- नाम पर पहले ही वोट पड़ने की कंडीशन में अपनी पहचान सिद्ध कराकर किया जा सकता है वोट

- पहचान प्रूव होने पर मिलेगा टेंडर बैलट, पहले वाला वोट हो जाएगा कैंसिल

GORAKHPUR: वोट करना सभी का अधिकार है। एक-एक वोट कितना कीमती होता है, इसका अंदाजा पॉलिटिशियंस को इलेक्शन के दौरान इसके लिए अपील करते हुए देखकर आसानी से लगाया जा सकता है। मगर कई बार ऐसा होता है कि बाहुबल और धनबल का इस्तेमाल कर कुछ कैंडिडेट्स रजिस्टर्ड वोटर्स की जगह किसी और को खड़ाकर उसका वोट पोल करा देते हैं। इस बार यदि चुनाव में ऐसा कुछ हो गया तो भी टेंशन न लें। निर्वाचन आयोग की ओर से टेंडर वोट की व्यवस्था की गई है, जिसके जरिए आपके नाम पर वोट करने के बाद भी आप अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं।

पहचान करानी होगी प्रूव

अगर कैंडिडेट्स या किसी दूसरे के प्रभाव में आपके वोटिंग राइट का गलत इस्तेमाल कर लिया गया है, तो आप इसे टेंडर वोट के जरिए चैलेंज कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने पीठासीन अधिकारी के पास मौजूद फॉर्म भरना होगा और वहां अपनी पहचान प्रूव करानी होगी। ऐसा करने के बाद अगर आप सही निकलते हैं, तो पीठासीन अधिकारी आपको वोट डालने का मौका दे देगा। लेकिन, यदि आप पहचान साबित नहीं कर पाते हैं तो आपके खिलाफ भी धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया जा सकता है।

बैलट पेपर पर डालेंगे वोट

वोटर के नाम पर पहले ही वोट डाले जाने की कंडीशन में इलेक्शन कमिशन ने जेनविन वोटर्स के लिए रास्ता निकाल रखा है। ऐसे केसेज के लिए सभी पीठासीन अधिकारियों के पास 20-25 की तादाद में बैलट पेपर्स रखवाए जाते हैं। अगर कोई 'टेंडर वोट' की डिमांड करता है, तो पीठासीन अधिकारी पहचान प्रूव होने के बाद उन्हें अपने पास रखा बैलट पेपर दे देता है, जिसके जरिए उसका वोट भी काउंटिंग में आ जाता है, वहीं इस नंबर पर डाले गए वोट को कैंसिल मान लिया जाता है।

वर्जन

जिन वोटर्स के नाम पर इलेक्शन के दिन पहले ही वोट दिया जा चुका होता है, ऐसे लोग टेंडर वोट का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए सभी पीठासीन अधिकारियों के पास बैलट पेपर मौजूद रहता है, वोटर अपनी पहचान प्रूव कराकर अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकता है।

- वीएन मिश्रा, इलेक्शन ट्रेनर