- परीक्षा परिणाम पर दिखा नई सरकार का असर

- पिछले पांच वर्षो में बोर्ड से सफल अभ्यर्थियों का रहा शानदार रिकार्ड

मेरठ- विश्व में सबसे बड़ा बोर्ड कहलाने वाला उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद यानि यूपी बोर्ड का इस वर्ष परीक्षा परिणाम प्रतिशत नीचे आ गया है। अगर पिछले छह सालों के परिणाम से तुलना करें तो इसबार का परिणाम सबसे कम रहा है। क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले साल हाईस्कूल का रिजल्ट 87.66 था, जबकि इस वर्ष घटकर 81.18 पर आ गया। इंटरमीडिएट का रिजल्ट पिछले साल 87.99 था, जबकि इस बार पांच फीसदी से ज्यादा घटकर 82.62 पर पहुंच गया।

पिछले पांच वर्षो में सफल अभ्यर्थियों का शानदार रिकार्ड रहा, लेकिन इस बार परीक्षा परिणाम का प्रतिशत पिछले वर्षो की अपेक्षा गिर गया। माना जा रहा है कि बोर्ड प्रशासन की कड़ी निगरानी और नकल की शिकायतों पर परीक्षा केंद्रों पर कार्रवाई के चलते परीक्षा परिणाम में गिरावट दर्ज की गई है।

वहीं इस वर्ष यूपी बोर्ड और हाईस्कूल की परीक्षा में 54 लाख से अधिक परीक्षार्थियों का भाग्य तय हुआ है। बोर्ड ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों की कॉपियों को दोबारे से जांचने के आदेश जारी किए थे। जिसका सीधा असर मूल्यांकन पर पड़ा है और जो शिक्षक पूर्व के वर्षो में आंख मूंदकर अंकों की रेवडि़यां बांट रहे थे उन्होंने इस बार संभलकर मूल्यांकन किया। नतीजा, अंधाधुंध नकल नहीं हो सकी है। सामूहिक नकल की शिकायत पर 72केंद्रों की एक-एक पाली की परीक्षा भी निरस्त की गई, जबकि 91 विद्यालयों को डिबार भी किया गया है।

पिछले 6 सालों का परिणाम

वर्ष हाईस्कूल इंटर

2017 81.18 82.62

2016 87.66 87.99

2015 83.74 88.83

2014 86.71 92.21

2013 86.63 92.68

2012 83.75 89.40