-टीबी के सबसे अधिक पेशेंट्स इंडिया में, प्रोजेक्ट टीबी कंट्रोल के लिए एक महत्वपूर्ण पहल

-अर्बन एरिया में टीबी कंट्रोल के लिए प्राइवेट सेक्टर का भी होगा रोल

PATNA: पटना में टीबी की बीमारी से निपटने के लिए बिहार गवर्नमेंट की योजना यूनिवर्सल एक्सेस टू टीबी केयर प्रोजेक्ट होटल मौर्या में आयोजित एक प्रोग्राम में लांच किया गया। हेल्थ मिनिस्टर रामधनी सिंह ने इस प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया। इस पायलट प्रोजेक्ट में प्राइवेट सेक्टर को भी भागीदार बनाया गया है। प्रोजेक्ट के माध्यम से प्राइवेट प्रैक्टिशनर्स, जांच केन्द्र व फार्मेसियों को प्रभावी टीबी कंट्रोल के लिए एजुकेट कर अर्बन एरिया में टीबी कंट्रोल के परिदृश्य में परिवर्तन लाना है। जानकारी हो कि टीबी के सबसे अधिक पेशेंट इंडिया में है। व‌र्ल्ड के कुल टीबी रोगियों में एक-चौथाई पेशेंट इंडिया में हैं। यहां हर साल टीबी के ख्फ् लाख नए मामले सामने आते हैं और तीन लाख लोग टीबी से मरते हैं।

सख्ती से हो नियम का पालन

केन्द्रीय टीबी प्रभाग के उपमहानिदेशक डॉ आरएस गुप्ता ने कहा कि यदि टीबी संक्रमण के फैलाव को रोकना है। तो गलत इलाज के तरीके को रोकना होगा। इसमें प्राइवेट क्षेत्र के महत्व को बताते हुए महानिदेशक डॉ जगदीश प्रसाद ने कहा कि यह चिंताजनक है कि आधे से अधिक आबादी बीमार होने पर पहले ्रप्राइवेट हॉस्पीटल जाती है। इसलिए इसमें इनकी भूमिका पर ध्यान देना जरूरी है।

इंटीग्रेटेड अप्रोच से होगा काम

यूनिवर्सल एक्सेस टू टीबी केयर एक पायलट प्रोजेक्ट है। इसकी पहल की संभावना के बारे में नोडल फोरम ऑन टीबी के अध्यक्ष दलबीर सिंह ने कहा कि शहरी क्षेत्र में टीबी कंट्रोल के लिए यह एक उत्साहवर्धक पहल है। इसमें प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी से एक इंटीग्रेडेट स्ट्रैटिजी पर काम किया गया है। उन्होंने आशा जताया कि यह एक सफल मॉडल होगा। इसमें आईटी का भी यूज किया जा रहा है। एक कॉल सेंटर स्थापित किया गया है। जिसमें पेशेंट से संबंधित रिकार्ड रहेगा और इलाज नियमों के पालन की निगरानी भी होगी।