-ऑनलाइन फीड किया जा रहा कक्ष निरीक्षकों का ब्योरा

-परिचय पत्र में मोबाइल नंबर भी होगा दर्ज

KAUSHABI: यूपी बोर्ड परीक्षा ख्0क्भ् को नकल विहीन कराने के लिए अबकी बोर्ड ने पुख्ता तैयार की है। कक्ष निरीक्षकों को परिचय पत्र अब डीआइओएस नहीं बल्कि सचिव जारी करेंगे। इसके लिए कालेज के प्रधानाचार्यो से कक्ष निरीक्षकों का फोटो व ब्योरा मांगा गया है। ब्यौरा ऑनलाइन फीड किया जा रहा है। इस नई व्यवस्था से शिक्षा माफिया सकते में हैं।

यूपी बोर्ड परीक्षा ख्0क्भ् की तैयारियां तेज हो गई हैं। क्9 फरवरी से बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक ने परीक्षा संपन्न कराने के लिए सभी तैयारियां कर ली हैं। अबकी बार होने जा रही परीक्षा में एक बड़ा बदलाव किया गया है। अबकी कक्ष निरीक्षकों को डीआइओएस कार्यालय से परिचय पत्र नहीं जारी किए जाएंगे। कक्ष निरीक्षकों को परिचय पत्र सचिव जारी करेंगे। इसके लिए जिला विद्यालय निरीक्षक राजशेखर ने सभी प्रधानाचार्यो को निर्देश दिया है कि वह कक्ष निरीक्षकों का फोटो सहित विवरण ऑनलाइन फीड करें। इसके लिए प्रधानाचार्यों को कोड भी आवंटित किया गया है। ऑनलाइन डाटा तेजी से फीड किया जा रहा है। कक्ष निरीक्षकों का परिचय पत्र तैयार होने के बाद इसका वितरण भी आनलाइन ही होगा। इसकी जानकारी डीआइओएस ने प्रधानाचार्यो को दे दी है। आईकार्ड में कक्ष निरीक्षक का नाम व मोबाइल नंबर भी होगा। सचल दल के छापे में कक्ष निरीक्षकों की भी विधिवत जांच होगी। इसकी भनक लगते ही वित्तविहीन कालेजों में परीक्षा के दौरान ड्यूटी करने वाले कक्ष निरीक्षक अभी से सहमे हुए हैं। कार्रवाई का खौफ उन्हें अभी से सताने लगा है।

कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी में नहीं होगा बदलाव

नई व्यवस्था के तहत कक्ष निरीक्षकों का परिचय पत्र आने के बाद ड्यूटी में किसी तरह का बदलाव केंद्र व्यवस्थापक नहीं कर सकेंगे। यदि कक्ष निरीक्षकों को ड्यूटी से हटाना है अथवा वह खुद ड्यूटी नहीं करना चाहता है तो इसकी जानकारी डीआइओएस को देनी होगी। डीआइओएस इसके लिए बोर्ड से अनुमति लेंगे। अनुमति मिलने के बाद ही इस कार्रवाई को अमल में लाया जाएगा।

ड्यूटी करने को तैयार नहीं स्टाफ

बोर्ड की सख्ती व डीआइओएस के तेवर को देखते हुए कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी करने से विद्यालयों का स्टाफ कतरा रहा है। बार-बार प्रधानाचार्यो द्वारा स्टाफ से फोटो सहित ब्यौरा मांगा जा रहा है, लेकिन स्टाफ विवरण देने में आनाकानी कर रहे हैं। इससे प्रधानाचार्य परेशान हैं। परीक्षा का समय नजदीक आ गया है और परिचय पत्र नहीं बन पाए हैं। यदि यही स्थिति रही तो कक्ष निरीक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए प्रशासन प्राइमरी विद्यालयों के शिक्षकों को कक्ष निरीक्षक की जिम्मेदारी दे सकते हैं।