-विधानसभा चुनाव में बढ़ गई है ग्राम प्रधानों की पूछ

- उम्मीदवार और दावेदार वोट के लिए भिड़ा रहे तमाम जुगत

saurabh.upadhyay@inext.co.in

GORAKHPUR: साल 2015 में एक फिल्म आई थी 'रॉय'। इस फिल्म का एक गाना 'चिट्टियां कलाइयां वे' की एक लाइन थी, मनजा वे मैनू शॉपिंग करा दे। अब साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में इस गाने की लाइनें अचानक याद आने लगी हैं। असल में इस गाने की ही तर्ज पर इन दिनों गोरखपुर में विधानसभा उम्मीदवार या दावेदार ग्राम प्रधानों के सामने गुनगुना रहे हैं, 'प्रधान जी, जरा सेटिंग करा दो.' जीहां, अंदरूनी सूत्रों का दावा है कि सभी उम्मीदवार और दावेदार लोगों को अपनी तरफ खींचने में लगे हैं। इस कड़ी में उनके सॉफ्ट टारगेट बने हैं ग्राम प्रधान।

दो से पांच लाख तक बोली

इस बार के विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक पूछ प्रधानों को हो रही है। वजह, प्रधान किसी पार्टी से जुड़े नहीं हैं, जबकि पार्षद किसी न किसी दल से जुड़े हुए हैं। बताया जाता है कि इनके लिए बोली भी लगने लगी है। इनकी बोली दो लाख रुपए से शुरू हो रही है और पांच लाख रुपए तक जा रही है। इसमें गांव की जनसंख्या के आबादी को मानक रखा जा रहा है। वहीं ऐसे भी पार्षद या प्रधान हैं जो काफी दबदबा रखते हैं और अपने गांव या वार्ड के होने के साथ ही साथ दूसरे एरिया में अपना वर्चस्व कायम किए हुए हैं तो उनकी बोली बढ़ गई है।

रिश्तेदार बन रहे मीडिएटर

हालांकि कई उम्मीदवार ऐसे हैं जो अपनी पार्टी से बगावत किए हुए या रूठे हुए पार्षदों को अपनी तरफ करने की कवायद में हैं। गोरखपुर के बंधे के किनारे के एक पार्षद ने बताया कि दो दिन पहले हमने एक रिश्तेदार को पकड़कर समझौता कराया गया, जिसमें चुनाव बाद तीन रोड और ढाई लाख रुपए की बात की गई है। वहीं पिपराइच में तो खुला खेल चल रहा है। यहां पर एक प्रत्याशी तो सीधे प्रधानों से रेट पूछ रहे हैं। इसमें प्रधान जितनी बोल दे रहे हैं, उसमें कोई मोलभाव नहीं हो रहा है।

ठेकेदारी का भी दे रहे लालच

कुछ प्रधानों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रधानों को सीधे पैसा देने के साथ ही साथ ठेकेदारी और उनके गांव में सड़कों की सूची भी दी जा रही है। एक प्रधान के गांव में तीन सड़क, दो स्कूल भवन और 20 घरों में शौचालय निर्माण का वादा प्रत्याशी की तरफ से किया गया है। अगर प्रधान जी प्रत्याशी से पैसों या विकास के कार्यो के इन बिंदुओं को अस्वीकार करने की बात करते हैं तो प्रत्येक साल 10 से 20 लाख रुपए तक के विधायक निधि में कार्य के लिए ठेकेदारी भी देने का आश्वासन चल रहा है।

ऐसे चल रही बोली

-बड़े गांव के प्रधान को 2 से 5 लाख रुपए तक का ऑफर।

-दबंग व कई गांवों पर असर रखने वाले प्रधानों को पैसे के साथ योजनाओं का वादा।

-एक प्रधान के गांव में तीन सड़क, दो स्कूल भवन और 20 घरों में शौचालय निर्माण का वादा।

- अगर इस पर भी बात नहीं बनी तो हर साल विधायक निधि में से 10 से 20 लाख रुपए तक की ठेकेदारी का आश्वासन।

फैक्ट

- जिले में हैं 1233 ग्राम प्रधान

- गोरखपुर जिले में कुल नौ विधान सभा

- तीन लोक सभा क्षेत्र

- मतदाताओं की संख्या 3427980