चुनाव में बसपा को हल्के में लेने की भूल करने वाली पार्टियां खा जाएंगी गच्चा

सभी पार्टियों के प्रत्याशियों के सामने आने के बाद जनता मनाएगी अपना मूड

ALLAHABAD: चाय की चुस्की के बीच चुनावी चर्चा के सफर में आज आप लोगों को मछली मंडी चौराहे का हाल बताते हैं। सर्दी से कांप रहे शरीर को एक कप चाय से थोड़ा गर्माहट पहुंचाने के लिए टी स्टाल पर पहुंचे लोग कैसे चुनावी सरगर्मी में डूब गए। तर्को के कैसे तीर चले। कौन किस पार्टी की सरकार बनाता नजर आयाडालिए एक नजर।

टी स्टाल पर लगी जफड़ी के बीच चाय की एक चुस्की लेकर दूसरे हाथ से अखबार हिलाते हुए अर्जुन ने कहा देख लेव मुलायम के चाल। बेटवा का हीरो बनाय के अब जाय मिलें ओहके साथ। लेकिन भइया ई चाहे जेतना ड्रामा कइ लेंय बहन जी आपन का कई जइहैं। उनके वोट बैंक का कउनौ नय तोड़ सकत। जउन पार्टी उनका हल्के मा लेई ऊ गच्चा खाय जायी।

यह सुन राजू सोनकर से न रहा गया। तपाक से अर्जुन की बात काटते हुए बोले बात तो तोहार सोलह आना सही है, लेकिन अबकी तौ मोदी भी बाबा साहेब के नाम पर बहुत प्रचार किहिन हैं। ऐसे बसपा के वोट बैंक सेंध लग सकत है। देख्या नाही कइसे अंबेडकर के नाम पर अबहिन भीम एप लांच कइके केतना वाहवाही लूटिन हैं। राजू को जवाब देते हुए अर्जुन बोले एतना जल्दी फैसला करै के जरूर नाही बा। बहन जी ने भी पूरी तैयारी की है भाई।

यह सुनते ही अर्जुन और राजू सोनकर के बीच में सुरेंद्र यादव भी कूद पड़े। बोले सुना भइया पांच साल अखिलेश भइया जउन विकास कार्य किहिन हैं ओका पब्लिक जानत है। अब तौ मुलायम और अखिलेश के बीच में विवाद भी नय रहा। बाजी तौ अखिलेश के हाथ में ही लगी।

सुरेंद्र को अखिलेश का गुणगान करते देख अमर सिंह से रहा न गया। तंज भरे लहजे में बोले। ठीक कहत हौ भइया अब तो अखिलेश और राहुल गांधी मोदी का हरावे खातिर गलबहियां कइके निकल पड़े हैं। प्रियंका और डिंपल भौजी भी साथ निकल पड़ी हैं।

इसी बीच चौकड़ी में शामिल लव सिंह ने भी अपने मन की कह दी। चिंता न करो, अबहिन भाजपा की लिस्ट आवै का बाकी है। एकरे बाद सब दूध का दूध और पानी का पानी होए जाई।

बहुत देर से चुप्पी साधे बैठे मो। सिद्दीकी से भी अब न रहा गया। लव सिंह की बात काटते हुए बोल पड़े। आप लोग चाहे कुछ भी कहो अबहिन चुनावी मौसम नहीं बना। सबन का मैदान मा आय जाय देव तौ फिर आपन-आपन गणित लगाओ।

मो। सिद्दीकी की बात पर संदीप आनंद भी चुप न रहे। बोले बात तौ ठीक कहत हौ लेकिन एतना तो जरूर है कि सपा की लड़ाई का फायदा भाजपा अउर बसपा का जरूर मिली।

संदीप की बात से घनश्याम जायसवाल भी फार्म में आ गए। लगभग गरजते हुए बोले ज्यादा बक-बक करे के जरूरत नहीं है। जेका देखो वही सरकार बनावै पर तुला है। बीबीसी लंदन बसपा की सरकार बनाए रहा है तो टीवी चैनल भाजपा के गुणगान गाय रहे हैं। जनतेव नय का कि चुनावी बयार पल-पल बदलत है।

सबकी बात सुनकर लगभग नसीहत देते हुए अनिल अरोरा भी बोल पड़े।

देखो भइया भाजपा, सपा या बसपा चाहे जौन जीते। पब्लिक का कौनो भला न होई। हमलोग ऐसे ही बैठकर बकैती मारब। जाव आपन-आपन काम करौ फालतू मा टाइम न खोटी करौ। इसके बाद सब धीरे-धीरे अपनी-अपनी ओर निकल पड़े।

पहिले सभी पार्टी के प्रत्याशी घोषित होए देव। तब देखो चुनावी मजा। अबहिन तो पूरी पिक्चर बाकी है। अबहिन तक तो सपा के पलड़ा भारी है। आगे देखो भाजपा और बसपा कौन से गुल खिलाती हैं।

राजू सोनकर

हाथी अपनी चाल चल रहा है। धीरे-धीरे बहन मायावती सबका झूठा साबित करे पर तुली हैं। लॉ एंड ऑर्डर पर उन कर सरकार के कौनो जवाब नही है। जो सुकून दे, पब्लिक उसी को पसंद करती है। भाजपा से भी लोगन का काफी उम्मीद हैं।

चंदा कुशवाहा

अबहिन तो टिकट की रार मची है। भाजपा भी बाहरियन के टिकट बांट रही है। सपा में भी एक सीट पर तीन-तीन दावेदार मौजूद हैं। यही कारण है कि अभी तक पार्टियों के टिकट फाइनल नही हो सके हैं।

घनश्याम जायसवाल

प्रत्याशी सामने आएं तभी बनेगा असली माहौल

चुनावी मैदान भले ही सज चुका है, लेकिन अभी तक सिर्फ बसपा ने ही अपने पत्ते खोले हैं। सपा, कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशी घोषित होना बाकी है। जब सभी पार्टी के प्रत्याशी जनता के सामने होंगे तभी जनता अपना मूड बनाएगी। क्योंकि पार्टी के साथ ही प्रत्याशी का व्यक्तित्व भी जनता के लिए बहुत मायने रखता है।