Election duty से बचा लो

कर्मचारियों ने duty कटवाने के लिए लगाया एड़ी-चोटी का जोर

लखनऊ और दिल्ली से लग रही सिफारिश, अधिकारी भी परेशान

ALLAHABAD: मतदान में अब कुल एक सप्ताह का समय शेष बचा है। चुनाव में कर्मचारियों की ड्यूटी लग गई है और फेजवाइज ट्रेनिंग भी शुरू हो चुकी है। बड़ी संख्या कर्मचारियों की ऐसी भी है जो अब भी ट्रेनिंग सेंटर पहुंचने की जगह विकास भवन के चक्कर काट रही है। चाहत है किसी तरह से इलेक्शन ड्यूटी से मुक्ति मिल जाए। इसके लिए वह लखनऊ से लेकर दिल्ली तक से पैरवी करना रहे हैं और ड्यूटी है कि कटने का नाम नहीं ले रही है।

विकास भवन में जुटे कर्मचारी

इलेक्शन ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों का प्रशिक्षण वर्तमान समय में प्रयाग संगीत समिति में चल रहा है। इलेक्शन की डेट नजदीक आने के साथ सरकारी कर्मचारियों की दिलों की धड़कन भी बढ़ने लगी है। बुधवार को बड़ी संख्या में कर्मचारी और अधिकारियों ने विकास भवन में डेरा डाले रखा। चुनाव प्रशिक्षण लेने के बजाय उनका पूरा ध्यान इलेक्शन ड्यूटी कटवाने पर था। बावजूद इसके गिनती के लोगों की ही सुनवाई हुई। अधिकारियों का कहना है कि अधिक लोगों का नाम सूची से हटा दिए जाने पर चुनाव कराने में दिक्कत आ सकती है।

अब तक 500 की अर्जी मंजूर

इलेक्शन ड्यूटी कटवाने पहुंचे लोगों में महिलाओं और बुजुर्गो की संख्या अधिक है। ड्यूटी कटवाने के सर्वाधिक कारण बीमारी बताया जा रहा है। वही, अधिकारियों का कहना है कि अभी तक पांच सौ आवेदन मंजूर किए गए हैं। प्रत्येक अप्लीकेशन की सत्यता को परखने के बाद ड्यूटी हटाई जा रही है। इस बार चुनाव में निर्वाचन आयोग ने इलेक्शन ड्यूटी को लेकर सख्त नियम बनाए हैं। बहाने बनाकर ड्यूटी ये बचने वालों पर आयोग की कड़ी नजर होगी। बता दें कि मतदान में कुल 23650 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इनमें दस फीसदी रिजर्व कैटेगरी में हैं, जिन्हें ट्रेनिंग के साथ 22 फरवरी की सुबह पोलिंग पार्टियों की रवानगी के दौरान मौजूद रहना होगा।

कहां-कहां से लग रही सिफारिश

विकास भवन का माहौल वर्तमान में काफी रोचक हो चला है। ड्यूटी कटवाने वाले कर्मचारी और अधिकारी लखनऊ से लेकर दिल्ली तक बड़े अधिकारियों और मंत्री-नेताओं की सिफारिश करवा रहे हैं। यहां तक विशेष और प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों की सिफारिशी पत्र भी पहुंच रहे हैं। इससे जिला प्रशासन की दिक्कतें बढ़ती नजर आ रही हैं। हालांकि, ऐसे पत्रों को बहुत अधिक तवज्जो नहीं दी जा रही है।

FIR की चेतावनी के बाद जागे

एक और अहम बात यह रही कि पीठासीन अधिकारी बनाए गए तकरीबन दो सौ कर्मचारी ट्रेनिंग पर नहीं पहुंचे थे। जिला प्रशासन ने उन विभागों के एचओडी को पत्र भेजकर एफआईआर दर्ज कराने की चेतावनी जारी करा दी। इसका असर यह हुआ कि यह कर्मचारी ट्रेनिंग पर जाने के बजाय सीधे विकास भवन ड्यूटी कटवाने पहुंच गए। इनमें से कईयों को बैरंग लौटा दिया गया।

जो लोग ट्रेनिंग पर नही पहुंच रहे हैं उनके खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। जिनका कारण स्पष्ट है उनको इलेक्शन से छूट दी जा रही है। जो लोग बहानेबाजी कर रहे हैं, उनको हर हाल में मतदान में उपस्थिति दर्ज करानी है।

आंद्रा वामसी,

मुख्य विकास अधिकारी व प्रभारी मतदान कार्मिक

जटिल हुई प्रक्रिया

पिछले साल तक केवल एनआईसी की डाटा एंट्री से नाम हटा दिया जाता था

इलेक्शन कमीशन ने इस बार व्यवस्था को बदल दिया है

कर्मचारी जिस कारण से ड्यूटी से नाम कटवाने की गुजारिश कर रहा है उसका प्रमाण भी साथ में देना होगा

सभी प्रमाण पत्रों को स्कैन करके कमीशन को भेजा जाएगा

वहां से एप्रूवल आने के बाद ही किसी कर्मचारी का नाम हटाया जाएगा

Fact file

23650

कर्मचारियों की ड्यूटी मतदान में लगाई गई है

10

फीसदी कर्मचारियों को बैकअॅप में रखा गया है

500

कर्मचारियों की ड्यूटी ही अब तक कटी है

22

फरवरी को ईवीएम के साथ बूथ के लिए मूव करेंगे कर्मचारी