यूपी बोर्ड ने एडेड स्कूलों के टीचर्स व कर्मचारियों के वाद निपटाने के लिए तैयार किया नए टिब्यूनल का प्रपोजल

शासन को भेजा गया प्रस्ताव, विधानसभा में चर्चा के बाद होगा फाइनल

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ALLAHABAD: सूबे के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों को सेवा संबंधी विवादों को निपटारे के लिए अब अधिक परेशान नहीं होना पड़ेगा। डीआईओएस आफिस और उसके बाद कोर्ट में लंबे समय तक चलने वाले वाद को लेकर होने वाली समस्याओं ने टीचर्स को शीघ्र ही मुक्ति मिलने वाली है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों व कर्मचारियों के विवादों को प्रभावकारी एवं त्वरित निस्तारण के लिए उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण का गठन करने जा रहा है। इसके लिए बोर्ड की ओर से प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया गया है।

शीतकालीन सत्र में जारी हो सकता अध्यादेश

यूपी बोर्ड की ओर से उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण के गठन के लिए एक अगस्त को मंत्री परिषद के समक्ष अनुमोदन के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया। जिससे आगे की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जा सके। सूत्रों की माने तो पूरी कवायद को शीतकालीन सत्र में पूरा करने की है। दिसंबर में विधान मंडल के होने चलने वाले शीतकालीन सत्र में प्रस्ताव को पारित करने के लिए उसका प्रस्तुतिकरण या अध्यादेश जारी करने की तैयारी है। जिससे 26 जनवरी तक 2018 तक उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण का गठन किया जा सके।

ट्रिब्यूनल के फायदे

डीआईओएस के पास वादों का प्रेशर कम हो जाएगा

सूबे के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों को सेवा संबंधी विवादों का जल्द समाधान मिलेगा

शिक्षकों के साथ कर्मचारियों को बार-बार जिला विद्यालय निरीक्षक का चक्कर नहीं लगाना होगा

समय की बचत होने के साथ ही सुविधा भी बढ़ जाएगी

ऐसी व्यवस्था होने से टीचर्स और कर्मचारियों को बहुत लाभ मिलेगा। अभी तक जो समस्या व पत्रावली डीआईओएस पर कार्यालय में लंबे समय तक अटके रहते हैं। उनका निस्तारण शीघ्र हो जाएगा।

डॉ। शैलेश कुमार पाण्डेय

शिक्षक नेता

कालेज में सीनियरिटी और कालेज प्रबंधतंत्र से जुड़े विवादों का भी इसके जरिए शीघ्र निस्तारण होगा। इसके गठन से शिक्षकों व कर्मचारियों को काफी राहत मिलेगी।

इन्द्रदेव पाण्डेय

शिक्षक नेता