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चाय पर चर्चा का सिलसिला आज शहरी सीमा को पार करते हुए चौरीचौरा विधानसभा क्षेत्र पहुंचा। आई नेक्स्ट की चाय की चर्चा में लोगों की दिलचस्पी भी साफर नजर आई। आई नेक्स्ट रिपोर्टर जब कुसम्हीं बाजार कस्बा स्थित चाय की दुकान पर पहुंचा तो लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था। आलम यह था कि सर्द मौसम में बातचीत की गर्मी बढ़ने पर दुकानदार को टोका-टाकी तक करनी पड़ी। पेश है चाय की दुकान पर चर्चा की एक झलक

विधानसभा क्षेत्र: चौरीचौरा

स्थान: कुसम्हीं बाजार

समय: 12 बजे

आई नेक्स्ट रिपोर्टर: आप लोग तो पूरा माहौल बना दिए हैं भाईचुनाव की डेट आते ही चुनावी चर्चा चरम पर पहुंचा दिए हैं।

(बात सुनते ही वहां मौजूद लोगों का रुख आई नेक्स्ट रिपोर्टर की तरफ होता है। अचानक एक सज्जन पूछ बैठते हैं। भइया, आप आई नेक्स्ट से हैं क्या? आजकल इसी स्टाइल में रोज आई नेक्स्ट में चाय पे चर्चा छप रही है.)

यह बताने पर कि यह टीम आई नेक्स्ट है। लोग दुगुने उत्साह के साथ चर्चा में मशगूल हो जाते हैं।

डॉ। ओपी सिंह: हां भइया, बात तो चुनावी ही चल रही है इस समय हर तरफ। अरे भाई विधायक बनाने की बात हो रही है। चुनाव आते ही नेता-पनेता दौड़ने लगे हैं। आज के पहले कोई नहीं आ रहा था। अब हर कोई आने लगा है।

(तभी वहां मौजूद रामचंद्र टोकते हैं) रामचंद्र: क्या डॉक्टर साहब, आपो अइसन कहत हई, एक प्रत्याशी का नाम लेते हुए.ऊ त कई बार आईल रहलें। अब बेचारे खुदे अधर में लटके हैंटिकटवे कन्फर्म नहीं हो रहा है।

इसी बीच फुलई यादव वहां पहुंचे।

फुलई यादव: अरे भइया रामचंद्र, कोई आए-जाए। यूपी में सरकार तो सिर्फ अखिलेश भइया की ही बनेगी।

(इस बात पर वहां मौजूद भोलू गुप्ता ऐतराज जताते हैं)

भोलू गुप्ता: अरे भाई एक बात समझ में नहीं आती है। खाली अखिलेश-अखिलेश किए रहते हैं। क्या किया है उनकी सरकार नेमोदी जी को देखिए जो कर दिए हैं कि बेईमान भगते फिर रहे हैं।

(तभी राजेश प्रजापति का जोश जाग उठा। इलाके की बात को जोरदार तरीके से उठाते हुए बोले)

राजेश प्रजापति: विदेश से आइल हवा, देखा कुसम्हीं में का बा, लगे तो खेते में जा। अरे, एतना बड़ा कस्बा में कम से कम से एक सुलभ शौचालय त बनेके चाहींकेहूं आज तक यह पर ध्यान देहल।

(उनकी बात का समर्थन किया बृजेश ने)

बृजेश विश्वकर्मा: .लेकिन इस मुद्दे पर कौन सोच रहा है। पहले हम लोग पिपराइच विधान सभा क्षेत्र में थे। अब चौरीचौरा एरिया में आ गए हैं। लेकिन तब से लेकर आज तक कोई बदलाव नहीं आया। कस्बे में जल जमाव, साफ-सफाई की समस्या बनी हुई हैं।

(बात फुलई को बर्दाश्त नहीं हुई। पैंतरा बदल के बोले)

फूलई: ढेर अंग्रेजी मत झाड़ा, इ सब काम विधायक क नाहीं, प्रधान क ह.अखिलेश सरकार जितना काम कर दी है। उतना कभी नहीं हो पाएगा।

तभी बहस में फंसे रामचंद्र को किसी ने बुलाया। चाचा देखा गाड़ी पंचर हो गइल बा।

(इस पर भोलू गुप्ता भला मौज लेने से कहां चूकने वाले थे.)

भोलू:गाड़ी नाहीं, यादव जी की साइकिल पंचर

(सुनकर सब लोग हंसने लगे)

(गिरजेश बहुत देर से सब सुन रहे थे। अपनी बात रखते हुए बोले)

गिरजेश कुमार: देखिए भाई सरकार केंद्र की हो या प्रदेश की। वह जो भी योजनाएं बना रहे हैं। उनका लाभ तो मिलेगा ही। लेकिन हमारी लोकल समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने वाले जब जिम्मेदारी नहीं निभाएंगे तो अखिलेश, मोदी, मुलायम क्या कर लेंगे। अरे, मायावती आएं या राहुल क्या फर्क पड़ता है.जब बिजहरा, कुसम्ही, मोतीराम अड्डा की हालत वही रह गई। इसके साथ ही धीरे-धीरे लोग चाय का पेमेंट करके निकल गए।

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टी- प्वाइंट

भइया अरसा हो गया दुकान पर बैठते। कस्बे और आसपास के इलाके में बड़े बदलाव देखे हैं। वह दिन भी देखा है जब इस रोड से गिनी-चुनी गाडि़यां गुजरती थीं। लोग पैदल ही गोरखपुर आते-जाते थे। अब तो बढि़या हाइवे बन गया है। हमारा छोटा सा गांव अब कस्बे का रूप लेने लगा है। आसपास के सैकड़ों गांवों के लोग यहां से होकर गुजरते हैं। चुनाव कोई हो प्रधान से लेकर सांसदी तक, चाय की दुकान पर खूब चर्चा होती है। इन बातों का मजा भी तभी है जब इलाके की सूरत भी संवरे।

-बड़े लाल जायसवाल, दुकानदार