पीने के पानी के लिए मिलते हैं सिर्फ 5 पैसे, किराया मिलता है मात्र 10 रुपये

मूल्यांकन सेंटर इंचार्ज और अन्य कर्मचारियों का मानदेय डीएचई और एग्जामिनर्स से भी कम

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BAREILLLY:

अब भले पानी की बोतल ख्0 रुपये से कम की न मिलती हो, लेकिन यूपी बोर्ड एग्जाम की कॉपियां जांचने वाले एग्जामिनर्स को पानी पीने के लिए आजादी के पहले वाला ही पांच पैसा पानी-पीने के लिए मिलता है। जबकि कनवेंस के लिए क्0 रुपये तय किये गए हैं। शिक्षकों के खूब विरोध के बाद अब जाकर यूपी बोर्ड कॉपियां जांचने के रेट फ् रुपये बढ़ाकर क्0 रुपये किया गया है। लेकिन इन एग्जामिनर्स के पीने के पानी और ड्रिंकिंग वाटर के अलाउंस बढ़ाने की शासन ने कोई सुध नहीं ली।

भ् पैसे में पीने का पानी

बोर्ड एग्जाम की कॉपियां जांचते वाले एग्जामिनर्स, डीएचई व अन्य कर्मचारियों के लिए जो मानदेय तय है। उसमें भले थोड़ा बहुत अंतर हो, लेकिन इनके पीने के पानी और यातायात मद सेम हैं। पीने के पानी के लिए सिर्फ भ् पैसे तय किये गए हैं। जबकि आने-जाने का खर्चा मात्र क्0 रुपये है। बता दें कि सीबीएसई में एक टीचर को डेली रिफ्रेशमेंट के लिए 7भ् रुपए और आने-जाने के लिए ख्भ्0 रुपए दिए जाते हैं।

डीएचई की बल्ले बल्ले

बोर्ड परीक्षाओं की कॉपी जांचने वाली टोली के हेड यानि डीएचई को पर डे फ्00 रुपया दिया जाता है, यानि एक डीएचई क्भ् दिन चलने वाले मूल्यांकन के दौरान ब्भ्00 हजार रुपये कमाता है। जबकि केंद्र इंचार्ज उपनियंत्रक को सिर्फ क्भ्00 रुपये मिलते हैं। मूल्यांकन केंद्र पर बड़ी जिम्मेदारी निभाने वाले पत्राचार को पूरे मूल्यांकन के दौरान अधिकतम 900 और स्टोर कर्मचारी को म्00 जबकि फोर्थ क्लास कर्मचारी को अधिकतम फ्भ्0 रुपये दिये जाते हैं। हैरत की बात ये है कि ये रेट सन ख्0क्फ् में माध्यमिक शिक्षा परिषद ने रिवाइज्ड किया है। इससे पहले इंचार्ज, कोठार व दूसरे कामों के लिए पर डे दिया जाने वाले पारिश्रमिक का रेट मात्र 7भ्0 रुपया था।

अगले साल नहीं करेंगे काम

एग्जामिनर्स भले प्रदेश स्तरीय विरोध कर कॉपी के मूल्यांकन का रेट बढ़ावा चुके हों, लेकिन मूल्यांकन केंद्र के इंचार्ज से लेकर फोर्थ क्लास कर्मचारी तक को दिया जाने वाले मानदेय एग्जामिनर्स के एक दिन के मानदेय से भी कम है। ऐसे में इन कर्मचारियों ने एक लेटर लिखकर अगले साल मूल्यांकन केंद्र पर काम करने से मना कर दिया है। ये लेटर बिशप इंटर कॉलेज के स्टॉफ माध्यमिक शिक्षा परिषद के क्षेत्रीय कार्यालय को भेजा है। जिसकी जानकारी यहां के प्रिंसिपल जगमोहन सिंह ने दी।

ड्रिंकिंग वाटर और कनवेंस के लिए जो भी रुपया तय है, ये परिषद स्तरीय फैसला है। हालांकि इसमें चेंजेंज प्रस्तावित हैं। उम्मीद है कि निकट भविष्य में यह बढ़ेगा।

संजय उपाध्याय, क्षेत्रीय सचिव