इलाहाबाद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की ईमानदारी का किया गुणगान

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ALLAHABAD: उन्हें पता है कि कौन सी नब्ज दबाने पर रिएक्शन कहां से आएगा। चुनावी की बेला में समीकरण मैटर करता है। इसलिए यहां के लिए दांव अलग होना ही था। हुआ भी ठीक ऐसा ही। आम तौर पर मंच से सिर्फ सरदार बल्लभ भाई पटेल का नाम लेने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जुबान पर पूर्व प्रधानमंत्री स्व। लाल बहादुर शास्त्री थे। हालांकि प्रधानमंत्री के सम्बोधन में लाल बहादुर शास्त्री के नाम को राजनीतिज्ञ अपने ही चश्मे से देख रहे हैं। उनका कहना है कि यह कायस्थों पर डोरा डालने की कोशिश थी। इससे इतर प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री का नाम ईमानदारी, मेहनत और लगन के उदाहरण के रूप में लिया। उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री को महापुरुष का दर्जा देते हुए उनकी तुलना सरदार बल्लभ भाई पटेल से की।

गरीबी में पले प्रधानमंत्री ने भरी चेतना

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि इलाहाबाद ने देश को कई प्रधानमंत्री दिए हैं। यह धरती प्रधानमंत्रियों की धरती है। लेकिन, अहम यह है कि गरीबी मे पले बढ़े लाल बहादुर शास्त्री ने प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में नई चेतना का संचार किया। लोगों को शास्त्री अपने से लगते थे। उनकी सादगी और ईमानदारी ही उनके व्यक्तित्व का प्रमाण थी। इलाहाबाद ऐसे ही महापुरुषों की धरती है। इसी धरती से यूपी का भाग्य निर्धारित होने वाला है।

देश की जनता मानती थी उनकी बात

प्रधानमंत्री मोदी यहीं नही रुके। उन्होंने भाषण की समाप्ति से पूर्व एक बार फिर सरदार पटेल और लाल बहादुर शास्त्री की तुलना करते हुए दोनों को किसानों का रहनुमा बताया। कहा कि, इन दोनों नेताओं की मंशा पूरी होती तो किसान आज काफी मजबूत होते। अब उनके सपनों को भाजपा की सरकार पूरा करेगी। कहा, कि, वर्ष 1965 में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने मुसीबत के वक्त देश की जनता से एक वक्त खाना खाने की अपील की। लोगों ने इसे स्वीकार किया। पीएम बनने के बाद मैंने भी लोगों से एलपीजी सब्सिडी छोड़ने की अपील की। सवा करोड़ जनता ने ईमानदारी का परिचय देते हुए सब्सिडी छोड़ दी। जिससे आज ग्रामीण इलाकों की गरीब माताओं को फ्री एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है।

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शहर की तीनों सीटों पर है कायस्थों का दबदबा

बता दें कि इलाहाबाद शहर की तीनों विधानसभा सीटों पर कायस्थ वोटों का खासा महत्व है। शहर उत्तरी सीट कायस्थ बाहुल्य है। शहर पश्चिमी में भी कायस्थ वोटों का खासा प्रभाव है और यहां से बीजेपी के कद्दावर नेता और लाल बहादुर शास्त्री के नाती सिद्दार्थ नाथ सिंह मैदान में हैं, जो खुद कायस्थ बिरादरी से हैं। शहर दक्षिणी में कायस्थ वोटों की संख्या खासी हैं। यह भी बता दें कि इलाहाबाद के अलावा गोरखपुर, बस्ती समेत पूर्वाचंल के कई शहरों में भी कायस्थ वोट बहुत अधिक हैं। यहां अभी वोट पड़ना बाकी है।

मोदी के वादे

भू माफियाओं से जमीन के कब्जे दिलाने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा।

यूपी के थानों में नेताओं का नही पुलिस का राज होगा, सरकार पुलिस की सुरक्षा करेगी।

उत्तम काम करने के साथ उत्तम उत्तर भी जनता को देंगे।

महिलाओं की सुरक्षा के लिए एंटी स्क्वाड का गठन किया जाएगा।

युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।