- सीएम अखिलेश यादव ने दो हाईटेक मोबाइल एप्प की दी सौगात

- सामान गुम होने की शिकायत अब ऑनलाइन ही हो जाएगी दर्ज

- तत्पर करेगा आपकी सुरक्षा को और भी ज्यादा चुस्त

LUCKNOW: शनिवार को यूपी पुलिस के लिए काफी अच्छा रहा। यूपी वालों को इस दिन सीएम अखिलेश यादव ने कई सौगात दी। इसमें दो अत्याधुनिक एप्लीकेशन के साथ एक हाईटेक सर्विलांस कंट्रोल रूम और सीसीटीवी स्मार्ट सिटी के पाइलेट प्रोजेक्ट की शुरुआत की।

तो ऐसे होगा काम

सीएम अखिलेश यादव के आवास पर आयोजित होम डिपार्टमेंट के प्रोग्राम में इस एप्लीकेशन को लांच किया गया। इस एप्प का नाम है यूपीपी लास्ट आर्टिकिल एप्प। इसे मोबाइल पर डाउनलोड करने के बाद पहले रजिस्टर करना होगा। वन टाइम पासवर्ड से यह आपके मोबाइल को वेरीफाई करेगा और फिर आपको अपनी डिटेल फिल करनी होगी। यहां आप अपने खोये हुए सामान को सेलेक्ट कर सकते हैं और कंपलेन दर्ज करा सकते हैं। कंपलेन दर्ज होते ही आपके मोबाइल पर एक रिसीविंग आ जाएगी जो डिजिटल साइन की हुई सर्टिफाइड कॉपी आपके मेल आईडी पर पहुंच जाएगी।

वक्त की जरूरत है यह टेक्नोलॉजी

इस मौके पर सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि लोग सबसे अधिक पुलिस को ही बुरा भला कहते हैं और जब जरूरत पड़ती है तो यही चाहते हैं कि उनके लिए पुलिस सब कुछ करने को तैयार रहे। उन्होंने कहा कि पुलिस को प्रभावी एवं सक्षम बनाने के लिए आवश्यकतानुसार संसाधन उपलब्ध कराने और बेहतर ट्रेनिंग देने की कोशिश की जप्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इंफारमेशन टेक्नालॉजी सहित दूसरे आधुनिक संसाधनों के प्रयोग को बढ़ावा देकर प्रदेश की पुलिस का रिस्पांस टाइम क्08 एम्बुलेंस सर्विस की तरह कम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जन सुरक्षा के लिए प्रदेश पुलिस की नई योजनाओं का सीधा लाभ प्रदेश की जनता को मिलेगा और लोगों को अनावश्यक थानों का चक्कर काटने से राहत मिलेगी। सीएम ने कहा कि अब क्राइम का तरीका भी बदल रहा है एटीएम कार्ड आपकी जेब में है और पैसे निकल जाते हैं। ऐसे में समय के साथ टेक्नालॉजी का यूज करके हमें भी स्ट्रांग बनना होगा।

तम्पर की भी शुरुआत

इस मौके पर सीएम ने एक और एप्प की शुरुआत की जिसका नाम तत्पर रखा गया है। इस एप्प का काम घटना स्थल से कंट्रोल रूम और पुलिस अधिकारियों के पास सीधे विडियो क्लिप जा सकेगी। इस एप्प का नाम तत्पर रखा गया है। एप्प तैयार कराने वाले आईजी वीमेन सेल नवनीत सिकेरा ने बताया कि इसे किसी भी एंड्रायड के थ्रू इस एप्लीकेशन को डाउन लोड किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि एक बार एप्प डाउनलोड करने और रजिस्टर करने के बाद यह सर्विस बिना जीपीआरएस और बिना जीपीएस के भी काम करेगी। इस मौके पर सोशल मीडिया लैब की भी शुरुआत की गयी जिसका काम सोशल नेटवर्किंग पर होने वाली एक्टिविटी पर नजर रखी जाएगी। इस दौरान बताया गया कि प्रदेश में मुम्बई, तमिलनाडु और कर्नाटक के बाद सबसे अधिक इंटरनेट यूजर हैं। इसी तरह सोशल मीडिया जैसे फेसबुक और ट्विटर के एकाउंट होल्डर की भी संख्या करोड़ों में है। इस पर किस तरह की गतिविधियां हो रही हैं उसपर नजर रखने के लिए इस लैब का गठन किया गया है। सीएम ने बताया कि पिछले दिनों होम मिनिस्टर जब लखनऊ आये थे तो उन्होंने भी यूपी पुलिस के कामों की और योजनाओं की सराहना की थी।

लखनऊ बनेगा स्मार्ट सीसीटीवी सिटी

इस मौके पर लखनऊ में स्मार्ट सीसीटीवी सिटी प्लान दृष्टि की भी एक तस्वीर पेश की गयी। जिसमें लखनऊ में लगने वाले ख्80 कैमरों के बारे में डिटेल में बताया गया। साथ ही व्यापारियों के सहयोग से लग रहे लखनऊ में कैमरों के बारे में भी जानकारी दी गयी। लखनऊ के एससएपी यशस्वी यादव ने बताया कि अब तक लखनऊ में चार हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरे व्यापारियों की मदद से लगाये जा चुके हैं जबकि उनका टार्गेट दस हजार सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने का है जिससे घटनाओं के बारे में सटीक जानकारी और उसपर कार्रवाई हो सके। इसी तरह सम्मान योजना के तहत प्रदेश के जीआरपी थानों सहित सभी थानों में ख्-ख् सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने हैं। इसमें लखनऊ इसमें पाइलेट प्रोजेक्ट के तौर पर राजधानी के गाजीपुर, हजरतगंज, महानगर और नाका थानों को कैमरों से जोड़कर उनकी फीड सीनियर पुलिस अफसरों को उनके स्मार्ट फोन पर मुहैय्या कराने की व्यवस्था की गयी है। इसी तरह थानों के पुर्ननिर्माण और उनके हेरिटेज व्यू की शक्ल में डेवलप करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है इसमें हुसैनगंज कोतवाली, चौक कोतवाली और गाजीपुर थाना शामिल है।