स्थान - शास्त्रीनगर

विधानसभा - गोविन्दनगर

विधायक - सत्यदेव पचौरी

खास बात - श्रमिक बाहुल्य क्षेत्र

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- शहर में तेजी से गर्माने लगा है राजनीतिक माहौल, लोग वोट की चोट से पहले अच्छी तरह चेक कर रहे राजनीतिक दलों का रिपोर्ट कार्ड

- बुधवार को आई नेक्स्ट चाय पर चर्चा की टीम पहुंची शास्त्री नगर, चर्चा में सामने आया कि जातिवादी आरक्षण को खत्म करना चाहते हैं लोग

KANPUR : कहते हैं कि किसी क्षेत्र का राजनीतिक माहौल और प्रत्याशियों की फिजा की हकीकत समझनी है तो चाय की दुकान पहुंच जाइए। माहौल चुनाव का हो तो फिर क्या कहना? जैसे-जैसे मतदान की तारीख करीब आ रही है वैसे-वैसे लोगों पर सियासी रंग चढ़ता जा रहा है। किसकी होगी हार और कौन पहनेगा जीत का हारइसको लेकर चर्चा गर्म हो चुकी है। हर इलाके में टी स्टाल्स राजनीतिक चर्चाओं का केंद्र बन चुके हैं। लोग भी दिल खोलकर सियासी तीर चला रहे हैं। पब्लिक फ्रंट फुट पर खेल रही है और 'नेता जी' बहुत सोच-समझ कर हर 'गेंद' खेल रहे हैं। क्योंकि पता नहीं कौन सी 'बॉल' चकमा देकर उनकी गिल्लियां बिखेर दे।

का भइया, कौन भारी है अबकी

नेक्स्ट 'चाय पे चर्चा' का काफिला वेडनेसडे को गोविंद नगर विधानसभा क्षेत्र के शास्त्री नगर इलाके में पहुंचा। एक चाय की दुकान पर इलाके के लोग चाय की चुस्कियों के साथ राजनीतिक दलों का 'रिपोर्ट कार्ड' बनाने में लगे थे। मीडिया को देखते ही वहां पहले से ही राजनीतिक माहौल पर चर्चा करने वालों में और जोश आ गया। उनकी आवाज का वॉल्यूम भी बढ़ गया। पुष्पेन्द्र जायसवाल ने चाय का पहला घूंट अंदर करते हुए बोले, भाई इस बार किसकी सरकार बनवा रहे हैं? जवाब में जेपी यादव बोले, अखिलेश सरकार ने विकास तो किया है, इसलिए लग रहा है कि वही फिर सरकार बनाएंगे। अरे क्या बात कर रहे हो वेद गुप्ता बोले। विकास को छोड़ो इस वक्त पूरे प्रदेश में गुण्डों का आतंक चल रहा है। इसका खामियाजा कौन भुगतेगा। इस पर सोनू वर्मा की आवाज आई, बात तो सही कह रहे हो, पब्लिक विकास चाहती है लेकिन अगर गुण्डई का माहौल रहेगा तो कैसे चल पाएगा।

नोटबंदी असर जरूर दिखाएगी

अरे यार और भी तो कई मुद्दे हैं इस चुनाव मेंचर्चा का रुख बदलने के लिए राकेश तिवारी बोले। कहा, नोटबंदी का फैसला भाजपा को भारी पड़ सकता है। रमेश कुमार ने कहा यह सही बात है नोटबंदी ने व्यापार को बुरी तरह से चौपट कर दिया है। हरमीत सिंह भी बोले कि व्यापार रुपए में तीस पैसे रह गया है। हालत यह है कि खर्चे नहीं निकल रहे हैं। आशीष ने कहा कि वैसे तो नोटबंदी एक अच्छा कदम है। काला धन और भ्रष्टाचार पर कुछ लगाम लगेगी लेकिन जिस तरह से बिना किसी तैयारी के इसे लागू किया गया। उससे पब्लिक बहुत परेशान हो गई। गौतम कुमार बोल पड़े यार इतना बड़ा काम हुआ है तो थोड़ी-बहुत परेशानी तो होनी ही थी।

आरक्षण के सहारे चल रही पार्टियां

इस बीच विषय बदलते हुए राकेश तिवारी बोले कि चुनाव में एक मुद्दा यह भी होना चाहिए कि शिक्षा और नौकरी में आरक्षण खत्म किया जाए। पुष्पेन्द्र ने भी इसका समर्थन किया और बोले कि यह बिलकुल ठीक बात है। मेरिट के आधार पर नौकरी दी जानी चाहिए। आरक्षण की वजह से तमाम प्रतिभाएं दम तोड़ देती हैं जबकि नाकाबिल लोगों को नौकरी मिल जाती है। हरमीत सिंह ने जवाब दिया कि आरक्षण के सहारे तमाम राजनीतिक पार्टियां चल रही हैं। आरक्षण खत्म करने की बात कोई नहीं करेगा। अशोक कुमार बोल पड़े, छोड़ो इन बातों को इसका कोई फायदा नहीं होगा। विधानसभा चुनाव में तो स्थानीय मुद्दों पर ही लोग वोट करेंगे। इस बीच एसपी ठाकुर बोले कि एक बात है सपा में झगड़े का जो नाटक खेला गया उसमें जनता खूब बेवकूफ बनी है। अमित वर्मा ने जवाब दिया कि झगड़ा-वगड़ा कुछ नहीं बल्कि यह पिता-पुत्र के बीच एक नूराकुश्ती थी।

खोखले हैं विकास के ये दावे

वेद गुप्ता का कहना था कि मुलायम सिंह ने शिवपाल को किनारे करने के लिए इस झगड़े को आगे बढ़ाया। इस झगड़े की वजह से कई मुद्दों को दबा दिया गया। स्वास्थ्य के लिए भले ही अखिलेश सरकार ने 108 एंबुलेंस शुरू की लेकिन डेंगू की रोकथाम के कोई उपाय नहीं किए गए। सैकड़ों लोग काल के गाल में समा गए। शहर में ट्रैफिक सिस्टम भी नहीं सुधर सका। लाखों लोग रोज जाम का शिकार होते हैं। बेतरतीब ट्रैफिक की वजह से तमाम एक्सीडेंट होते हैं। सरकार को यह भी देखना चाहिए। गुलाम हुसैन बोल पड़े सही कह रहे हो भाई, सपा विकास का खोखला दावा कर रही है, असलियत यह है कि गुण्डई से पूरा प्रदेश भयभीत है। अब भाजपा आएगी तभी गुण्डाराज खत्म हो सकेगा।

चंदे का हिसाब क्यों नही देते

अरे भाई मेरी भी एक बात सुनो, एसपी ठाकुर ने कहा। मेरी समझ में एक बात यह नहीं आती कि भ्रष्टाचार दूर करने की बात सभी राजनीतिक पार्टियां करती हैं लेकिन चंदे का हिसाब क्यों नहीं देना चाहतीं। यह तो पब्लिक के साथ धोखाधड़ी वाली बात है। रमेश कुमार ने कहा नियम तो सारे पब्लिक के लिए ही हैं, नेता तो मौज से जिंदगी काटता है।

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