दोपहर 12 बजे से शाम छह बजे तक किसी भी रोड पर चलना था दुश्वार

स्कूल बंद होने से बच्चों को मिल गई बड़ी राहत

नेताओं के जुलूस ने की traffic plan की ऐसी-तैसी

ALLAHABAD: गनीमत थी कि परिस्थितियों का अंदाजा डीएम ने लगा लिया था और एक दिन पहले ही इंटर तक के सभी स्कूलों का फैसला ले लिया था। स्कूल खुले होते तो शायद पूरे दिन पैरेंट्स की सांस अटकी रहती। यह सोचकर कि आखिर बच्चा आखिर देर शाम तक घर क्यों नहीं पहुंचा। एक्चुअली मंगलवार को विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार का अंतिम दिन था और लगभग सभी दलों के प्रमुख नेता माहौल बनाने के लिए शहर में थे। पूरे-तामझाम के साथ निकले नेताओं के रोड शो ने ट्रैफिक प्लान की ऐसी-तैसी कर दी। नतीजा कॉमन मैन को दस मिनट का सफर पूरा करने में दो से तीन घंटे तक लग गए।

सभी के साथ चल रहा था काफिला

मंगलवार को भाजपा के प्रचार की कमान संभालने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह खुद यहां पहुंचे थे। सपा-कांग्रेस गठबंधन के पक्ष में फिजा बनाने के लिए राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी थे। तीनों नेताओं को रोड शो करना था। विभिन्न पार्टियों के जुलूस के चलते शहर के लोग चौतरफा जाम में फंसे रहे। आचार संहिता का खुलेआम उल्लंघन करते हुए कार्यकर्ताओं ने सारी हदें पार कर दीं। वाहनों का लम्बा-चौड़ा काफिला जिधर से भी निकला, उस रोड पर पब्लिक घंटों जाम में लोग फंसी रही। चौराहों और रोड पर लगे जाम को ट्रैफिक पुलिस आंख बंद कर देखती रही। आलम यह रहा कि हर तरफ लोग जाम में फंस रहे और पुलिस और प्रत्याशियों को कोसते रहे।

वाहनों पर स्टंट कर रहे थे कार्यकर्ता

मंगलवार को सभी पार्टी के कद्दावर नेताओं ने जोर शोर से रोड शो किया। सभी नेताओं के जुलूस में सैकड़ो की संख्या में छोटे-बड़े वाहन शामिल थे। हैरत की बात यह है कि वाहनों पर खड़े होकर कार्यकर्ता स्टंट करते हुए जिस भी रूट से निकल रहे थे। उस रूट पर ट्रैफिक का चौतरफा जाम लग रहा था। जाम की चपेट में आने वाले इलाकों में खासतौर पर बालसन चौराहा, आनंद भवन, कटरा, इलाहाबाद युनिवर्सिटी रोड, कम्पनीबाग, अल्लापुर, बैरहना, हाईकोर्ट पानी की टंकी चौराहा, खुल्दाबाद, कोतवाली, गोल पार्क के आसपास सभी मार्ग पर लंबा जाम लगा हुआ था। वाहन चालक मोहल्ले की गलियों से वाहनों को निकाल रहे थे, जबकि अफसरों को पहले से रोड शो को लेकर पब्लिक की भीड़ का अंदाजा था। उसके बावजूद ट्रैफिक की व्यवस्था जस की तस थी। टै्रफिक का अच्छा इंतजाम न होने के कारण लोग जगह जगह घंटो जाम में फंसे हुए थे। जाम की यह स्थित शाम पाच बजे तक बनी हुई थी। जुलूस निकलने के दौरान स्थिति ओर भी भयावह हो गई थी, हैरानी की बात यह है कि रोड शो की पहले से पुलिस और ट्रैफिक विभाग को जानकारी होने के बावजूद अफसरों ने जाम से निपटने के लिए कोई खास प्लानिंग नहीं किया था।

बेहद जरूरी काम से चौक जाने के लिए निकला था। वाहन निकलने की नौबत नहीं है। कहीं इसे खड़ा भी नहीं कर सकता कि पैदल ही चला जाऊं। ट्रैफिक मैनेजमेंट बेहद खराब है।

अभिजीत रंजन

हमें किसी के रोड शो से क्या लेना। अपने काम से मतलब है। डिलीवरी पहुंचाने जा रहा था। कस्टमर ने तीन बजे का टाइम दिया है। अभी यहीं झेल रहा हूं।

दिवाकर प्रजापति

ट्रैफिक पुलिस तो जैसे मूकदर्शक बनी हुई है। उसे तो कोई नोटिस ही नहीं ले रहा है। सबका एक जैसा हाल है। घंटे भर से फंसा हुआ हूं। कब तक पहुंच सकूंगा मुकाम तक पता नहीं। पक गया हूं यार।

अभिषेक कुमार