- पिता से मिले सपा सुप्रीमो अखिलेश, मुलायम ने सौंपी अपने कंडीडेट्स की लिस्ट

- मुलायम की मौजूदगी में बुधवार को अखिलेश कर सकते हैं बड़ा ऐलान

- शिवपाल कैंप के कई प्रत्याशियों को मिलेगा टिकट, कुछ पर फंसा पेंच

LUCKNOW: महीनों तक चले दंगल के बाद ऐसा लगता है कि सपा में अब सब कुछ 'ऑल इज वेल' की ओर है। घर की चौखट से चुनाव आयोग के दरबार तक पहुंची जंग पर मंडे को मुलायम सिंह यादव के बाद सपा में नए 'नेताजी' के तौर पर अखिलेश यादव का उदय हो गया। हालांकि, चुनाव आयोग के फैसले के बाद दोनों गुटों के बीच की लड़ाई के एक नया स्वरूप लेने की आशंका थी। लेकिन मंगलवार को सुबह पिता मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे और सपा के मुखिया को जीत का आशीर्वाद देकर सभी आशंकाओं को चित कर दिया।

मान गए रूठे मुलायम

समाजवादी पार्टी में अखिलेश गुट को साइकिल सिंबल मिलने के बाद आशंका जताई जा रही थी कि इसके विरोध में मुलायम गुट अदालत की शरण ले सकता है लेकिन अखिलेश यादव अपने पिता को मनाने में कामयाब रहे। नतीजतन मुलायम गुट की ओर से सिंबल को लेकर किए गये फैसले के विरोध में अदालत का रुख नहीं किया गया। बीते चौबीस घंटे के भीतर मुलायम से दो बार मुलाकात कर अखिलेश ने उनकी यह शिकायत भी दूर कर दी कि वह उनसे मिलने नहीं आते हैं। वहीं मुलायम ने भी सारे विवाद खत्म करने के लिए अखिलेश को उन कंडीडेट्स की लिस्ट सौंपी जिन्हें पहले अखिलेश गुट ने दरकिनार किया था। इनमें आदित्य यादव, अपर्णा यादव के अलावा कई बर्खास्त मंत्रियों के नाम भी हैं। उम्मीद है कि बुधवार को मुलायम की मौजूदगी में अखिलेश प्रत्याशियों की नई लिस्ट और घोषणापत्र को सार्वजनिक कर देंगे।

कैविएट दाखिल करने के बाद आए लखनऊ

दूसरी ओर रामगोपाल यादव की ओर से एहतियाती कदम उठाते हुए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कैविएट भी दाखिल कर दी गयी। इसके बाद सिंबल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में यदि कोई याचिका दाखिल की जाती है तो पहले अखिलेश गुट का पक्ष सुना जाएगा, इसके बाद ही अदालत चुनाव आयोग के फैसले को लेकर कोई निर्देश दे सकेगी। इसके जरिए रामगोपाल यादव ने कानूनी पक्ष भी मजबूत कर लिया और लखनऊ आकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की। उनके साथ पार्टी उपाध्यक्ष किरनमय नंदा व नरेश अग्रवाल भी थे। इसके बाद उन्होंने मुलायम के घर का रुख किया जहां दोनों के बीच वार्ता जारी थी। माना जा रहा है कि रामगोपाल यादव अखिलेश गुट की प्रत्याशियों की सूची, घोषणा पत्र, चुनावी कार्यक्रम और गठबंधन की रूपरेखा तय करने आए थे। वहीं मुलायम से मिलकर उन्होंने अपनी स्थिति स्पष्ट की है कि उन्होंने अखिलेश को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने के लिए बगावत का बिगुल फूंका था।

38 नामों पर होगा मंथन

पार्टी सूत्रों की मानें तो मुलायम द्वारा अखिलेश को सौंपी गयी सूची में उन 38 नामों का जिक्र है जिन्हें अखिलेश ने अपनी 235 प्रत्याशियों की लिस्ट में जगह नहीं दी थी। यह चर्चा भी रही कि शिवपाल की जगह आदित्य यादव को जसवंतनगर सीट सौंपी जा सकती है। इसके अलावा अपर्णा यादव, अंबिका चौधरी, ओमप्रकाश सिंह, नारद राय, बेनी प्रसाद वर्मा के पुत्र राकेश वर्मा, शादाब फातिमा, रीबू श्रीवास्तव, उदयराज यादव, आशीष कुमार यादव, रामपाल यादव, संदीप शुक्ला, सिगबतुल्लाह अंसारी, महमूद हसन, मैनपाल ंिसंह उर्फ पिंटू राणा, अयूब अंसारी, तेजवीर सिंह, रामनिवास शर्मा, शिव बख्श शाक्य, संध्या कठेरिया, अताउर्ररहमान आदि नामों का जिक्र है। अखिलेश गुट की ओर से यह संकेत भी मिले कि अंबिका चौधरी समेत कुछ नामों के अलावा बाकियों को टिकट दिया जा सकता है। रामपाल यादव, आशीष कुमार यादव को भी टिकट देने पर सहमति नहीं बन पा रही है।

गठबंधन को लेकर भी खुलासा

अखिलेश कैंप से यह संकेत भी मिले कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मुलायम के साथ मंडलीय रैलियां करेंगे। बदले हालात में यह संभावना भी जताई जा रही कि सपा अपने कुछ सिटिंग एमएलए का टिकट काट सकती है। इनमें से कई सीटें ऐसी हैं जहां कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव लड़ने जा रहे हैं। वहीं पश्चिमी उप्र की कुछ सीटें रालोद के लिए छोड़ी जाएगी लिहाजा सपा प्रत्याशियों को अपने दिल पर पत्थर रखना होगा। वहीं मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि कांग्रेस और रालोद गठबंधन को लेकर बातचीत अंतिम दौर में है और जल्द ही ऐलान कर दिया जाएगा।

जल्द एक्टिव हो जाएगा वॉर रूम

सिंबल और पार्टी पर कब्जा जमाने के बाद अखिलेश गुट द्वारा तैयार किया गया वॉर रूम जल्द पूरी तरह एक्टिव हो जाएगा। मालूम हो कि अखिलेश गुट ने जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट, लोहिया ट्रस्ट और इंदिरानगर में चुनावी तैयारियों के लिए हाईटेक वॉर रूम तैयार कराए हैं जहां से मतदाताओं को सपा के पक्ष में वोट करने के लिए संदेश भेजने के साथ चुनावी गतिविधियों पर पल-पल की नजर रखी जाएगी। साथ ही सोशल मीडिया के जरिए अखिलेश के समर्थन में मुहिम चलायी जाएगी। सैंकड़ों कम्प्यूटर और अत्याधुनिक उपकरणों से लैस इन वॉर रूम्स को संचालित करने का जिम्मा युवा बिग्रेड को सौंपा गया है।