- हरियाणा में गोवंश काटने वालों पर होगा 302 का केस

- यूपी में भी बनाया जाए गोकशी के खिलाफ सख्त कानून

Meerut: हरियाणा सरकार ने गोकशी करने वालों पर कानूनी शिकंजा कस दिया है। अब जो भी हरियाणा में गोकशी करेगा उसके खिलाफ आईपीसी की फ्0ख् धारा का मुकदमा कायम कर जेल भेजा जाएगा। गो हत्या गैर जमानती अपराध होगा, जिसमें अधिकतम दस साल तक की सजा का प्रावधान है। यूपी में गोकशी करना अपराध है, लेकिन कार्रवाई बहुत कमजोर है। जिसके चलते गोकशी करने वाले जेल से बाहर आकर फिर इस धंधे को करना शुरू कर देते हैं। मेरठ के लोगों ने हरियाणा की तरह यूपी में भी इस तरह कानून बनाने की मांग की है।

इन्होंने कहा

हरियाणा सरकार का फैसला बहुत सराहनीय है। ऐसा कानून यूपी में भी बनना चाहिए, ताकि गोवंश काटने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके। यूपी को हरियाणा से सीख लेने की आवश्यकता है।

मीनल गौतम

प्रदेश छात्रा प्रमुख्

एबीवीपी

यूपी में गोवंश को बेरहमी से खूब काटा जा रहा है। यह कमजोर कार्रवाई का नतीजा है, जिसके कारण गोकशी सबसे अधिक हो रही है। हरियाणा जैसा यह नियम यूपी में भी लागू होना चाहिए।

राम कुमार शर्मा

सीनियर एवोकेट

गोकशी करना बड़ा अपराध है। हरियाणा की तरह यूपी में भी इस तरह का कानून बनेगा तो गोकशी की घटनाओं में न केवल कमी आएगी बल्कि विराम लग जाएगा। उम्मीद है कि यूपी में भी गोकशी पर कठोर कार्रवाई का प्रावधान बनेगा।

अनुज जावला

स्टूडेंट लीडर

मेरठ कॉलेज

गोकशी करना बड़ा अपराध है। हरियाणा में जो नया नियम बना है, हम उसकी प्रशंसा के साथ स्वागत करते हैं। इस तरह के कानून की आवश्यकता यूपी में है। जिसके लिए हम आवाज बुलंद करेंगे।

विनय विरालिया

भाजपा नेता

अब क्या है यहां पर कार्रवाई का प्रावधान

गोकशी करना कानूनी अपराध है। जो इस को करता है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का प्रावधान बना हुआ है। गोवध अधिनियम के तहत गोकशी फ्-भ्-8 की धारा में कार्रवाई की जाती है। इसमें पांच से सात साल तक सजा का प्रावधान है। खास बात यह है कि यह धारा जमानती है। वहीं आईपीसी की ख्70 धारा के तहत जानबूझकर ऐसा मीट बेचना जिससे संक्रमण फैल सकता है, इसमें दो साल तक की सजा का प्रावधान है। साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है। आईपीसी की ख्7फ् धारा का प्रयोग उस अवस्था में किया जाता है जो खाद्य पदार्थ बैन हो, उसको बेचा जा रहा है। तो यह धारा लगाई जाती है। इस धारा में छह महीने की सजा और एक हजार रुपये जुर्माना लगाया जा सकता है।