-सीए से सर्टिफाइड या अटैज्ड हर डॉक्यूमेंट का होगा यूनीक आईडी नंबर, एक जनवरी 2019 से लागू होगा सिस्टम

-सीए के फर्जी साइन का खेल होगा खत्म, टैक्स पेयर से लेकर बैंकर्स व फाइनेंशियल इंस्टीटयूशन्स को होगा फायदा

KANPUR@Inext.co.in

KANPUR: इंकम टैक्स रिटर्न फाइल करना हो या फिर किसी भी फाइनेंसियल रिपोर्ट या स्टेटमेंट की बात हो, हर जगह सीए के सर्टिफिकेशन और अटैचमेंट की जरूरत पड़ती है। अक्सर इनका गलत तरीके से फर्जी साइन बना कर दुरुपयोग होता है। जिससे सरकारी या गैर सरकारी हर इंस्टीटयूशन को नुकसान उठाना पड़ता है,लेकिन अब सीए के फर्जी साइन या सर्टिफिकेशन का पता लगाना काफी आसान हो जाएगा। क्योंकि अगर कोई दस्तावेज सीए ने सर्टिफाई किया है तो उस सर्टिफिकेट का एक यूनीक आईडी नंबर होगा। जिस भी शख्स के पास यह दस्तावेज जाएगा वह यूनीक आईडी नंबर के जरिए आईसीएआई की वेबसाइड पर जाकर इसे चेक कर सकता है। कि असल में उस सीए ने इस दस्तोवज सर्टिफाई किया है या नहीं। यह सुविधा आईसीएआई एक जनवरी 2019 से लागू कर देगी।

सीए खुद जेनरेट करेगा यूनीक आईडी

इंस्टीटयूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट ऑफ इंडिया की ओर से डॉक्यूमेंट वैरीफिकेशन के लिए यूनीक डॉक्यूमेंट आईडेंटीफिकेशन नंबर की सुविधा दी जाएगी। हर प्रैक्टिसिंग चार्टर्ड एकाउंटेंट जोकि आईसीएआई का मेंबर है। उसका एक यूनीक आईडी नंबर होता है। यूडीआईएन वह किसी भी डॉक्यूमेंट को सर्टिफाई करने के दौरान जेनरेट करेगा। यह एक 16 डिजिट का नंबर होगा। जिसमें शुरु के 6 डिजिट मेंबरशिप नंबर के होंगे। उसके बाद के 6 डिजिट डेट, मंथ और ईयर के होंगे और आखिरी 4 डिजिट डॉक्यूमेंट का सीरियल नंबर होगा। www.udinical.org

वेबसाइट पर इसे रजिस्टर किया जाएगा।

क्राॅसचेक करने की सुविधा

दस्तोवज पर सीए का सर्टिफिकेशन असली है या नकली यह चेक करने के लिए www.udinical.org पोर्टल पर लॉगइन करना पड़ेगा। इसमें यूडीआईएन डाल कर क्रॉस चेक किया जा सकता है। डॉक्यूमेंट को सही में सर्टिफाई किया गया या नहीं।

'सभी सीए एक जुलाई से ही यूडीआईएन जेनरेट करने लगे हैं। इसे क्रॉसचेक करने की सुविधा एक जुलाई से लागू हो जाएगी। इससे पारदर्शिता भी बढ़ेगी और फर्जी सर्टिफिकेशन पर भी लगाम लगेगी.'

- दीप कुमार मिश्रा, मेंबर, सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल ऑफ आईसीएआई