बसपा ने घोषित किए बारह विधानसभाओं के उम्मीदवार

भाजपा और कांग्रेस ने अब भी नहीं उजागर किया प्रत्याशियों का नाम

ALLAHABAD: विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही बसपा ने अपने सूरमाओं को मैदान में उतार दिया है। जिले की बारह विधानसभाओं में बसपा प्रत्याशियों का नाम डिक्लेयर हो चुका है। लेकिन चुनावी रण का रोमांच अभी मैदान में नहीं दिख रहा है। क्योंकि भाजपा और कांग्रेस जैसे प्रमुख राजनीतिक दलों ने अब भी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। वहीं सपा प्रत्याशियों की फाइनल लिस्ट भी पारिवारिक दंगल के चलते तैयार नहीं हो सकी है। ऐसे में इन पार्टियों के संभावित उम्मीदवार सूची के इंतजार में टकटकी लगाए हैं। इसी इंतजार के चलते चुनावी माहौल भी रंग नहीं पकड़ पा रहा है।

क्षेत्र में हो सक्रिय हो गए बसपाई

इलाहाबाद में चौथे चरण में 23 फरवरी को मतदान होना है। चुनाव आयोग की ओर से चार जनवरी को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के ठीक दूसरे दिन बसपा सुप्रीमो मायावती ने बिना देरी किए अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। इसके चलते पार्टी के उम्मीदवार अपने क्षेत्रों में वोट की गणित लगाने निकल चुके हैं। इनमें करछना, शहर पश्चिमी और कोरांव के सिटिंग विधायकों के नाम शामिल हैं।

बसपा के उम्मीदवार

उत्तरी- अमित श्रीवास्तव

दक्षिणी- हाजी माशूक खान

पश्चिमी- पूजा पाल

मेजा- एसके मिश्रा

बारा- अशोक गौतम

करछना- दीपक पटेल

कोरांव- राजबली जैसल

फाफामऊ- मनोज पांडेय

फूलपुर- मो। मशरुफ

हंडिया- हाकिम लाल बिंद

प्रतापपुर- हाजी मुस्तफा सिददीकी

सोरांव- गीता पासी

भाजपा में कयासों का बाजार गर्म

दूसरी ओर इस चुनाव में खुद को तगड़ा दावेदार बता रही भाजपा के प्रत्याशी पिछले चुनाव में अपना जीत का खाता तक नही खोल सके थे। इस बार भी अभी तक उनकी प्रत्याशियों की सूची जारी नही हो सकी है। पार्टी शीर्ष क्रम ने खरमास खत्म होने के बाद 16 जनवरी को सूची जारी करने की बात कही है। ऐसे में शहर की तीनों विधानसभाओं में प्रत्याशियों के नाम को लेकर कयासों का बाजार गर्म हो चला है। शहर उत्तरी में डॉ। एलएस ओझा, राधाकांत ओझा, पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह गौर, हर्षव‌र्द्धन बाजपेई, मृत्युंजय तिवारी के नाम की चर्चा है तो दक्षिणी में डॉ। कृतिका अग्रवाल, पुनीत वर्मा, पदुम जायसवाल सूची के इंतजार में हैं। पश्चिमी में लालजी शुक्ला और पूर्व मेयर केपी श्रीवास्तव के समर्थक अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं।

सपाई आपसी कलह का शिकार

कहने को अभी तक समाजवादी पार्टी के दो उम्मीदवारों की दो सूची जारी हो चुकी है। इनमें से एक पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव की सूची है तो दूसरी सीएम अखिलेश यादव के चहेतों की है। दोनो सूची में कुछ प्रत्याशियों के नाम एक थे लेकिन शहर उत्तरी में लल्लन राय व संदीप यादव और शहर पश्चिमी में ज्योति यादव और ऋचा सिंह के बीच सीट की दावेदारी को लेकर पेंच फंसता नजर आ रहा है। पिता-पुत्र की लड़ाई में अभी तक उम्मीदवारों की फाइनल सूची अटकी हुई है और प्रत्याशी खुलकर चुनावी मैदान में कूद नहीं सके हैं।

अपने गढ़ में कांग्रेस खामोश

वर्तमान में शहर की बारह विधानसभाओं में से आठ पर सपा का कब्जा है तो तीन पर बसपा के विधायक कायम हैं। महज एक सीट शहर उत्तरी पर दो बार से अनुग्रह नारायण सिंह विधायक बनकर कांग्रेस पार्टी की लाज बचा रहे हैं। इलाहाबाद कभी कांग्रेस का गढ़ कहलाता था, लेकिन आज यह पार्टी अपने ही गढ़ में शांत पड़ी है। न चुनावी सुगबुगाहट दिख रही है और न प्रत्याशियों के बीच टिकट को लेकर उस स्तर की रस्साकशी दिख रही है। कहा जा रहा है कि सपा के साथ गठबंधन के कयास के चलते अभी तक सूची जारी नहीं की गई है।