-शहर के नुक्कड़ और चौराहों पर आम हो चली है राजनीति की चर्चा

-इस बार आई नेक्स्ट की 'चाय पर चर्चा' स्वरूप नगर में आयोजित हुई

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KANPUR : मकर संक्रांति पर सूर्यदेव जहां उत्तरायण हो गए, वहीं राजनीति की बातें भी अब सरकार किसकी बनेगी की ओर चल पड़ी हैं। चौराहा हो या नुक्कड़ हर एक की जुबां पर इस वक्त सिर्फ राजनीति की बातें ही आम हैं। बहस छिड़ गई है कि किस पार्टी का कौन सा मुद्दा उसे जीत की ओर ले जाएगा। किस पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ेगा और कौन तीसरे नम्बर पर जाएगा, अब चर्चा यहां तक पहुंच चुकी है। वहीं किस सरकार में आमजन को क्या मिला यह भी एक प्रमुख मुद्दा है।

कोई रोक नहीं पाएगा

आई नेक्स्ट भी इस चर्चा को और हवा देने के लिए 'चाय पर चर्चा' की यूनिट लेकर सैटरडे को स्वरूप नगर में रोहित चाय वाले की दुकान पर पहुंचा। उसकी भट्टी पर चढ़ी चाय जिस तरह से उबाल मार रही थी, ठीक उसी तरह वहां बैठे कई लोग राजनीति पर चर्चा करके अपने मन का गुबार निकाल रहे थे। दिनेश सचदेवा की आवाज सुनाई दी कि भइया एक बात तो समझ लो इस बार फिर प्रदेश में भी मोदी सरकार ही आ रही है, इसको कोई रोक नहीं पाएगा। इतना कहना था कि बगल में बैठे नरेंद्रजीत सिंह मिंटा भड़क गए और बोले हमें लगता है आप भाजपाई हो तभी मोदी को जितवा रहे हो। अभी नोटबंदी में हाल देखा था, किस तरह लोग एक-एक रुपए के लिए तरस गए। धनराज बाहूजा बोले तो क्या हुआ यह एक बड़ा फैसला था तो यह सब तो होना ही था। उमेश पाठक ने कहा भले ही कुछ कहो लेकिन नोटबंदी ने व्यापार की कमर तो तोड़ कर रख दी है।

बोलती क्यों बंद हो गई

इतनी बात होने के बाद नोटबंदी के मुद्दे को किनारे करते हुए रवि जायसवाल बोले कि भइया जो विकास करिहे उका ही वोट मिलीहै, यह बहुत अच्छे से जान लेव। इसका जवाब दिया सलमान जाफरी ने, बोले कि आधी-अधूरी परियोजनाओं के उद्घाटन को विकास कहि रहे हो। यह सब चुनावी खेल था। पूरे सूबे में इस समय गुंडों ने आतंक मचा रखा है, इस बारे में तो कुछ बोलो। रियाज ने भी उनकी बात का समर्थन किया और कहा कि अब क्यों बोलती बंद हो गई है। अगर दम है तो जवाब दो, क्या गुंडों से प्रदेश का आम आदमी पीडि़त नहीं है। माहौल में गरमी बढ़ते देख सतपाल सिंह बंटी ने सबको शांत करते हुए कहा कि एक बात तो ध्यान से सुन लीजिए कि राजनीतिक पार्टियों के चक्कर में आपस में कोई बिगाड़ न करो। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस समय मौसम इन्हीं बातों का है, लेकिन चर्चा में किसी पर व्यक्तिगत कमेंट नहीं होना चाहिए।

दुई मुद्दे पर ही चुनाव

बात आगे बढ़ी तो दिनेश फिर बोल पड़े कि इस बार दुई मुद्दे पर ही चुनाव होइए। पहला विकास और दूसरा नोटबंदी, उनकी बात बीच में ही काटते हुए मिंटा ने कहा कि कुछ भी कहो लेकिन एक बार फिर अखिलेश की सरकार बनने जा रही है, यह बात पूरी भी नहीं हुई थी कि रवि जायसवाल ने कहा शर्त लगा लो सपा दूसरे नम्बर पर जा रही है। पहले नम्बर पर भाजपा ही होगी। तुषार बोल पड़ा कि एक बात यह समझ में नहीं आई कि आप लोग बसपा को इतना हल्के में काहे ले रहे हो। बहनजी का जबरदस्त वोट बैंक है और वह सारा एकतरफा बसपा में ही गिरेगा। धनराज ने कहा कि इस समय जो पिता-पुत्र के बीच में संग्राम चल रहा है, वह एक बहुत बड़ा नाटक है। इस नाटक के जरिए मुलायम अपने बेटे अखिलेश को हीरो बना रहे हैं। मीडिया इसका फ्री में प्रचार कर रहा है। देख लिहो शिवपाल और अमर को किनारे लगा कर मुलायम अपने बेटे के ही पक्ष में चुनाव प्रचार करने निकलेंगे।

पब्लिक को उल्लू ने समझे

इस पर सलमान बोल पड़े कि अरे यार यह बात तो सही कह रहे हो, लेकिन पब्लिक को क्या उल्लू समझ लिया है कि ये नेता जैसे चाहे चलाएंगे, मैं साफ कह रहा हूं कि इस ड्रामेबाजी से सपा का नुकसान होना तय है। कुछ भी कहो, लेकिन बहनजी का जो रुतबा प्रशासन के ऊपर रहता है उसका कोई जोड़ नहीं है। अफसर उनके इशारे पर ही चिकरघिन्नी बन जाते हैं, गुण्डे-बदमाश तो पता नहीं कहां निकल लेते हैं। सतपाल सिंह ने इसका जवाब दिया कि इस बार हाथी भी बैठ गया है, नोटबंदी की वजह से बसपा का सारा खेल बिगड़ गया है, अब तो तीसरे नम्बर पर जाने की तैयारी करें।