ALLAHABAD: मतदान न करने वालों को घूरपुर थाना क्षेत्र के गौहनिया बाजार निवासी तीन भाईयों से सीख लेनी चाहिए, जिन्होंने मां का निधन होने के बाद पहले लोकतंत्र के नागरिक होने का फर्ज निभाते हुए मतदान किया और फिर वहां से लौटकर मां के शव का अंतिम संस्कार किया।

गुरुवार सुबह मतदान शुरू ही हुआ था कि करीब आठ बजे प्रेमा देवी (80) की बीमारी से मौत हो गई। खबर सुनते ही दोस्त व रिश्तेदार घर पहुंचने लगे। परिवार में गम और मातम का माहौल छा गया। इन सबके बावजूद मृतका के बेटे गंगा केसरवानी, रामधनी, नन्हू एवं उनकी पत्‍ि‌नयां रोते बिलखते पहले बूथ पर पहुंचीं। बूथ पर उन्हें बिलखते देख कतार में खड़े लोगों ने कारण पूछा और जानने के बाद उन्हें बिना लाइन के ही मतदान की छूट दे दी। इसके बाद सभी मतदान करने के बाद वहां से रवाना हुए। उनके इस कदम की पूरे दिन बूथ के साथ ही आसपास के गांव और चुनाव अधिकारियों-कर्मचारियों के बीच चर्चा होती रही।