-भाजपा की ओर से लड़ेंगे बसपा के कई बागी

- रामपुर में नवाब परिवार के साथ आजम की साख दांव पर

- मुस्लिम वोट बैंक बंटा तो कई सीटों पर आ सकते हैं चौंकाने वाले नतीजे

ashok.mishra@inext.co.in

LUCKNOW: चुनाव से ठीक पहले बहुजन समाज पार्टी का दामन छोड़कर भाजपा में आने वाले कई नेताओं का असली इम्तिहान दूसरे फेज के मतदान में होगा। सपा के गढ़ माने जाने वाले दूसरे फेज की 67 सीटों पर दलित और अति पिछड़े वोट बैंक का रुख चुनाव में हार-जीत तय करने जा रहा है। यही वजह है कि भाजपा ने अपनों के बजाय बसपा से आए नेताओं पर भरोसा जताया है ताकि वे बसपाई वोट बैंक भी भाजपा के पाले में लाकर चुनावी गणित बदल सकें। वहीं दूसरी ओर सपा ने भी अपना गढ़ बचाने के लिए तमाम विधायकों को दोबारा टिकट देकर सरकार के कामकाज को परखने की रणनीति तैयार की है। बसपा की बात करें तो उसका पूरा दारोमदार दलित-मुस्लिम गठजोड़ पर ही टिका है।

सबसे रोचक लड़ाई रामपुर में

दूसरे फेज के मतदान में सबसे रोचक लड़ाई रामपुर में होने वाली है। रामपुर सीट से काबीना मंत्री आजम खान फिर चुनाव मैदान में हैं तो स्वार सीट से उनके पुत्र आजम अब्दुल्ला को सपा ने टिकट दिया है। स्वार सीट पर कई बार कांग्रेस से विधायक रहे नवाब काजिम अली इस बार बसपा के टिकट पर अपनी किस्मत आजमाने जा रहे हैं। आजादी के बाद से इस सीट पर नवाब परिवार का कब्जा ही बरकरार रहा है और यही वजह है कि आजम खान अपने पुत्र को जिताने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं। खुद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को स्वार में अब्दुल्ला आजम के समर्थन में जनसभा करके वोट मांगे। इसी तरह बदायूं शहर सीट पर भी कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है। यहां से सपा ने आबिद रजा को टिकट दिया है जिन्होंने खुलेआम बदायूं के सांसद और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के भाई धर्मेद्र यादव पर भ्रष्टाचार और अवैध खनन के कई गंभीर आरोप जड़ दिए थे।

असली दंगल सहारनपुर में

असली दंगल सहारनपुर की सीटों पर होना है। भाजपा ने यहां से बसपा से आए महावीर सिंह राणा को बेहट और डॉ। धर्मपाल सिंह सैनी को नकुड़ से टिकट दिया है। करीब चार साल से सांप्रदायिक तनाव का सामना कर रहे सहारनपुर में अप्रत्याशित चुनाव नतीजे से इंकार नहीं किया जा सकता। भाजपा देवबंद को छोड़कर बाकी सीटें अपने कब्जे में करने को सारी जुगत लगा रही है। इसी तरह मुरादाबाद में भी कई दिनों से पसरे सांप्रदायिक तनाव को देखते हुए वोटों का धु्रवीकरण होना तय है। तीन दिन पहले पीएम मोदी की रैली के बाद पिता-पुत्र की हत्या का मामला बिजनौर में चुनावी माहौल को बदल सकता है। बदायूं में पीएम मोदी ने रैली कर सियासी समीकरण अपने पाले में करने की कोशिश की है जिसका फायदा भाजपा को मिल सकता है।

भाजपा ने इन पर लगाया दांव

भाजपा ने दूसरे फेज के चुनाव में जिन बाहरी नेताओं पर दांव लगाया है उनमें बेहट से बसपा के सिटिंग विधायक महावीर राणा, नकुड़ से बसपा विधायक डॉ। धर्मपाल सिंह सैनी, 2007 में देवबंद से बसपा विधायक रहे मनोज चौधरी और कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी हैं। इसी तरह लखीमपुर के पलियाकलां से बसपा विधायक रोमी साहनी, कस्ता में बसपा के टिकट पर पिछला चुनाव लड़कर दूसरे स्थान पर आने वाले सौरभ सिंह, धौरहरा से बसपा विधायक बाला प्रसाद अवस्थी, लखीमपुर शहर में पीस पार्टी से आए योगेश वर्मा, गोला में सपा से आए अरविंद गिरि, बिजनौर के नहटौर में बसपा विधायक ओम कुमार, बरेली के नवाबगंज में बसपा से आए केसर सिंह, शाहजहांपुर के ददरौल में कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष मानवेंद्र सिंह, तिलहर में दो बार बसपा विधायक रह चुके रोशनलाल, संभल के गुन्नौर में सपा सरकार में मंत्री रहे अजीत राजू, पीलीभीत के बीसलपुर से सपा सरकार में मंत्री रहे रामसरन वर्मा शामिल हैं।

इन पांच सीटों पर भी कड़ा मुकाबला

ौगवां सादात- अमरोहा की इस सीट पर पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले सपा के जावेद आब्दी से है। वहीं सपा से टिकट कटने के बाद रालोद गये सिटिंग विधायक अशफाक अली भी मजबूत दावेदारों में शामिल हैं.

नकुड : सहारपुर की नकुड सीट पर बसपा से भाजपा में गये डॉ। धर्मपाल सैनी का सीधा मुकाबला कांग्रेस के फायरब्रांड नेता इमरान मसूद से हो सकता है। इस सीट पर किसी दल से कोई कद्दावर मुस्लिम नेता के खड़े न होने से इमरान फायदे में रह सकते हैं।

श्रीनगर: लखीमपुर खीरी की श्रीनगर सीट पर तीन बड़े दलों की महिला प्रत्याशी एक-दूसरे को कड़ी टक्कर देने जा रही हैं। भाजपा ने इस सीट से मंजू त्यागी, सपा ने मीरा बानो तथा रालोद ने चंद्रवती देवी को टिकट दिया है। बसपा से प्रवीण भार्गव चुनाव मैदान में हैं।

बिजनौर: बिजनौर सीट इस बार कई नेताओं के लिए साख का सवाल बन चुकी है। पंचायत चुनाव में पार्टी से बगावत करने वाली विधायक रुचि वीरा फिर सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं तो पेंदा कांड के आरोपी विधायक शुचि चौधरी भाजपा के टिकट पर उन्हें चुनौती देने जा रही हैं। यहां हाल ही में पिता-पुत्र की हत्या के बाद चुनावी माहौल गर्मा गया है।

तिलहर: शाहजहांपुर की तिलहर सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जितिन प्रसाद चुनाव लड़ रह हैं। उनका सीधा मुकाबला दो बार बसपा विधायक रहे रोशन लाल से माना जा रहा है जो अब भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। वहीं बसपा ने भी दो बार विधायक रहे अवधेश वर्मा को टिकट दिया है।