- कानपुर में 28000 दिव्यांग वोटर्स में 80 फीसदी से ज्यादा ने किया अपने मताधिकार का प्रयोग

-प्रशासन ने दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं के लिए पोलिंग सेंटर्स पर किए थे स्पेशल अरेंजमेंट्स

- पोलिंग बूथ तक ले जाने के लिए व्हील चेयर्स के साथ ई-रिक्शे, ऑटो, एम्बुलेंस की व्यवस्था

KANPUR : शहर में भले ही विधानसभा चुनाव में आम मतदाता फ‌र्स्ट क्लास पास नहीं हुए, लेकिन दिव्यांगों ने फ‌र्स्ट क्लास पास होकर सबका दिल जीत लिया। उन्होंने 80 प्रतिशत वोट करके ये साबित कर दिया कि वे किसी से कम नहीं है। जिसे देख डीएम कौशलराज शर्मा ने उनकी सरहाना की। वहीं, दिव्यांगों ने पोलिंग बूथ में बूथ तक ले जाने की सुविधा मिलने पर डीएम को शुक्रिया किया। डीएम ने इस काम के लिए एनसीसी कैडिट और समाजसेवी संस्थाओं की मदद ली थी। साथ ही दिव्यांगों को पोलिंग बूथ लाने के लिए आठ सौ एम्बुलेंस और आटो लगाए थे। बताते चलें कि 28000 वोटर्स हैं।

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पैर में प्लास्टर, दिल में लोकतंत्र--पंकज

विकास नगर के रहने वाले उद्योगपति समीर शिवहरे पैर में प्लास्टर बांधकर स्टिक लेकर वोट डालने आए। उन्होंने जयनारायण विद्या मंदिर इंटर कॉलेज विकास नगर में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इसी तरह से एक्सीडेंट में बाएं पैर का पंजा गंवाने वाले लखनपुर निवासी पीके आनंद बेटी प्राची के साथ वोट डालने पहुंचे।

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घाट से सीधा वोट डालने पहुंचे-- (फोटो) पंकज

यन्हृक्कक्त्र: कल्यानपुर असेंबली के जयनरायन विद्यामंदिर इंटर कॉलेज पोलिंग सेंटर में एक पिता-पुत्र घाट से कर्मकांड करने के बाद अपने मताधिकार का प्रयोग करने पहुंचे। मदारपुर के रहने वाले धीरज रावत की मां का निधन शुक्रवार को हो गया था। संडे को घाट पर कर्मकांड करने के बाद धीरज अपने पिता लालमन के साथ वोट डालने पहुंचे। पर्ची बनवाने के बाद दोनों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।