--तृतीय यूनिवर्सिटी लोक अदालत 10 को

--एक दिन में निपटेंगे दो हजार से अधिक मामले

--हाई कोर्ट परिसर में होगा आयोजन

रांची : राज्य के विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कार्य से जुड़े कर्मियों के लिए खुशखबरी। उन्हें अब कोर्ट-कचहरी के चक्कर से निजात मिलेगी। वर्षों से लंबित वाद कम समय में निपटेंगे अर्थात त्वरित न्याय मिलेगा। ऐसे में कर्मी अनावश्यक खर्च व समय की बर्बादी से बच सकेंगे। इसकी तैयारी चल रही है। झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) की ओर से दस दिसंबर को तृतीय यूनिवर्सिटी लोक अदालत लगेगी। इसमें न्यायालय में लंबित व प्री-लिटिगेशन के दो हजार से अधिक मामले निष्पादित करने की योजना है। सैकड़ों मामले कोर्ट-कचहरी पहुंचने के पूर्व निपटेंगे। झालसा की इस पहल से कर्मियों को अदालतों तक जाने की नौबत नहीं पड़ेगी। मामलों के निष्पादन में पक्षकारों के बीच 100 करोड़ रुपये के भुगतान की उम्मीद है।

गवर्नर होंगी चीफ गेस्ट

यूनिवर्सिटी लोक अदालत में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू व सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा मुख्य अतिथि होंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री रघुवर दास, शिक्षा मंत्री डॉ.नीरा यादव, सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर बानुमति सहित झारखंड हाई कोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश पीके मोहंती, झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस डीएन पटेल सहित झारखंड हाई कोर्ट के अन्य न्यायाधीश व प्रशासनिक पदाधिकारी मौके पर मौजूद रहेंगे।

आपसी सहमति से निपटेंगे विवाद

यूनिवर्सिटी लोक अदालत में न्यायिक पदाधिकारियों के समक्ष दोनों (वादी-प्रतिवादी) पक्ष आपसी सहमति से निष्कर्ष निकालेंगे। दोनों पक्षों की संयुक्त सहमति से अधिक से अधिक मुकदमों का निष्पादन किया जाएगा। निष्पादन के बाद कोई आपत्ति नहीं रहेगी और इसे उच्च अदालतों में चुनौती भी नहीं दी जा सकती।

छह यूनिवर्सिटी के मामले

राज्य के छह विश्वविद्यालयों से जुड़े मामलों का निष्पादन किया जाएगा। इनमें रांची यूनिवर्सिटी रांची, विनोबा भावे यूनिवर्सिटी हजारीबाग, नीलांबर-पितांबर यूनिवर्सिटी, मेदिनीनगर पलामू, कोल्हान यूनिवर्सिटी चाईबासा, सिद्धो-कान्हू मुर्मू यूनिवर्सिटी दुमका व बिरसा कृषि यूनिवर्सिटी रांची शामिल हैं।

261 लोगों को मिल चुका है न्याय

यूनिवर्सिटी लोक अदालत राज्य में इसके पहले दो बार लग चुकी है। 261 मामले निष्पादित हुए थे। देश स्तर पर 13 मई 2012 को न्याय सदन झालसा में लगी लोक अदालत में 131 मामले निष्पादित हुए थे। पक्षकारों के बीच 3.85 करोड़ रुपये का समझौता हुआ था। द्वितीय यूनिवर्सिटी लोक अदालत में 130 मामलों के निष्पादन में 2.49 करोड़ रुपये का समझौता हुआ था।

'झालसा व झारखंड हाई कोर्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी की ओर से तथा राज्य सरकार के सहयोग से यूनिवर्सिटी लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। पूरे राज्य में एक साथ ऐसा आयोजन करनेवाला झारखंड देश में पहला राज्य होगा। इसकी व्यापक तैयारी चल रही है.'

- एके राय, सदस्य सचिव, झालसा