स्टिंग में हुआ। यह भी पता चला कि एक माह पहले आईडेंट कार्ड के नाम पर ड्राइवर्स से पुलिस लाइंस में बुलाकर 200 रुपए लिये गए थे, लेकिन अभी तक आईडेंटी कार्ड भी नहीं मिले। पढि़ए पूरी रिपोर्ट

सुरक्षा पर रिश्वत भारी

बीते फ्राइडे को एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने यूनिक आईडी का इनॉग्रेशन चौकी चौराहा पर किया था। यूनिक नम्बर आईडी और आईटेंडी कार्ड बांटने का डेलापीर में सैटरडे को दूसरा दिन था। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट सैडरडे को दोपहर 12.30 पर डेलापीर चौराहे पर पहुंची। जहां पर चालक ऑटो खड़ा कर लाइन लगाए हुए थे। एक-एक कर ऑटो पर यूनिक नम्बर चस्पा करने का काम ट्रैफिक पुलिस कर रही थी। इंटरसेप्टर में बैठे टीएसआई मनोज कुमार चालकों के नाम, पता, ड्राइविंग लाइसेंस की डिटेल रजिस्टर में नोट कर रहे थे। जबकि, ट्रैफिक कांस्टेबल यूनिक नम्बर चस्पा करने में लगे हुए थे, जो चालकों से 50 रुपए लेकर यूनिक आईडी चस्पा कर रहे थे।

पुलिस लाइन बुला कर लिए थे 200-200 रुपए

जबकि, दो महीने पहले भी ऑटो चालकों से आईडेंटी कार्ड के नाम पर ट्रैफिक पुलिस 200-200 रुपए वसूल चुकी है, लेकिन उन्हें आज तक आईडेंटी कार्ड नसीब नहीं हुआ। ट्रैफिक पुलिस का उस समय कहना था कि पुलिस वेरीफिकेशन के बाद सभी को आईडेंटी कार्ड जारी किए जाएंगे। 125 ऑटो चालकों से 25 हजार रुपए वसूले गए थे। डेलापीर चौराहे यूनिक आईडी लगवाने के लिए खड़े ऑटो चालक राम अवतार से हमने बात कही। राम अवतार ने बताया कि फिलहाल यूनिक आईडी पर 50 रुपए लिए जा रहे हैं। दो महीने पहले भी ट्रैफिक पुलिस ने पुलिस लाइन पर बुलाया था। हम लोगों से 200 रुपए लिए गऐ थे। उनका कहना था कि आईडेंटी कार्ड मिलेगा, लेकिन आज तक कुछ भी नहीं मिला।

3 लाख रुपए से अधिक वसूली का प्लान

प्रत्येक ऑटो चालकों से 50 रुपए वसूले जाने की बात सामने आने के बाद यह चर्चा होने लगा है कि कहीं ट्रैफिक पुलिस ने कमाई के लिए तो यह सब नहीं किया। शहर में रजिस्टर्ड ऑटो और टेम्पो की संख्या 6 हजार के आसपास हैं। यदि, 50 रुपए के हिसाब से देखा जाए तो कमाई का आंकड़ा 3 लाख रुपए तक पहुंच जाएगा। वहीं शहर में अवैध रूप से चल रहे ऑटो, टेम्पो पर 50 रुपए लेकर यूनिक आईडी लगा दिए तो ट्रैफिक पुलिस की अच्छी खासी कमाई हो जाएगी।

रिपोर्टर - यूनिक नम्बर आईडी के रुपए क्यों ले रहे हैं।

कांस्टेबल - जितने का लागत है बस वहीं लिया जा रहा है।

रिपोर्टर - लेकिन यह तो निशुल्क हैं न।

कांस्टेबल - अरे भाई, यूनिक नम्बर आईडी के साथ आईडेंटी कार्ड भी तो दिए जा रहे हैं।

रिपोर्टर - यूनिक आईडी सभी ऑटो पर लगाए जाएंगे क्या।

कांस्टेबल - सिर्फ सिटी परमिट। तभी वीडियो बनाए जाने का कांस्टेबल को आभास हुआ। वीडियो बना रहे हैं क्या।

रिपोर्टर - हां।

कांस्टेबल - तो खुलकर बनाइए, फिर चुप हो जाता है।

यूनिक नम्बर आईडी ऑटो चालकों को निशुल्क बांटी जा रही हैं। यदि, कोई रुपए ले रहा है, तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

कमलेश बहादुर, एसपी ट्रैफिक

इस बात की शिकायत कमिश्नर और डीएम से की जा जाएगी। दो महीने पहले भी पुलिस वेरीफिकेशन कर आईडेंटी कार्ड जारी करने के नाम पर 200 रुपए प्रत्येक चालकों से लिए गए थे।

गुरूदर्शन सिंह, सेक्रेटरी, ऑटो यूनियन

यूनिक नम्बर आईडी लगाने के एवज में टै्रफिक पुलिस 50 रुपए ले रही है। कुछ महीने पहले पुलिस लाइन में बुलाकर भी रुपए लिए गए थे कि आईडेंटी कार्ड जारी किए जाएंगे।

रामअवतार, ऑटो चालक