इनके तो परीक्षक ही नहीं

रीजनल बोर्ड इलाहाबाद की ओर से इलाहाबाद में करीब नौ मूल्यांकन केंद्र बनाए गए थे। इन सेंटर्स पर तकरीबन सभी सब्जेक्ट्स की कॉपियां भेजी गई थीं। कुछ सब्जेक्ट ऐसे भी थे जिनकी कॉपियां तो बोर्ड ने भेज दीं लेकिन परीक्षक एक भी एलॉट नहीं किया। इसमें ट्रेड सब्जेक्ट के अलावा लैंग्वेज की कॉपियां शामिल थीं। भारत स्काउट एंड गाइड इंटर कॉलेज के डिप्टी कंट्रोलर का कहना है कि करीब चार हजार पंजाबी लैंग्वेज की कॉपियां यहां पर आई थी जबकि एक भी परीक्षक एलॉट नहीं था। इसके अलावा बंगाली, मलयालम, उडिय़ा आदि के भी परीक्षक न होने की वजह से कॉपियां रीजनल ऑफिस लौटा दी है।

कितनी कॉपियां चेक कराएं?

बोर्ड की लापरवाही का ये मामला नया नहीं है। लास्ट ईयर भी कई सब्जेक्ट की कॉपियां परीक्षकों की कमी के चलते वापस रीजनल बोर्ड ऑफिस भेजनी पड़ गई थीं। इस बार भी कही एग्जामनर कॉपियों के एवरेज में ज्यादा हैं कही पर मानक से ज्यादा कॉपियां पहुंचीं। कुछ ऐसा ही हाल  केपी इंटर कॉलेज में भी देखने को मिला। यहां पर तकरीबन डेढ़ लाख कॉपियां भेजी गई। इसे चेक करने के लिए केवल 156 परीक्षक ही पहुंचे। डिप्टी कंट्रोलर का कहना है कि अभी तक बोर्ड की ओर से डेट बढऩे की जानकारी उन्हें नहीं आई है। ऐसे में डीआईओएस को उन्होंने 40 हजार कॉपियों को चेक न होने की जानकारी दे दी है।

इसलिए आई यह नौबत?

जिला विद्यालय निरीक्षक के अनुसार कॉपियां चेक करने के लिए शिक्षकों की ड्यूटी बोर्ड की ओर से लगाई जाती है। इसके बाद हर सेंटर को कॉपियों के साथ परीक्षकों की लिस्ट भेज दी जाती है। इस बार शिकायत मिली थी कि कॉपियां ज्यादा आ गई हैं। उसके अनुपात में शिक्षक एलॉट नहीं हुए थे। इस वजह से प्रॉब्लम हुई। केपी इंटर कॉलेज, सीएवी इंटर कॉलेज, जमुना क्रिश्चियन इंटर कॉलेज, राजकीय इंटर कॉलेज में अभी भी फिजिक्स, भूगोल, नागरिक शास्त्र, होम साइंस की करीब दस हजार से ज्यादा कॉपियां मूल्याकंन के आखिरी दिन तक चेक नहीं हो पाईं हैं।

21 ने जांच दी 58 हजार कापियां

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा की कॉपियों को जांचने को लेकर किस हद तक लापरवाह रवैया अपनाया गया है। इसकी एक बानगी देखिए। सीएवी इंटर कॉलेज में नागरिक शास्त्र फस्र्ट पेपर की 90 हजार से ज्यादा कॉपियां आई थीं। बोर्ड ने 162 परीक्षक एलॉट किए थे। इसमें से 120 ही मौजूद रहे। इससे भी बुरा हाल हिस्ट्री का रहा। इसकी 58 हजार कॉपियों को जांचने के लिए सिर्फ 21 परीक्षकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। राजकीय इंटर कॉलेज में होम साइंस की 50 हजार कॉपियों के लिए 45 परीक्षक ही नियुक्ति किए गए जबकि मूल्यांकन खत्म होने से पहले 12 हजार कॉपियां और एलॉट कर दी गई।

टोटा है आप बताइए क्या करे?

इलाहाबाद रीजन के अपर सचिव प्रदीप कुमार कहते हैं कि परीक्षकों का टोटा हर साल रहता है। परीक्षकों की ड्यूटी पहले ही एलॉट कर दी जाती है। जहां परीक्षकों की उपस्थिति कम है, उसकी इंफॉर्मेंशन डीआईओएस को देनी चाहिए। वैसे भी जिसके परीक्षक मूल्यांकन सेंटर पर मौजूद नहीं होते, वहां की कॉपियां बोर्ड वापस मंगवाकर चेक करने के लिए भेजता है।

Report By- Anurag Shukl