शासन ने डीआईओएस से मांगी किताबों की उपलब्धता पर आख्या

चार प्रकाशक मान्य, प्राइरेसी मिली तो होगी कार्रवाई

Meerut। यूपी बोर्ड के स्कूलों में नौंवी से 12वीं के छात्रों को दुकानदार एनसीईआरटी बुक्स के साथ गाइड या संदर्भ किताबें नहीं बेच सकेंगे। वहीं किताबों की उपलब्धता पर भी कड़ा रुख अख्तियार करते हुए शासन ने डीआईओएस से आख्या मांग ली हैं। शिक्षा विभाग को सोमवार तक शासन को इस संबंध में पूरी रिपोर्ट भेजनी होगी।

यह है निर्देश

शिक्षा निदेशक कार्यालय की ओर से डीआईओएस कार्यालय को पहले ही सरकार की ओर से अधिकृत चार प्रकाशकों की रेट समेत लिस्ट जारी कर दी गई थी। इस संबंध में बोर्ड सचिव ने निर्देश दिए हैं कि अगर किसी के पास किताबें नहीं पहुंच पाई हैं तो तत्काल प्रभाव से इन प्रकाशकों से किताबें मंगवाई जाएंगी। नौंवी से 12वीं तक कुल 31 किताबों को एनसीईआरटी के सिलेबस में शामिल कियगया है।

प्राइरेसी पर होगी कार्रवाई

यूपी बोर्ड की किताबें दूसरे प्रकाशकों के किताबों की अपेक्षा बेहद काम दाम पर बाजार में उपलब्ध हैं। इस संबंध में बोर्ड सचिव ने निर्देश दिए हैं कि अगर विभाग को डुप्लीकेट या प्राइरेटिड कॉपियां मिलती हैं तो ऐसे लोगों पर तुरंत कार्रवाई करें। बोर्ड की ओर से प्रकाशित करवाई गई सभी किताबों पर बीआईएस स्पेसिफिकेशन 4658/1988 के निर्धारित मानकों का कागज प्रयोग में लाया गया है।

कुछ स्कूलों से किताबों की उपलब्धता न होने की जानकारी मिली है। हम इसकी आख्या बनाकर विभाग को भेज देंगे। प्रकाशकों से भी संपर्क किया जा रहा है।

गिरजेश कुमार चौधरी, डीआईओएस, मेरठ