- कई विस क्षेत्रों में काफी देर तक दिखा घमासान, बदलता रहा रुझान

- पिपराइच में अंत-अंत तक बना रहा सस्पेंस, आखिर में बदल गया परिणाम

GORAKHPUR:

डीडीयूजीयू के दीक्षा भवन में हो रही काउंटिंग के दौरान आते रुझान के साथ ही कैंडिडेट्स और उनके समर्थकों के चेहरे खिलते-मुरझाते रहे। कई विस क्षेत्रों में एक के बाद दूसरा रुझान इतना बदला होता कि संस्पेंस अंत-अंत तक बरकरार रहा। ऐसे विस क्षेत्रों के परिणाम पर अन्य लोगों की भी नजर लगी रही। हालांकि ज्यादातर पर शुरुआती रुझान जिसके पक्ष में आने शुरू हुए, उसी की अंत तक बढ़त बनी रही।

पिपराइच का परिणाम खास

पिपराइच विस क्षेत्र के काउंटिंग के दौरान सबसे अधिक रोमांच दिखा। बसपा उम्मीदवार आफताब आलम, भाजपा के महेंद्रपाल और सपा के अमरेंद्र निषाद में मुकाबले के रुझान आने शुरू हुए। शुरुआती चक्रों में आफताब आलम आगे दिखे तो उनके समर्थकों में खुशी बढ़ गई। वहीं बाद में सपा ने बढ़त ली तो भाजपा और बसपा एजेंट्स की सांसें अटक गई। निर्वाचन विभाग की ओर से होने वाली उद्घोषणा पर उनके चेहरे की रंगत बदलती रही। मतगणना कक्षों में मौजूद एजेंट्स के साथ-साथ बाहर खड़ा हुजूम भी हालात के अनुसार ढलता दिखा.बीच-बीच में तीनों प्रत्याशी एक दूसरे के आगे पीछे लगे रहे। लेकिन अंत तक आते-आते भाजपा ने बढ़त बना ली। आफताब के पीछे होने की सूचना पर सपा के लोगों ने हिम्मत बांधी लेकिन देर तक टिक नहीं सके। बीच-बीच में कुछेक बूथों पर निर्दल प्रत्याशी अनीता जायसवाल भी अपनी उपस्थिति का अहसास कराती रहीं। भाजपा के महेंद्रपाल सिंह की बढ़त ने बसपा को पीछे छोड़ा तो सपा के लोग खिसकने लगे। अमरेंद्र निषाद अपने एजेंट्स के साथ बाहर निकल गए। परिणाम आने के पहले ही आफताब ने मैदान छोड़ दिया। अंत में भाजपा के महेंद्रपाल सिंह ने मैदान मार लिया।

बांसगांव में शुरु से बढ़त

बांसगांव विधान सभा सीट को लेकर लोगों में खूब उत्सुकता बनी रही। बांसगांव से भाजपा उम्मीदवार डॉ। विमलेश पासवान, सपा की शारदा देवी और बसपा के धर्मेद्र कुमार के बीच मुकाबला था। बांसगांव लोकसभा क्षेत्र के सांसद कमलेश पासवान के छोटे भाई डॉ। विमलेश पासवान के प्रत्याशी होने से सबकी निगाहें टिकी थी। मतगणना शुरू होने पर डॉक्टर विमलेश को बढ़त मिल गई। बढ़ते मिलने पर उनके समर्थकों के चेहरे खिलने लगे। अन्य प्रत्याशियों को उम्मीद रही कि आगे चलकर वह लोग वोटों के अंतर को कम करने में कामयाब होंगे। लेकिन अंत तक बसपा और सपा के उम्मीदवार भाजपा के प्रत्याशी को पछाड़ नहीं पाए। माना जा रहा था कि बांसगांव के कुछ मतदान केंद्रों पर शारदा देवी को सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। चुनाव बाद बीजेपी के अतिरिक्त अन्य दलों के लोग बसपा उम्मीदवार को भारी बनाने लगे थे। हालांकि उनका कोई भी आंकलन सही साबित नहीं हुआ। अंत में पूरी तरह से परिणाम भाजपा के पक्ष में रहा। चरगांवा ब्लॉक प्रमुख डॉक्टर विमलेश पासवान विधान सभा पहुंचने में कामयाब हुए।

कैंपियरगंज में जोरदार मुकाबला

कैंपियरगंज विधान सभा सीट से भाजपा के फतेह बहादुर सिंह, बसपा के आनंद निषाद, सपा और कांग्रेस गठबंधन की उम्मीदवार चिंता यादव के बीच जोरदार मुकाबला था। इस क्षेत्र से राष्ट्रीय लोकदल के गोरख सिंह भी मैदान में कूदे थे। इस बार माना जा रहा था कि गोरख सिंह की वजह से फतेह बहादुर को काफी नुकसान होगा। बसपा के आनंद निषाद भी फतेह बहादुर को हराने की जुगत में लगे थे जबकि पूर्व मंत्री फतेह बहादुर अपनी जीत के प्रति आश्वस्त थे। मतगणना शुरू होने पर दूसरे दलों के एजेंट्स और बाहर जुटे समर्थक काफी उत्साह में नजर आए। लेकिन गणना शुरू होने के बाद फतेह बहादुर सिंह के अलावा अन्य सभी के चेहरे मुरझा गए। शुरू में ही बीजेपी को बढ़त मिल गई। धीरे-धीरे बढ़त का आंकड़ा बढ़ता रहा। वोटों की गिनती में सपा और बसपा से आगे निकलने पर अपनी जीत के प्रति कार्यकर्ता आश्वस्त हो गए। रिजल्ट डिक्लेयर हुए बिना ही अबीर-गुलाल उड़ाना शुरू कर दिया। जीत सुनिश्चित होने पर फतेह बहादुर मतगणना केंद्र पर पहुंचे।