वर्ष 2017 10वीं

55,205- पंजीकृत

48,881-उपस्थित

6324-अनुपस्थित

11.45- प्रतिशत गैरहाजिर

वर्ष 2017 12वीं

40380- पंजीकृत

36925-उपस्थित

3455-अनुपस्थित

8.56- प्रतिशत गैरहाजिर

वर्ष 2018 10वीं

58221-पंजीकृत

50706-उपस्थित

7515-अनुपस्थित

12.91- प्रतिशत गैरहाजिर

वर्ष 2018 12वीं

44917-पंजीकृत

40186-उपस्थित

4731-अनुपस्थित

10.58- प्रतिशत गैरहाजिर

नोट: यह आंकड़े हिन्दी के पेपर से लिए गए हैं।

198 लिखित शिकायतें व्यवस्थागत खामियों की कंट्रोल रूम पहुंची

127 मौखिक शिकायतें व्यवस्थागत खामियों की कंट्रोल रूम पहुंची

BAREILLY :

उत्तर प्रदेश बोर्ड परीक्षा का महाकुंभ मंडे को खत्म हो गया। 35 दिन तक चली परीक्षा में चर्चा का विषय बना रहा सीसीटीवी कैमरा। इसका असर परीक्षा में दिखाई भी दिया। कैमरे के डर से स्टूडेंट्स परीक्षा में नकल करने की हिम्मत नहीं जुटा सके। यही वजह है कि इस बार परीक्षा में सबसे कम नकलची पकड़ने जाने का रिकॉर्ड बना। महज 3 नकलची पकड़े गए।

केन्द्र व्यवस्थापकों पर हुई थी कार्रवाई

नकल विहीन बोर्ड परीक्षा कराने के लिए इस बार सरकार ने सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में परीक्षा कराने का निर्णय लिया था। परीक्षा केन्द्र पर डीआईओएस ने सीसीटीवी कंट्रोल रूम से जब फुटेज देखी तो उसमें जिसकी भी लापरवाही दिखाई दी वहां के केन्द्र व्यवस्थापक या फिर सहायक केन्द्र व्यवस्थापक को हटा दिया गया था। जिसमें पहले दिन जमीन पर बैठाकर परीक्षा कराने वालों में कुतरोई केन्द्र व्यवस्थापक को हटाया गया। वही परीक्षार्थियों की ताका-झांकी के चलते केडीईएम के सहायक केन्द्र व्यवस्थापक को भी हटाया गया था। वहीं पछले वर्ष से यूपी बोर्ड परीक्षा फॉर्म ऑनलाइन कर दिए गए थे। जिस कारण परीक्षा फॉर्म भरने के दौरान फर्जीवाड़ा करने वालों पर रोक लग गई थी। जिससे जेन्यूइन परीक्षार्थी ही परीक्षा के लिए फॉर्म अप्लाइर्1 किए थे।

नकलचियों में दो हाईस्कूल, 1 इंटरमीडिएट का

यूपी बोर्ड की परीक्षा में इस बार सिर्फ तीन नकलची पकड़े गए। जिसमें 6 फरवरी को अजीत सिंह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुतरोई में हाईस्कूल का छात्र, सरस्वती विद्यामंदिर स्कूल में इंटरमीडिएट हिन्दी की परीक्षा में छात्र और 13 फरवरी को सीबीगंज के शिवज्ञान इंटर कॉलेज में मैथ्स के पेपर में एक छात्र पकड़ा गया था।

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यूपी बोर्ड परीक्षा शांतिपूर्वक हो गई। सीसीटीवी कैमरे के डर से परीक्षा छोड़ने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या में कोई बहुत बड़ा अंतर नहीं रहा, लेकिन स्टूडेंट्स नकल करने की हिम्मत नहीं जुटा सके। सीसीटीवी कैमरे का प्रयोग अच्छा रहा।

अचल कुमार मिश्रा, डीआईओएस