- 50 हजार करोड़ का होगा निवेश, 2.5 लाख रोजगार मिलेंगे

- निवेशकों को जमकर रियायतें और सब्सिडी देगी सरकार

LUCKNOW :

सूबे में डिफेंस प्रोडक्ट बनने का रास्ता साफ हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट ने डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी को हरी झंडी दे दी। इसे उप्र रक्षा तथा एयरोस्पेस इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2018 नाम दिया गया है। इसके जरिए अलीगढ़ से चित्रकूट के बीच बनने वाले डिफेंस कॉरीडोर में देशी-विदेशी कंपनियों द्वारा पांच साल में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। साथ ही, करीब 2.5 लाख रोजगार सृजित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ध्यान रहे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी में यूपी इंवेस्टर्स समिट के शुभारंभ के दौरान यूपी को डिफेंस कॉरीडोर की सौगात दी थी। जिसके बाद बनी नई पॉलिसी में निवेशकों को राज्य सरकार ने जमकर रियायतें देकर सूबे में डिफेंस प्रोडक्ट बनाने का रास्ता साफ किया है।

कंसल्टेंट की भी नियुक्ति

राज्य सरकार ने डिफेंस कॉरीडोर के निर्माण के लिए लंदन की प्राइस वाटरहाउस कूपर कंपनी को कंसल्टेंट नियुक्त किया है। साथ ही यूपीडा को इसकी नोडल एजेंसी बनाया गया है। मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि कुछ जगहों पर इसका काम भी शुरू हो चुका है। उन्होंने दावा किया कि हमारे पास डिफेंस प्रोडक्ट बनाने के लिए कई बड़ी कंपनियों के प्रस्ताव भी आ चुके है। फिलहाल हमारा फोकस बुंदेलखंड का इलाका है जहां तीन हजार हेक्टेयर भूमि कॉरीडोर के लिए चिन्हित की जा रही है। जल्द ही इसे अधिग्रहित कर अवस्थापना सुविधाएं स्थापित करने का काम शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि देश में बनने वाले दो डिफेंस कॉरीडोर में यूपी और तामिलनाडु शामिल हैं। डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी के तहत मेगा एंकर और एंकर इकाईयों के अलावा निजी पार्क भी बनाए जाने हैं। इसके लिए उन्हें भूमि खरीद से लेकर स्टांप, रिसर्च, पेटेंट, जीएसटी, अवस्थापना, ट्रेडमार्क इत्यादि में खासी सब्सिडी दी जाएगी।

ये मिलेंगी सहूलियतें

एक हजार करोड़ से ज्यादा निवेश करने वाली मेगा एंकर यूनिट्स में फाइटर प्लेन, टैंक, हैलीकॉप्टर के कलपुर्जो इत्यादि का निर्माण और असेंबलिंग होगी। वहीं इससे छोटी एंकर यूनिट्स के लिए बुंदेलखंड और पूर्वाचल में न्यूनतम 200 करोड़ (न्यूनतम 1000 प्रत्यक्ष रोजगार सृजन), मध्यांचल और पश्मिांचल में 300 करोड़ (न्यूनतम 1500 प्रत्यक्ष रोजगार सृजन), नोएडा और गाजियाबाद में 400 करोड़ (न्यूनतम 2000 रोजगार प्रत्यक्ष रोजगार सृजन) का निवेश करना होगा। यहां डिफेंस प्रोडक्ट से जुड़ी एक्सेसरीज का निर्माण होगा। इससे छोटी यूनिट्स को औद्योगिक निवेश नीति और एमएसएमई के तहत सब्सिडी प्रदान की जाएंगी।

इंडस्ट्री लगाएं, इतनी सब्सिडी पाएं

- 25 फीसद सब्सिडी मेगा एंकर यूनिट को भूमि खरीद पर

- 50 फीसद की सब्सिडी मशीनरी, प्लांट आदि के इंपोर्ट पर ट्रांसपोर्ट में, जो अधिकतम दो करोड़ प्रति वर्ष होगी

- 30 फीसद सब्सिडी फिनिश गुड्स को एक्सपोर्ट करने के लिए एयरपोर्ट, लाजिस्टिक पार्क, हब तक ट्रांसपोर्ट के लिए, अधिकतम एक करोड़ रुपये प्रति वर्ष

- 50 लाख रुपये की सब्सिडी उद्यमियों को सपोर्ट करने के लिए टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर

- 01 करोड़ रुपये की सब्सिडी एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने पर

- 50 फीसद सब्सिडी टेस्टिंग फेसिलिटी पर, अधिकतम पांच लाख प्रति यूनिट प्रति वर्ष

- 100 फीसद सब्सिडी इंटरनेशनल पेटेंट, 50 फीसद डोमेस्टिक पेटेंट पर (अधिकतम 25 लाख तक)

- 100 फीसद सब्सिडी क्वालिटी सर्टिफिकेशन पर (अधिकतम 2 लाख रुपये प्रति सर्टिफिकेशन पर)

- 100 फीसद सब्सिडी ट्रेडमार्क लेने पर (अधिकतम एक लाख प्रति ट्रेडमार्क)

- 100 फीसद सब्सिडी बुंदेलखंड और पूर्वाचल में स्टांप ड्यूटी पर, यह मध्यांचल और पश्चिमांचल में 75 फीसद होगी जबकि नोएडा और गाजियाबाद में 50 फीसद होगी।

- 70 फीसद सब्सिडी मेगा एंकर यूनिट्स को सीजीएसटी पर

- 05 फीसद ब्याज की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार करेगी लोन लेने वाली यूनिट्स की (अधिकतम 20 करोड़ प्रति यूनिट)

- 05 फीसद अवस्थापना सुविधाएं विकसित करने पर (अधिकतम 10 करोड़ तक)

- 05 फीसद सब्सिडी रिसर्च वर्क पर (अधिकतम एक करोड़ तक)

- 100 फीसद सब्सिडी दस साल के लिए इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी पर

निजी रक्षा एवं एयरोस्पेस पार्क पर

- 50 फीसद ब्याज पर सब्सिडी (अधिकतम 50 लाख प्रति वर्ष)

- 60 फीसद सब्सिडी अवस्थापना सुविधाओं पर (अधिकतम दस करोड़ रुपये)

- 60 फीसद सब्सिडी कॉमन फैसिलिटी पर (अधिकतम पांच करोड़ रुपये)

- 100 फीसद सब्सिडी स्टांप ड्यूटी पर, वहीं इकाईयों पर 50 फीसद मिलेगी

(ये सब्सिडी मेगा एंकर यूनिट्स को कैबिनेट द्वारा केस टू केस के आधार पर दी जाएंगी)

डिफेंस कॉरीडोर के दायरे में आने वाले शहर

अलीगढ़, आगरा, झांसी, चित्रकूट, कानपुर, लखनऊ।

इन प्रोडक्ट्स का होगा निर्माण

तोपखाने, सैन्य उपकरण, ड्रोन का विर्निमाण, वायुयान और हेलीकॉप्टर एसेंबलिंग सेंटर, डिफेंस पार्क, बुलेटप्रूफ जैकेट, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को बढ़ावा देने के उपकरण, ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, डिफेंस इनोवेशन हब।

फैक्ट फाइल

- कॉरिडोर में जल्द कंपनियां आने को केंद्र सरकार ने डिफेंस इंवेस्टर सेल बनाया है।

- इस कॉरिडोर टीयर-1 यानि बड़ी कंपनियों के साथ उनके एमएसएमई सेक्टर की कंपनियों के लिए कलस्टर बनाए जाएंगे।

- इस कॉरिडोर का इंफ्रास्ट्रक्चर रक्षा मंत्रालय डेवलप करेगा। यहां बनने वाले

उपकरणों की गुणवत्ता जांचने के लिए कॉमन टेस्टिंग सेंटर रक्षा मंत्रालय

की तरफ से बनाया जाएगा।

यूपी में मिलेंगी ये सहूलियतें

- करीब नौ हजार किमी का रेलवे का नेटवर्क

- डिफेंस के उत्पाद बनाने को पर्याप्त भूमि और पानी

- ईस्टर्न और वेस्टर्न फ्रेट कॉरीडोर की सुविधा

- 24 घंटों में बंदरगाहों तक पहुंचाया जा सकेगा माल

- सस्ती और बहुतायत में मैनपावर की उपलब्धता

- यूपी में कई नामचीन शिक्षण संस्थानों का फायदा