- प्रत्याशी उड़ा रहे आचार संहिता की धज्जियां

- बिना अनुमति कॉल करके कर रहे प्रचार

LUCKNOW: 'नमस्कार मैं अनुराग सिंह बोल रहा हूं' पिछले कुछ दिनों से ऐसी कॉल्स लोगों को परेशान कर रही है। राजधानी की नौ विधानसभाओं के चुनाव मैदान में भाग्य आजमा रहे प्रत्याशियों की कॉल मतदाताओं के मोबाइल पर दिन में कई बार वोट देने की अपील करने के लिए पहुंच रही है। बड़ी बात यह है कि एक प्रत्याशी को छोड़ सभी चुनाव आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

बिना अनुमति कर रहे कॉल्स

निर्वाचन अधिकारियों के अनुसार, प्रत्याशियों को वॉयस कॉल या एसएमएस मतदाताओं को भेजने के लिए डीएम की अध्यक्षता में गठित एमसीएमसी (मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनीटरिंग कमेटी) से परमीशन लेनी आवश्यक है। पर, पांच सदस्यीय इस कमेटी से अब तक सिर्फ सरोजनी नगर से बसपा प्रत्याशी शिव शंकर सिंह ने ही परमीशन ली है।

इनकी पहुंच रही कॉल्स

अनुराग सिंह भदौरिया, अरमान खान, अभिषेक मिश्रा सहित 10 से अधिक कैंडीडेट्स की कॉल्स मतदाताओं के पास पहुंच रही है। गोमती नगर निवासी अनुज के मोबाइल पर एक ही दिन में कई कॉल्स पहुंची तो वे परेशान हो गए। अब उन्होंने ऐसी कॉल आने पर उसे उठाना ही बंद कर दिया है। उधर आयोग को इसकी जानकारी तो है, लेकिन मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सूत्रों के मुताबिक डीएम की अध्यक्षता वाली टीम लगातार निगरानी कर रही है। यह खर्च प्रत्याशियों के चुनाव खर्च में जोड़ा जाएगा। इसके अलावा अरमान खान, अनुराग भदौरिया के नाम से मैसेज भी मतदाताओं के नंबरों पर पहुंच रहे हैं।

लगातार बढ़ रहीं कॉल्स

जिला प्रशासन के सूत्रों के मुताबिक वॉयस कॉल के जरिए प्रचार करने में अनुमति तो जरूरी है ही, साथ में यह भी सीमित है कि कितनी बार कॉल की जाएगी। पर, प्रत्याशियों ने न तो इसके लिए कोई अनुमति ले रखी है और न ही उनकी संख्या को मॉनीटर किया जा रहा है। आयोग के पास इन कॉल्स को मॉनीटर करने के लिए इतना बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर भी नहीं है कि वह इन्हें मॉनीटर कर सकें।

डोर टू डोर कलेक्ट कर रहे नंबर

प्रत्याशी कॉल्स के लिए कंपनियों से मिले डाटा का तो इस्तेमाल कर ही रहे हैं, साथ में डोर टू डोर कार्यकर्ताओं को भेजकर उनके मोबाइल नंबर लेकर काल कराई जा रही है। इससे प्रत्याशी अपने कार्यकर्ताओं के नेटवर्क के साथ उन्हीं के इलाके वाले मतदाताओं को कॉल करने में सफल हो रहे हैं।

टेलीकॉम कंपनियों को भी थे निर्देश

निर्वाचन आयोग ने टेलीकॉम कंपनियों को भी निर्देश दिया था कि किन किन प्रत्याशियों ने अनुमति ली है उनकी डिटेल समय से भेंजे, लेकिन कई गुना अधिक मुनाफा काट रही टेलीकॉम कंपनियों ने डिटेल देना मुनासिब नहीं समझा। जिला प्रशासन उन्हें नोटिस देने की तैयारी कर रह है।

अभी तक एक ही कैंडीडेट ने परमीशन ली है। अन्य किसी के कॉल, मैसेज पहुंच रहे हैं तो यह गलत है। आयोग के निर्देशों के तहत कार्रवाई की जाएगी।

- जयशंकर दुबे, एडीएम, वेस्ट