- आत्मविश्वास से भरे अखिलेश ने गठबंधन होने का दिये संकेत

- पिता मुलायम से अटूट संबंधों पर कहा, नहीं हो सकता अलग

- साइकिल सिंबल मिलने का यकीन था, सबके साथ से बनाएंगे सरकार

LUCKNOW: समाजवादी पार्टी पर छाई धुंध कम होने के साथ यह भी तय हो गया कि सूबे की राजनीति करवट लेने को बेताब है और एक-दूसरे को 'अच्छा लड़का' कहने वाले अखिलेश और राहुल की जल्द ही दोस्ती हो सकती है। साइकिल सिंबल मिलने के बाद पिता मुलायम को मनाने की ओर कदम बढ़ा कर आत्मविश्वास से भरे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पिछले कई दिनों से गठबंधन को लेकर लग रहे कयासों को यह कहकर शांत किया कि बस, थोड़ा इंतजार कीजिए। वहीं कांग्रेस में भी अचानक सुर बदले और यूपी प्रभारी गुलाम नबी आजाद, सीएम कंडीडेट शीला दीक्षित और राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने भी गठबंधन होने के संकेत दिए।

गठबंधन से पहले सीटों की खींचतान

साइकिल सिंबल मिलने के साथ अखिलेश यादव का सियासी कद मजबूत हुआ है लिहाजा अब गठबंधन की शर्तें उनके मुताबिक ही तय होने की उम्मीद है। पूरी तरह मुलायम का साथ मिलने पर अखिलेश का सियासी रसूख बढ़ेगा जिससे गठबंधन में सपा अपने ज्यादा प्रत्याशियों को सीटें दिलाने में सफल हो सकती है। बदले हालात में कांग्रेस को करीब 90 और रालोद को 25 सीटों पर ही संतोष करना पड़ सकता है। गठबंधन में सपा को सबसे ज्यादा मुश्किल पश्चिमी उप्र में होगी जहां रालोद और कांग्रेस खुद को मजबूत मानकर ज्यादा सीटों की मांग करेंगे। वहीं लखनऊ, अमेठी, रायबरेली जैसे कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले जिलों में गठबंधन के फार्मूले में कुछ अहम फेरबदल हो सकते हैं। ध्यान रहे कि दिसंबर माह में अखिलेश ने जो 235 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की थी उनमें कांग्रेस की परंपरागत सीटों को छोड़ दिया गया था। इसी तरह रालोद का गढ़ माने जाने वाली सीटों पर भी प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया गया था।

'नहीं हो सकता िपता से अलग'

सिंबल मिलने के बाद चुनावी व्यस्तता के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मीडिया के लिए भी कुछ समय निकाला और 5, कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर कार्यकर्ताओं से मुलाकात के बाद मीडियाकर्मियों से कहा कि मैं अपने पिता से अलग नहीं हो सकता, यह रिश्ता अटूट है। सिंबल मिलने के बाद मैं उनका आशीर्वाद लेने भी गया था, अब नेताजी के नेतृत्व में चुनाव लड़ना है। मुझे यकीन था कि साइकिल मुझे ही मिलेगी। अब नेताजी का चेहरा और अपना काम लेकर चुनाव में जाना है। मेरे ऊपर अब बड़ी जिम्मेदारी आ गयी है। सबका साथ लेकर सरकार बनानी है। समय बेहद कम बचा है इसलिए 19 जनवरी की रैली को रद कर दिया गया है। आज प्रत्याशियों की लिस्ट फाइनल करनी है। जल्द ही इसका ऐलान भी करेंगे। गठबंधन की लिस्ट भी जल्द आ जाएगी। पार्टी के स्टार प्रचारकों के बारे में पूछने पर बोले कि जल्द ही इसका फैसला भी लेंगे। साथ ही यह खुलासा भी किया कि सोमवार को ट्विटर पर नेताजी के साथ पोस्ट की गयी उनकी फोटो दो दिन पुरानी थी।

सिंबल मिलने के बाद मैं उनका आशीर्वाद लेने भी गया था, अब नेताजी के नेतृत्व में चुनाव लड़ना है। मुझे यकीन था कि साइकिल मुझे ही मिलेगी। अब नेताजी का चेहरा और अपना काम लेकर चुनाव में जाना है। मेरे ऊपर अब बड़ी जिम्मेदारी आ गयी है। सबका साथ लेकर सरकार बनानी है।

=अखिलेश यादव, सपा मुखिया