Emails की priorities तय करें

एक स्टडी के मुताबिक एक ईमेल को रिप्लाई करने में एवरेज टाइम पांच मिनट लगता है. अगर आप दिनभर में 12 ईमेल्स भी टैकल करते हैं तो कुल एक घंटे का वक्त लगता है. बेहतर होगा प्रियॉरिटी तय करें.

Tip: बैंक इम्प्लॉई दिनेश माथुर कहते हैं, ‘जिन ईमेल्स जिनका जवाब आप तुरंत दे सकते हैं उसे रिप्लाई करें लेकिन जिन ईमेल्स के जवाब देने में आपको देर होने की गुंजाइश हो उनके तुरंत रिप्लाई करने के बजाय उसके लिए एक टाइम शेड्यूल फिक्स करें. उसे टु डु लिस्ट में सबसे ऊपर रखें.’

Email notifications के use से बचें Message stress box

अगर हर मैसेज का तुरंत रिप्लाई करना जरूरी नहीं हो तो हर मिनट मैसेज का रिप्लाई करने से बचें. ये आपकी ओवरऑल प्रोडक्टिविटी और कंसंट्रेशन पर असर डालता है.

Tip: सॉफ्टवेयर इंजीनियर राकेश यादव कहते हैं, ‘अक्सर इम्पॉर्टेंट काम करते वक्त डेस्कटॉप पर ईमेल्स फ्लैश होने लगते थे.

ईमेल्स चेक करते वक्त कई बार आप उसमें उलझते चले जाते हैं और प्रियॉरिटी वाला काम अटक  जाता है.’  ईमेल नोटिफिकेशन को टर्न ऑफ कर देने के बाद कंसंट्रेट रहना ज्यादा आसान होगा.  हां, काम शुरू करने से पहले या खत्म करने के बाद ईमेल्स जरूर चेक करें.

Folders और labels का use करें

फोल्डर्स और लेबल्स दो पॉवरफुल टूल्स हैं जिसकी मदद से आप अपने जरूरी ईमेल्स आसानी से सर्च कर सकते हैं.

Tip: कई बार लोग इनबॉक्स से ज्यादा मेल्स फोल्डर में डाल देते हैं. इससे फर्क सिर्फ यही पड़ता है कि इनबॉक्स का टेंशन फोल्डर में शिफ्ट हो जाता है. अलग-अलग कैटेगरी के ढेर सारे फोल्डर्स बनाना क्लटर को बढ़ाने जैसा ही है इसलिए कम लेकिन स्पेसिफिक फोल्डर्स ही बनाएं.

कहीं आप piler या filer तो नहीं

साइकोलॉजिस्ट डॉ. केके मिश्रा के मुताबिक दो टाइप की पर्सनालिटीज होती हैं जिनके  इनबॉक्स में पुराने मेल्स के ढेर मिल जाएंगे. पहला पाइलर, जो हर मैसेज को बचाकर रखता है और दूसरा फाइलर जो इनबॉक्स खाली करने के लिए हर मैसेज को फोल्डर में डाल देता है. ये दोनों ही आब्सेशन के शिकार होते हैं. इन्हें ज्यादा अलर्ट होने की जरूरत है.

Tip: डॉ. मिश्रा कहते हैं, ‘मैसेज को इनबॉक्स में बचाकर रखना या फोल्डर में डालना दोनों ही मेंटली पजल्ड रखेंगे. बेहतर होगा आप गैरजरूरी मैसेज की पहचान कर उसे हटाते जाएं, और जरूरी मैसेज को कैटेगरी के अकार्डिंग फोल्डर में  डालते जाएं.

Use ISP

आईएसपी यानि इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर की हेल्प से स्पैम मेल्स से बचा जा सकता है. स्पैम मेल्स आने की कम्प्लेन आईएसपी पर कर देने से उसका सर्वर स्पैम मेल्स को फिल्टर कर देता है.

-सुमित श्रीवास्तव, कंप्यूटर इंजीनियर