--राज्य की पांचों यूनिवर्सिटी में शुरू करना था डिस्टेंस एजुकेशन

--कामकाजी लोगों को मिलता ऑप्शन, यूनिवर्सिटी को भी होता फायदा

RANCHI (6 Oct): रांची यूनिवर्सिटी समेत स्टेट की पांचों यूनिवर्सिटी में डिस्टेंस एजुकेशन शुरू होना था। इसके लिए डेढ़ साल पहले प्रॉसेस शुरू किया गया था। इतना ही नहीं स्टेट की सभी यूनिवर्सिटी को इस प्रोजेक्ट के लिए फंड भी स्वीकृत हो गये थे, लेकिन किसी भी यूनिवर्सिटी ने इस प्रोजेक्ट को शुरू करने की पहल नहीं की। इस बात से एक बात तो साफ है कि कोई भी यूनिवर्सिटी डिस्टेंस एजुकेशन को लेकर सीरियस नहीं है।

दिए गए थे ख्भ् लाख रुपए

मानव संसाधन विकास विभाग ने यूनिवर्सिटीज को डिस्टेंस एजुकेशन की स्थापना के लिए ख्भ् लाख रुपए एडवांस में दिए थे। तीनों यूनिवर्सिटी को केवल एडवांस दिया गया था, लेकिन इसके बाद भी हालत जस की तस है। वहीं टीचर्स का कहना है कि यूनिवर्सिटी केवल प्रस्ताव बनाते हैं और एचआरडी में जमा करते हैं, उसके लिए कोई प्रयास नहीं किया जाता है।

आरयू ने तैयार किया था ड्राफ्ट

रांची यूनिवर्सिटी ने दो साल पहले डिस्टेंस एजुकेशन शुरू करने के लिए दो साल पहले ड्राफ्ट तैयार कर लिया था। शुरुआत में कितने सब्जेक्ट की पढ़ाई होगी, डिस्टेंस एजुकेशन के पोस्ट क्या-क्या होंगे, इसका प्रारूप तैयार करने के लिए दूसरे स्टेट में डिस्टेंस एजुकेशन के संचालन के प्रक्रिया की जानकारी ली थी।

कामकाजी लोगों को भी मिलता पढ़ने का मौका

स्टेट की किसी भी यूनिवर्सिटी में डिस्टेंस एजुकेशन की सुविधा नहीं है। इसे शुरू करने से कामकाजी लोगों को हायर एजुकेशन करने का मौका मिलता। वहीं जिन स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी में एडमिशन नहीं मिल पाता है, वे डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से हायर एजुकेशन की शिक्षा ले सकते थे। वहीं दूसरी ओर यूनिवर्सिटी की आर्थिक स्थिति भी बेहतर होती।

वर्जन

डिस्टेंस एजुकेशन को लेकर कोई भी यूनिवर्सिटी गंभीर नहीं है। एचआरडी द्वारा राशि स्वीकृत किए जाने के बाद भी एक भी यूनिवर्सिटी ने डिस्टेंस एजुकेशन की स्थापना नहीं की है। विनोबा भावे विश्वविद्याल ने इसके लिए कुछ दिन पहले संपर्क किया है।

डॉ। डीएन ओझा, डायरेक्टर, हायर एजुकेशन