विकास के दम पर भरोसा जीतने वाला ही पाएगा सीएम की कुर्सी

अखिलेश के पक्ष में आयी साइकिल बदल देगी चुनावी समीकरण

ALLAHABAD: चुनाव पर इलाहाबादियों की चकल्लस हमें भी जनता का रुझान बताने में बड़ी मदद कर रही है। इसलिए हमारा फर्ज बनता है कि हम आपको बताएं कि आपके आसपास के लोग इस बार किसकी सरकार क्यों बनाने के मूड में हैं। इसी सोच के साथ हम एक बार फिर शहर की गलियों में निकल पड़े। टहलते टहलते आखिर हमें मुकाम मिल ही गया। रामबाग स्थित फिरोज टी स्टाल पर चुनावी चौसर सजी देख हमारा कारवां रुक गया। दुकान पर पहुंचे और हम भी इसका हिस्सा बन गए। हमने जो कुछ सुना व देखा उसे आप भी जानें।

आईनेक्स्ट रिपोर्टर ने चुनावी चर्चा में शामिल होते हुए एक लोगों के बीच एक सवाल उछला दिया का भइया अब तौ अखिलेश जी साइकिल पर सवार होइ गये हैंका कहत हौ अबकी फिर बाजी मार लेइ जैइहैं का?

सौरभ गुप्ता : (बड़े गर्व से) अमा यार.एहमा कौउनौ शक है का तुमका। अब तौ अखिलेश खुल के बैटिंग करिहैं। पिछली बार तौ एतने मठाधीशन के बीच घिरे रहेन तबौ बहुत विकास कार्य किहिन। अपराधी छवि वाले नेतन से दूरी बनावै के हर कोशिश किहिन। अपने समर्थकन का अनुशासन मा रखिन। का जनता ई सब नै जानत का। एकर फायदा अखिलेश का जरूर मिली।

इरफान उल्ला: (लगभग समर्थन की मुद्रा में) भईया हम तो एतना जानित है कि मोदी के अचानक नोटबंदी के फैसला से कउनौ बड़ा आदमी बैंक में लाइन में नय लगा। खाली गरीब अउर आम आदमी ई चक्कर मा पिस गवा। इहां बइठा कौउनौ भाई बताय दे अगर हम झूठ बोलित होई तौ। ई नोटबंदी के दम पर भाजपा के नैया इहां पार न लगी।

सौरभ गुप्ता: (बीच में टोकते हुए)

एकदम सही कहैव भाई। नोटबंदी तौ हइन है सबसे बड़ी बात ई है कि भाजपा इहां भी मोदी के भरोसे चुनाव जीतै के सपना देख रही है। सच्चाई तो ई है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री बनावै लाइक कौउनौ दमदार नेता इनका नय मिल रहा है। एकर चुनाव म असर तो पड़बै करीगा। इनसे अच्छा तो बहन जी हैं जौउन सबसे पहिले आपन प्रत्याशी घोषित कई देहेन। आपन सोशल इंजीनियरिंग भी फिट कई लेहेन हैं।

संदीप डाक्टर : (भाजपा की खिंचाई पर बोल पड़े) अरे का कहि रहे हो भाई आप लोग। अइसा नहीं है कि पीएम मोदी की सरकार बनै के बाद ऊ कौउनौ अच्छा काम नय किहिन। प्रधानमंत्री के रूप में ऊ जउन काम ढाई साल में कई दिहिन ऊ आज तक कउनौ नय कर सका। नोटबंदी से भले जनता कुछ दिन का परेशान रही, लेकिन मोदी के समर्थन भी तो करत रही। भ्रष्टाचार मिटावै के खातिर ई बहुत बड़ा कदम रहा भाई। अब बीमारी के आपरेशन होई तो कुछ दर्द तो होबै करीगा ना।

रवि केसरवानी : (बीच में टोकते हुए) का भइया आप लोग तो पार्टी के कार्यकर्ता बने जाय रहे हैं। भइया हमका तो वही सरकार चाही जौउन सिर्फ हमरे बारे में सोचै। इहां तो हर पार्टी में खेला चल रहा है। पहिले नोटबंदी फिर बाप, बेटवा अउर चाचा के दंगल। इनके ड्रामा से जनता के दिमाग हिल गवा। बेटवा का जनता के नजर मा हीरो बनावै के खातिर मुलायम ने गजबै खेल खेला। अखिलेश तो फिर भी ठीक हैं, लेकिन उनके पार्टी मा एक से बढ़कर एक कलाकार हैं, जउन पार्टी के लुटिया ठुबोवै के ठेका लई लेहेन हैं।

इरफान उल्ला : (बहुत देर बार पलटवार करते हुए) तौ भाजपा कउन तीर मार दिहिस है यार। मोदी सरकार विकास के नाम पर लोगन का सिर्फ बेवकूफै तो बनाय रही है। जनता का गुमराह कइके सिर्फ वाहवाही लूट रही है। ऊ बहिन जी का देख लेव। आपन सरकार में सिर्फ और सिर्फ हाथी और आपन पुतला बनावत रहि गइन। जनता का ख्याल उनका नय रहा। अब फिर सोशल इंजीनियरिंग भिड़ावै चली हैं। इन सबसे ठीक अखिलेश हैं, उनका काम जनता के सामने है।

सौरभ गुप्ता: (समर्थन की मुद्रा में)

सही कहेव इरफान भाई। मोदी जी बस लच्छेदार भाषण देइके जनता का आपन मुरीद बनाउब जानत हैं। भला बताओ नोटबंदी कइके ई दो हजार के नोट निकाल दिहिन। अब एका भंजावै मे ही लोगन का पसीना आ जाय रहा है। का जरूरत रही ई सब करैके। जउन आदमी फुटकर के समस्या झेलिस ओके दिल से पूछो कि केतना सही रहा मोदी के ई कदम।

राज कुमार : (बीच में टोकते हुए) सौरभ भाई बीजेपी का किहिस का नय किहिस ई बात पर तो हम कुछ नहीं कहेंगे लेकिन इरफान भाई ने जो बहिन जी के बारे में कहा वह ठीक नहीं है। इनका लोग का सिर्फ मूर्ति की दिखत है, बहिन जी जउन विकास कार्य किहिन ऊ नय दिखत का। अब कानून व्यवस्था की देख लेव। उनके राज में गुण्डाराज पर लगाम लग जाती है। जबकि सपा का देख लेव केतनी अराजकता है। कानून व्यवस्था सबसे बडियां रहत है। उनके राज्य में कौनो का कोई दिक्कत नहीं रहत है। नेतवन भी राइट टाइम रहत हैं। काहे से उनका इ पता रहत है कि अगर बहिन जी तक कौनो बात पहुंची तो फिर खैर नहीं।

साइकिल का सिंबल अखिलेश को करेगा मजबूत

चुनाव आयोग में चली लंबी लड़ाई के बाद अखिलेश यादव साइकिल का सिंबल पाने में सफल रहे। पिता मुलायम व चाचा शिवपाल इस जंग में हार गए। इस जीत के साथ अखिलेश सपा के निर्विवाद राष्ट्रीय अध्यक्ष हो गए। यह फैक्टर विधानसभा चुनाव में उन्हें मजबूत करेगा। क्योंकि अब अखिलेश बिना किसी दबाव के फैसला ले सकेंगे। अखिलेश विकासवादी सोच रखते हैं और आपराधिक छवि वाले नेताओं से शुरू से ही दूरियां बनाते चले आ रहे हैं। यह बात जनता जानती है। इसलिए जनता का झुकाव उनकी ओर बढ़ेगा।

हम तो ऐसी सरकार चाहत हैं जउन जात पात से ऊपर उठकर बात करे। सिर्फ जनता के फायदे की बात करे। जैसे ही चुनाव आवत है वैसे ही नेताओं के रंग बदल जात है। सब विकास की बात करत हैं और फिर चुनाव बाद वादा का भूल जात हैं।

फिरोज, टी स्टाल संचालक

अखिलेश जी ने अभी तक देश के विकास के नाम पर काम किया है। उससे जनता काफी खुश है। सब ने उनके कार्यो की सराहना की है। यही वजह है कि अखिलेश युवाओं की पहली पसंद हैं।

सौरभ गुप्ता

सभी पार्टियों से अलग बसपा की कार्यशैली है। बहन जी के राज में कानून व्यवस्था हमेशा पटरी पर रहती है। इस बार भाजपा नोटबंदी तो सपा बाप-बेटे का दंगल बन गयी, लेकिन बहन जी की पार्टी विवादों से परे है।

राज कुमार