- तरहार क्षेत्र में बने केंद्रों तक पहुंचने में सचल दस्ते को करनी पड़ेगी कड़ी मशक्कत

- मुख्य मार्गो से 20 किमी से भी अधिक दूर जंगलों में भी क्यों बनाये गये केंद्र

BARA (18 Feb, JNN): उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के अधिकारी एवं जिला प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद नकल माफियाओं की मण्डी भी सज गई है। इसका अंदाजा केंद्र निर्धारण में हुई मनमानी एवं अनियमितता को देखकर लगाया जा सकता है। यूपी बोर्ड द्वारा केंद्र निर्धारण के लिए बनाए गए मानकों की खुलेआम धज्जियां उड़ाकर केंद्र निर्धारण किए गए हैं। इसके बाद नकल माफियाओं द्वारा स्टूडेंट्स से धन उगाही का सिलसिला शुरू हो गया है।

बोर्ड पर लिखकर कराएंगे नकल

नकल माफियाओं द्वारा यूपी बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं के नकल विहीन कराने के मंसूबों पर पानी फेरने के पूरे इंतजाम कर लिए गए हैं। केंद्र निर्धारण में हुई मनमानी के बाद स्टूडेंट्स को नकल कराने, राइटर से कांपी लिखवाने आदि की व्यवस्था कराई गई है। बोर्ड पर लिखकर नकल कराने की भी व्यवस्थाएं हैं। नकल के लिए वित्तविहीन विद्यालय सबसे आगे हैं क्योंकि इनमें परीक्षा शुल्क के साथ पास कराने एवं डिवीजन बनवाने तक का ठेका लिया जाता है।

मिल जाएगी सचल दस्तों की सूचना

विभाग द्वारा बनाए गए सचल दस्ते पर भी नकल माफियाओं ने अपना नियंत्रण कर लिया है। वह कब और कहां जाएंगे, इसकी पूर्व सूचना केंद्र संचालकों को मिल जाएगी। नकल माफियाओं की पहुंच का आलम यह है कि मनमानी विद्यालयों को केंद्र बनवाया गया और उक्त केंद्रों पर मनमाने कक्ष निरीक्षकों की नियुक्तियां भी करवा ली। फिलहाल बारा तहसील के अन्तर्गत ख्ब् परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं जिसमें कुल क्फ्00क् छात्र छात्राओं की परीक्षाएं आयोजित होंगी।