- वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने मेरठ जिला प्रशासन पर कसा शिकंजा, मची खलबली

- अब्दुल्लापुर में वक्फ की दस बीघा जमीन पर बनी है विजय माल्या की शराब फैक्ट्री

- बोर्ड दस हजार बीघा जमीन का तलाश रहा लेखा-जोखा, अवैध कब्जों से मुक्त कराएंगे अब्दुल्लापुर की भूमि

<- वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने मेरठ जिला प्रशासन पर कसा शिकंजा, मची खलबली

- अब्दुल्लापुर में वक्फ की दस बीघा जमीन पर बनी है विजय माल्या की शराब फैक्ट्री

- बोर्ड दस हजार बीघा जमीन का तलाश रहा लेखा-जोखा, अवैध कब्जों से मुक्त कराएंगे अब्दुल्लापुर की भूमि

MeerutMeerut: अब्दुल्लापुर स्थित वक्फ बोर्ड की दस हजार बीघा जमीन पर अवैध कब्जा हो रहा है। दस बीघा जमीन पर विजय माल्या की यूनाइटेड स्प्रिट्स प्राइवेट लिमिटेड इसकी बानगी है। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने अवैध कब्जे पर जिला प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़ा किया तो वहीं लखनऊ की प्रेस कांफ्रेंस की गूंज से मेरठ में खलबली मच गई है। हालांकि मुकदमे के संबंध में वक्फ बोर्ड के चेयरमैन की सिफारिश अभी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को नहीं मिली है।

पुराना है विवाद

वक्फ बोर्ड की बेशकीमती जमीनों पर मेरठ समेत देश के कोने-कोने में अवैध कब्जे हो रहे हैं। विजय माल्या की शराब फैक्ट्री के वक्फ बोर्ड की जमीन पर निर्माण का प्रकरण काफी पुराना है। बता दें कि इस प्रकरण लंबे समय से वक्फ बोर्ड और शराब फैक्ट्री के प्रबंधन के बीच लड़ाई चली आ रही है। हालांकि यहां साफ कर दें कि जब भी बोर्ड ने किसी बड़ी कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन से सिफारिश की या अवैध फैक्ट्री के संबंध में स्थिति स्पष्ट करने के लिए अफसरों ने दस्तावेज न होने का हवाला देकर प्रकरण को उलझा दिया।

मुलवल्ली की भूमिका पर सवाल

मेरठ में करीब भ्00 करोड़ कीमत की वक्फ की जमीन पर विजय माल्या की शराब फैक्ट्री के निर्माण के प्रकरण ने एक बार फिर देशभर में वक्फ की जमीन पर हो रहे अवैध कब्जों की ओर ध्यान खींचा है। यहां बता दें कि ख्म् अप्रैल क्9क्8 को वक्फ के खाते में अब्दुल्लापुर में स्व। सैय्यद मोहम्मद के नाम की जमीन दर्ज की है। शराब फैक्ट्री भी इसी जमीन के हिस्से में बनी है। बोर्ड अब बाकी की जमीन को खंगालने के साथ-साथ मुतवल्ली की भूमिका की पड़ताल भी करेगा।

खरीद-फरोख्त के साक्ष्य नहीं

एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि पूर्व में भी इस प्रकरण की पड़ताल की गई थी। यहां बता दें कि क्9म्भ् में इस जमीन की बिक्री हुई है, क्9फ्7 में पट्टाधारक क्9म्भ् में खरीद-फरोख्त करने वाले दोषी पाए गए थे। जांच में निकलकर आया था कि सैय्यद मोहम्मद ने जमीन तो वक्फ को दे दी किंतु रेवेन्यू रिकॉर्ड में उसकी नवैय्यत (नॉमिनेशन) नहीं बदली गई। सैय्यद मोहम्मद के परिवारवालों ने ही इस भूमि का सौदा कर दिया था।

वक्फ की जमीनों पर अवैध कब्जे दुर्भाग्यपूर्ण हैं। अब्दुल्लापुर में शराब फैक्ट्री भी वक्फ की जमीन पर बनी है। मुतवल्ली को चाहिए कि वे जमीन की निगरानी रखें और पुलिस-प्रशासन अवैध कब्जों को खाली कराए।

हाजी जैनुल राशीदीन

नायब शहर काजी