यूपी बोर्ड परीक्षा का सेंटर बनवाने के लिए संचालकों की कसरत

शिक्षाधिकारियों के हाथ खडे़ करने पर सीधे डीएम से साधा संपर्क

फीरोजाबाद : साहब! हमारा कालेज बहुत अच्छा है । .! बैठने के लिए फर्नीचर और पीने के लिए पानी की व्यवस्था भी है । .! साहब, हमारे यहां बड़े कमरे हैं। लाइट चली जाए तो जनरेटर का इंतजाम भी है । .! बच्चों को कोई परेशानी नहीं होगी । .! आप बस हमारे कालेज को परीक्षा केंद्र बना दीजिए । .! ये कुछ ऐसे वाक्य हैं जो आजकल शिक्षाधिकारियों से लेकर डीएम दरबार तक में सुनाई दे रहे हैं। अपने शिक्षण संस्थान को परीक्षा केंद्र बनवाने के लिए संचालक अपने कालेज को एक प्रॉडक्ट की तरह पेश कर रहे हैं।

सिफारिशें हुई बेकार

दरअसल जिले के कई कालेज संचालक इन दिनों उनके संस्थान में परीक्षा केंद्र न बनने से परेशान हैं। कई जगह से सिफारिशें करवा चुके हैं, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं मिल रहा है। शिक्षाधिकारियों से संपर्क करते हैं तो सीधे डीएम कार्यालय का रास्ता दिखा दिया जाता है।

बस प्लास्टर नहीं हुआ

शुक्रवार की दोपहर भी कई कालेज संचालक डीएम विजय किरन आनंद के दरबार में पहुंचे। डीएम ने शिक्षकों और कमरों की संख्या पूछी तो बताया कि 19-20 शिक्षक और 22-23 कमरे हैं। डीएम ने पूछा कमरों में प्लास्टर है तो जुबान बंद हो गई। धीमी आवाज में बोले साहब अभी प्लास्टर नहीं हुआ है।

अच्छे संस्थान बनेंगे सेंटर

डीएम ने साफ कहा कि परीक्षार्थियों की संख्या पहले से कम हो गई है। ऐसे में कोई नया परीक्षा केंद्र नहीं बन सकता। काली सूची एवं अव्यवस्थाओं वाले परीक्षा केंद्र हटाने के बाद यदि जरूरत पड़ी तो क्षेत्र के सबसे अच्छे संस्थान को परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा।