ये अन्दर की बात है

दक्षता भाषण के लिए अब जब बहुत कम समय शेष बचा है तो कैंडिडेट्स की आधी एनर्जी इसी भाषण पर जा खर्च हो रही है। भाषण के लिए क्या-क्या करना होगा, कितनी देर का होगा भाषण, वोटर स्टूडेंट्स को लुभाने के लिए क्या करना होगा आदि ऐसी बातें हैं, जिनकी प्रैक्टिस में कैंडिडेट्स जुट गए हैं। मजेदार बात तो ये है कि बन्द कमरों में समर्थकों के सामने चल रही प्रैक्टिस पर छूट रहे हंसी के हसगुल्ले ने उन्हें और बेचैन कर रखा है। हालांकि, प्रैक्टिस के दौरान प्रत्याशियों ने इस बात का खास ख्याल रखा है कि इसमें उनके खासमखास लोग ही हों। जिससे अन्दर की बात अन्दर ही रह जाए।

Live show देखने को हैं बेकरार

एक तरफ जहां छात्रों के नुमाइंदे इस बड़े इम्तेहान की तैयारी में डटे हुए हैं तो कई ऐसे भी हैं जिन्हें भाषण का टॉपिक दूसरों से अच्छा होने की फिक्र खाए जा रही है। इसके लिए वे सीनियर्स से लेकर गुरुजी का भी मार्गदर्शन ले रहे हैं और साथ ही इस बात की गारंटी भी कि उनका भाषण ही बेस्ट होगा। उधर, वोटर्स भी उनकी नुमाइंदगी का दम भरने वालों की परीक्षा का लाइव शो देखने को बेकरार नजर आ रहे हैं।  

चलो हम तो बच गए

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में दक्षता भाषण केवल प्रेसिडेंट और वाइस प्रेसिडेंट की पोस्ट के लिए ही होना है तो सीएमपी डिग्री कॉलेज में केवल प्रेसिडेंट की पोस्ट पर खड़े कैंडिडेट्स ही इसमें अपना दम दिखाएंगे। ऐसे में बाकी पदों के प्रत्याशी निश्चिंत देखे जा रहे हैं। अध्यक्ष और उपाध्यक्षों की भाषण के लिए चल रही कड़ी प्रैक्टिस को देखकर बाकी पदों के प्रत्याशी दबी जुबान यही कर रहे हैं चलो हम तो बच गए।

तब एक ने मार दी थी बाजी

वैसे लास्ट ईयर हुए दक्षता भाषण को याद करें तो इसने बड़े बड़ों का तेल निकाल दिया था। छात्रसंघ भवन की प्राचीर पर माइक थामते ही कोई अपना भाषण भूल बैठा तो किसी की आवाज ही निकलनी बंद हो गई थी। पांच सात मिनट के भाषण में कोई अपना पसीना पोछते नहीं थका तो कोई अन्त तक हकलाता ही रहा। उस समय कुल जमा प्रत्याशियों में दो या तीन कैंडिडेट्स ही नीचे खड़ी हजारों की भीड़ के जोश, उत्साह और उल्लास को बांधने में सक्षम हो पाए थे। जिन्हें बाद में इसका ईनाम भारी भरकम वोट के रूप में मिला था। इसमें एक प्रत्याशी ने जीत भी दर्ज की थी। जिसकी वजह दक्षता भाषण की बुलंद आवाज को ही माना गया था।

सीएमपी में आज, एयू में 25 को होगी speech

 बता दें कि क्वालीफाइंग स्पीच के दिन ही बहुत हद तक यह तय हो जाता है कि कौन जीतेगा और कौन हारेगा? वैसे तो रूल्स में इसका कोई प्रोविजन नहीं है। फिर भी यह स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन की हिस्ट्री का एक हिस्सा रहा है। इस दिन हजारों की भीड़ छात्रसंघ भवन के पास अपने पसंदीदा कैंडिडेट को सुनने के लिए जमा होती है। जिसमें बेहतरीन स्पीच पर तालियों की गडग़ड़ाहट और नापसंदगी पर हूटिंग भी आम होती है। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में 25 नवम्बर तथा सीएमपी डिग्री कॉलेज में 23 नवम्बर की दोपहर दो बजे से यह स्पीच होगी।