- सिटी के बुक मार्केट में अभी तक नहीं आईं यूपी बोर्ड की नई एनसीईआरटी पैटर्न किताबें

- एक अप्रैल से शुरू हो रहा नया सेशन, अभी तक किताबों की प्रिंटिंग का ही पता नहीं

अभी प्रिंटिंग का ही पता नहीं
बता दें, यूपी बोर्ड के करीब 25 हजार स्कूलों में नए सेशन से कोर्स को बदल दिया गया है। 9वीं से 12वीं तक का सिलेबस एनसीईआरटी बेस्ड कर दिया गया है। इन किताबों को छापने के लिए यूपी बोर्ड ने अधिसूचना भी जारी कर दी थी। जिसमें कहा गया था कि सभी प्रकाशकों-मुद्रकों को 21 मार्च 2018 तक किताबें बाजार में लानी होंगी। लेकिन जानकारों की मानें तो अभी किताबों की प्रिंटिंग का काम ही नहीं शुरू हुआ है।

एक अप्रैल को प्रकाशकों की बैठक
बक्शीपुर स्थित बुक सेलर बबलू ने बताया कि यूपी बोर्ड की किताबें आमतौर पर 20 मार्च के आसपास मार्केट में आती थीं। इस बार नया सिलेबस लागू हुआ है। जिसके चलते अभी यह नहीं तय हुआ है कि कौन सा प्रकाशक किस सब्जेक्ट की किताब प्रिंट करेगा। इसके लिए एक अप्रैल को शासन में सभी प्रकाशकों की बैठक है। ऐसे में नए सेशन के पहले दिन से स्टूडेंट्स को बिना किताबों के ही स्कूल जाना होगा

बाकी कक्षाओं को भी नहीं मिलेंगी किताबें
वहीं 9वीं व 11वीं में बिना किताबों के ही नए सेशन की शुरुआत होगी। किताबों की प्रिंटिंग में होने वाली देरी के कारण स्टूडेंट्स को आधा अप्रैल बीतने के बाद ही किताबें मिलेंगी। वहीं राजकीय और एडेड स्कूलों में कक्षा एक से आठवीं तक बेसिक विभाग की किताबों से नया सेशन शुरू होना है। वहीं सेल्फ फाइनेंस स्कूलों के लिए एनसीईआरटी के पैटर्न की कौन सी किताबें चलेंगी, इसको लेकर भी जिम्मेदारों की ओर कोई जानकारी नहीं दी गई है।

अप्रैल फ‌र्स्ट वीक तक किताबें मार्केट में आ जाएंगी
किताबों का काम लगभग पूरा कर लिया गया है। कुछ कारण हैं जिनके चलते देरी हो रही है। अप्रैल फ‌र्स्ट वीक तक किताबें मार्केट में आ जाएंगी।
- नीना श्रीवास्तव, सचिव, माध्यमिक शिक्षा परिषद