-दो दिन में 21 एफआईआर, महीने भर में 76

-जिससे सकते में आए अफसरों ने बंद करा दी थी एफआईआर

BAREILLY: गाजियाबाद की तर्ज पर बरेली में भी 1 अगस्त से शुरू ऑन स्पॉट एफआईआर को एक महीना पूरा हो गया है। एक महीने में बरेली के 29 थानों में सिर्फ 76 एफआईआर ही दर्ज हुई हैं, जो साफ दर्शाता है कि इस सिस्टम की भी पुलिस ने वॉट लगा दी है। जिस तेजी से सिस्टम शुरू हुआ था उससे तो दो दिन में ही 21 एफआईआर दर्ज हो गई थीं, लेकिन क्राइम रिकॉर्ड बढ़ने के डर से जिले के अधिकारियों ने इस पर रोक लगा दी थी। आईजी के निर्देश पर दोबारा एफआईआर दर्ज होना तो शुरू हुई लेकिन सिस्टम थानों की मर्जी से ही चला, जिसकी वजह से ही एफआईआर का आंकड़ा इतना कम पहुंच सका, जबकि अधिकांश मामलों में यूपी 100 मौके पर पहुंचती है।

यह सिस्टम किया गया है लागू

-आईजी रेंज डीके ठाकुर ने पब्लिक की सुविधा के लिए डीजीपी के पायलट प्रोजेक्ट को 1 अगस्त से बरेली रेंज में लागू किया था।

- बरेली से पहले यह सिस्टम गाजियाबाद में चल रहा था, जहां इसका अच्छा रिस्पॉन्स मिला था और क्राइम की कई वजह सामने आयी थीं

- इस सिस्टम के तहत घर-शॉप में चोरी, वाहन चोरी, मोबाइल, पर्स व अन्य लूट के मामलों में रिपोर्ट ऑन स्पॉट दर्ज की जाती है।

-इसके तहत यूपी 100 को फोन करने पर पीआरवी मौके पर जाती है। पीआरवी तीनों मामलों के आधार पर फार्म को फिल करती है और फिर एक पर्ची शिकायत करने वाले को दी जाती है।

- एक कॉपी पीआरवी अपने पास रखती है और एक कॉपी थाने में दी जाती है। थाना पुलिस इस कॉपी पर एफआईआर दर्ज कर देती है। इसमें शिकायतकर्ता को थाने पर जाने की जरूरत भी नहीं हाेती है।

बढ़ गया था अपराध का ग्राफ

-जैसे ही ऑन स्पॉट एफआईआर का सिस्टम लागू किया गया तो पहले 12 घंटे में ही 8 एफआईआर दर्ज हो गई।

- दो दिन में कुल 21 एफआईआर दर्ज की गई। इसमें वाहन चोरी और लूट के भी मामले थे। इन्हीं मामलों को पुलिस आसानी से दर्ज नहीं करती है और क्राइम ग्राफ कम दिखाया जाता है।

-बरेली के 29 थानों में औसतन रोजाना 15-20 एफआईआर दर्ज होती हैं। ऐसे में दो दिन में 21 एफआईआर दर्ज होने से क्राइम का ग्राफ बढ़ गया।

-पुलिस के रिकॉर्ड में करीब 25 परसेंट तक इजाफा होने की संभावना बढ़ी तो जिला स्तर के अधिकारियों ने इस सिस्टम को बंद करा दिया। इसके लिए एक अधिकारी के फोन आने का हवाला दिया गया।

-जब आईजी को सिस्टम बंद होने का पता चला तो उन्होंने तुरंत एसएसपी व एसपी ट्रैफिक को इसे शुरू करने के निर्देश दिए। जिसके बाद इसे फिर से चालू कर दिया गया है।

-9 अगस्त से दोबारा एफआईआर दर्ज होना शुरू हुअ, लेकिन इसकी स्पीड काफी स्लो रही, जिसकी वजह से देखा जाए तो 23 दिन में सिर्फ 55 एफआईआर दर्ज हुई

-अब मौके पर पर्ची तो दे दी जाती है लेकिन थाने की पुलिस इसमें हीला हवाली करती है और फिर जांच के बाद एफआईआर करती है

-कई थाने तो पीआरवी के द्वारा दी गई पर्ची को ही थाने में रख लेते हैं और फिर केस को मैनेज करने में लग जाते हैं

फीगर स्पीक

76 एफआईआर एक महीने में दर्ज

21 एफआईआर दर्ज हुई थीं दो दिन में

29 थाने हैं जिले में, जिनमें 10 शहर में

84 पीआरवी यूपी 100 की जिले में

79 पीआरवी फील्ड में 5 रिजर्व

01 अगस्त से शुरू हुई थी व्यवस्था

09 अगस्त से बंद होने के बाद दोबारा शुरू

15 एफआईआर औसतन रोजाना जिले में दर्ज