-राजनेताओं के वोट मांगने की कलाओं से अच्छी तरह वाकिफ हो चुकी है पब्लिक

-आधारभूत सुविधाओं और सशक्त मुद्दों के आधार पर ही पब्लिक चुनेगी अपना नेता

KANPUR:

स्थान - चुन्नीगंज

विधानसभा - सीसामऊ

विधायक - इरफान सोलंकी

खास बात - मिश्रित अाबादी क्षेत्र

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कसमे-वादे प्यार वफा सब बाते हैं बातों का क्या किसी फिल्म का यह गीत वर्तमान राजनीति पर बिलकुल फिट बैठता है। चुनाव के समय नेता तमाम कसमें खाता है, वादे भी करता है। प्यार और वफा भी जताता है, लेकिन चुनाव जीतने के बाद अपना दीदार कराने के लिए पब्लिक को तरसा देता है। अब विधानसभा चुनाव का समय आ गया तो एक बार फिर नेताओं की कसमें, वादे और प्यार सामने आने लगा है। ऐसे में गली-नुक्कड़ और चाय-पान की दुकानों में राजनीतिक चर्चा भी तेज हो गई है। इन चर्चाओं में हो रही बातों में सरकार के रिपोर्ट कार्ड पर भी खूब बहस हो रही है। हर कोई अपने तर्क को सही साबित करना चाह रहा है, साथ ही यह भी बता रहा है कि कौन सी सरकार बनेगी तो पब्लिक का ज्यादा भला होगा।

आई नेक्स्ट के 'चाय पे चर्चा' का पड़ाव थर्सडे को चुन्नीगंज में गुड्डन चाय वाले की दुकान पर था। यहां करीब डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों के बीच चाय के गिलास साथ सर्दी के मौसम में राजनीतिक बातों की गर्मी फैल रही थी। एससी अवस्थी बोले कि चुनाव में तो भइया इस बार विकास ही सबसे बड़ा मुद्दा है। इसमें कोई शक नहीं कि अखिलेश ने पूरे प्रदेश में खूब विकास कराया है। तभी विनोद बधवार बोल पड़े कि अरे वो तो ठीक है, लेकिन परिवार में जो कलह हुई है इसकी वजह से अखिलेश की इमेज को नुकसान हुआ है और चुनाव में भी इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। बंटी सेंगर बोले छोड़ो इन बातों को, अखिलेश सरकार दुबारा बनेगी यह तो तय मान लो। लोगों ने सब समझ लिया है। सचिन तांगड़ी ने भी उनकी हां में हां मिलाते हुए कहा कि एक बात कहूंगा कि इस बार जो विकास हुआ है उतना पहले किसी सरकार ने नहीं किया है।

तभी भोला खान ने चाय की एक चुस्की ली और कहा भइया एक मुद्दा और है नोटबंदी का। इसने भी पब्लिक को खूब रुलाया है। जनार्दन सिंह ने भी इसमें सहमति दी और बोले कि इस वक्त व्यापार चौपट हो गया है। गरीब आदमी के पास रोजगार नहीं रहा। तमाम लोग नौकरी से निकाल दिए गए। नसीम रजा ने कहा कि सही कह रहे हो भाई, इस वक्त औद्योगिक और एग्रीकल्चरल ग्रोथ बुरी तरह से गिर गई है। रोहित वर्मा ने कहा कि नोटबंदी भविष्य के लिए एक अच्छा कदम है। तभी पप्पू हसन बोल पड़े भविष्य तो बाद की बात है, लेकिन अभी जो परेशानी हुई है उसको कौन देखेगा।

कुछ भी कहो लेकिन इस बार सीधा मुकाबला बीजेपी और सपा के बीच ही होगा, निखिल मैसी बोले। इस पर सनी आनन्द और तहरीन एक साथ बोल पड़े कि बीएसपी का क्या होगा। विवेक ने जवाब दिया कि बीएसपी कहीं से भी लड़ाई में नहीं दिख रही है। मो। शरीफ ने कहा कि बीएसपी तो इस समय बुरी तरह से टूट गई है। मो। सरताज बोल पड़े सही कहा बीएसपी के कई बड़े नेता तो पार्टी छोड़कर चले गए। अमित ने कहा कि उन्हीं नेताओं ने कहा है कि बीएसपी में पैसे लेकर टिकट ि1दया जाता है। नसीम रजा ने कहा कि जो पार्टी पैसे लेकर टिकट देती है उसके बारे में पब्लिक भी अब अच्छी तरह से समझ गई है और तो और बीएसपी का सोशल इंजीनियरिंग वाला फार्मूला भी इस बार नहीं चल पाएगा।

एक बार फिर एससी अवस्थी बोल पड़े कि अखिलेश की अगर दुबारा सरकार बनी तो उन्हें जातिवाद को किनारे करना पड़ेगा, नहीं तो अन्य वर्ग के लोग नाराज हो जाएंगे। भोला खान ने कहा कि अरे भाई अखिलेश सब समझ रहे हैं, इस बार उनकी सरकार में बहुत कुछ बदलाव नजर आएगा। मयंक ने कहा कि कुछ भी हो, लेकिन एक बात तो है कि बीजेपी के राज में गुण्डे नेता सरकार में नहीं होते हैं।

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पब्लिक की यह है डिमांड

- शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा सस्ती हो

- नर्सिग होम पर नकेल लगाई जाए

- प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रुके

- शहर में मेट्रो का कार्य तेज हो

- ट्रैफिक सिस्टम सुधारा जाए

- उद्योगों को बढ़ाया जाए

- नए उद्योगों की स्थापना हो

- रोजगार के नए रास्ते निकाले जाएं