नेता जी की इलाके में मुंह दिखाई न होने से खफा लोगों ने निकाली भड़ास

बोली पब्लिक, चुनाव आवा नय कि लगें सब दउड़े भागे

ALLAHABAD: ऐसे समय जब विधानसभा चुनाव की दुंदुभी बज चुकी है, सभी नेता और दल पब्लिक के बीच दौड़ लगा रहे हैं। इस बीच पब्लिक अपने ही मूड में नजर आ रही है। चुनावी रण से पहले पब्लिक भी दो-दो हाथ करने के मूड में है। ऐसे ही बोट क्लब पर लगे एक चुनावी पंचौरो को आई नेक्स्ट ने भी नोटिस लिया और चर्चा के केन्द्र में शामिल लोगों को कैमरे में कैद किया।

अमें कउनो झांकै नय आवा

बातों ही बातों में इलाहाबादी रुख और तेवर का निराला अंदाज देखने को मिला जो कभी हंसी ठिठोली का कारण बना तो कभी नेताओं पर गहरे तंज का। इस पंचौरे की शुरुआत ही नेता जी के भंडाफोड़ के साथ हुई। शर्मा जी ने चुनाव की बात छेड़ी तो पांडेय जी की त्यौरियां चढ़ गई। बोले चुनाव आवा नय कि सब दौउड़े भागे लगें, चिरौरी कर रहे हैं हमका बोट देओ हमका बोट देओ। पांडेय जी का आक्रोश अपने क्षेत्र के विधायक को लेकर था, जउन दिन से चुनाव भवा तब से झांके तक नय आयें। तब तक शर्मा जी बोल पड़े और का बोट मांगे के समय तो सब आत हैं। लेकिन ओके बात तो कउनो नय आवा। बोले पांच साल बीत गवा। अभी बरसात हुई रही तब सड़क पर यहां से वहां तक पानी भरा रहा। जनता का जानै केसे शिकायत करना है केसे नय। उ तो नेता का जानत थी जेका बोट दिये हैं।

घरै में घुसे राहत हैं

शर्मा जी चालू रहे अईसे तो पैर तक पकड़ लेईहें बोट के लिये। घर पर जाओ कोई शिकायत लेकर तो बाहर से दरबानै कह देत है नेता जी नय न, कभी बतावत हैं कि लखनऊ गये हैं तो कभी कहीं। इतने में अंकुश ने कहा अरे सब झूठ बोलत हैं घरै में घुसे राहत हैं बतावत हैं अंदर काउनौ नय न, इतने में अंकुश उबले तो बोले अब आवैं न बोट मांगै तब बताई। पांच साल तो नोट घसीटै में लगे रहें। अब बोट मंगीहें तो औरतौ चप्पलै चप्पल मरिहें।

बोले जनतौ तो कम नय न

सभी का केन्द्र अपने-अपने क्षेत्र के नेताओं पर था। तभी अवधेश जी बोले अमें पूरे देशै के यही हाल है। मोदियौ का करें करिन तो रहा नोट बंद। सब उन्हई का रेल के धर दिहिन। अवधेश बोले बैंक वाले भी खूब नचाईन नोट रही फिर भी नय बाटिन ताकि मोदिया बदनाम होय जाये। मुरारी पांडेय बोले जौउन एटीएम में जाओ साला कउनौ में पईसै नय रहत रहा। बैंकौ में वही हाल जउन बड़ी बड़ी लाईन लगत रही, इसपर हेमंत ने कहा जनतौ तो कम नय न, जेके पास रहा वहु लाइन में लगा रहा, अब कउनौ नय जाय रहा लाइन लगावे। बात घूमी तो सपा की जीत हार पर चली गई।

जायें तीरथ यात्रा करें

हेमंत बोले नोट से पीछा छूटा तो बाप बेटवा के ड्रामा शुरु होय गवा। इसपर एक ने कहा सब अखिलेशवा का हाईलाइट करै के लिये कर रहे हैं, मुलयमवा बड़ा दिमागिया है। इसपर दूसरे ने टोकते हुये कहा चाहे जो होय लेकिन अखिलेश अच्छा नेता है उ तो चचवा और बाप पीछे पड़े हैं वरना उ तो बहुत कुछ करे चाहत रहा। बोले उ तो जीत भी सकत है। ये महाशय यही नहीं रुके बोले चचवा वगैरह सब बुढ़ाये गये हैं जायें तीरथ यात्रा करैं लौंडे का करें दें राजनीति। उ तो बिदेश (अखिलेश के लिये) से पढ़े है सब समझत है झूठ्ठै इ सब टांग अड़ाये पड़े हैं। इसपर दूसरे ने लपककर कहा व कबजियाये तो लिहिस सबअब गूलर झीलें बईठ के सब।

उ अपना टिकट बांटै में मस्त है

बात घूमी तो रुख बसपा, कांग्रेस और आप जैसे दलों पर चला गया। एक ने कहा सबसे बडि़हां मायाबती हैं ओका कउनौ से कोई मतलब नय न, उ अपना टिकट बांटै में मस्त है इ सब लड़त रहिहें ओके बोट बैंक फिक्स है। जीत हार के बीच राहुल गांधी आये तो मालाधारी बोले राहुलवा बोलत रहत है ओके बात में कउनौ दमै नय समझ में आवत। इसपर दूसरे ने टोकते हुये कहा नय नय ई समय ओके भी टेम्पो हाई है गुरु तो तीसरे ने कूदते हुये कहा राहुल और केजरीबाल कुछ जादै बोलत हैं। अवधेश ने बीच में टोका और कहा देखेव गठबंधन की सरकार बनी। कांग्रेस तो यही ताक में लगी है। अंत में चर्चा को सतीश ने यह कहकर विराम दे दिया कि अमें तुम्हउ लोग कहां नेता पेता के चक्कर में पड़े हो जब चुनाव आई तो देखा जई। हम लोग काहे अपन खोपड़ी फोड़ी।

टी प्वाइंट

घरे में घुसे राहत हैं, बतावत हैं अंदर काउनौ नय न

मोदियौ का करें करिन तो रहा नोट बंद, सब उन्हई का रेल के धर दिहिन

बैंक वाले भी खूब नचाईन, नोट रही फिर भी नय बाटिन ताकि मोदिया बदनाम होय

जनतौ तो कम नय न, जेके पास रहा वहु लाइन में लगा रहा, अब कउनौ नय जाय रहा लाइन लगावे

सब अखिलेशवा का हाईलाइट करै के लिये कर रहे हैं, मुलयमवा बड़ा दिमागिया है