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दोपहर 12.45 बजे आर्य कन्या डिग्री कॉलेज के मेन गेट के बाहर अव्यवस्था दिखी। दोपहिया वाहनों से पहुंचे मतदाताओं ने गेट के बगल में ही पार्किंग बना डाली। सीआरपीएफ के जवान मतदान केन्द्र से बाहर आए तो मतदाताओं को डंडा उठाकर चेतावनी दी। तब दोपहिया वाहन लेकर लोग 50 मीटर दूर चले गए। वोटर लिस्ट में नाम और फोटो गलत होने पर परिसर के भीतर बीएलओ से मतदाता झिकझिक कर रहे थे। बूथ संख्या 36 से लेकर 40 तक में लाइन तो लगी थी लेकिन मतदाताओं की संख्या हर बूथ पर 10 से 12 ही रही। जायसवाल इंटर कॉलेज के मेन गेट पर एक दर्जन मतदाता मोबाइल लेकर पहुंचे। सुरक्षाबलों ने मोबाइल लेकर अंदर जाने से मना किया तो सभी वापस लौट गए। क्योंकि सभी मतदाता थे और ऐसा कोई परिचित का नहीं दिखा जिसे वे अपना मोबाइल दे देते। भीड़ ज्यादा इकट्ठा हो रही थी तभी हूटर की आवाज सुनकर तमाशबीन भाग खड़े हुए। आदर्श मतदाता केन्द्र ईसीसी का नजारा बिलकुल उलटा रहा। बुजुर्गो और बीमार मतदाताओं के बैठने की जगह पर पुलिसवालों ने कब्जा कर लिया। बूथ संख्या 270 पर तीन, 271 पर पांच व 274 बूथ संख्या पर 12 मतदाता लाइन में खड़े थे। मतदाताओं में इस बात का सुकून दिखा कि इस बार काजी सेतसी धर्मशाला से उनका मतदान केन्द्र अच्छी जगह पर बनाया गया था।

दक्षिणी के इंडियन ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज में मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक 7500 थी। दोपहर 1.15 बजे तक इसमें से 2504 मतदाताओं ने अपना मत डाला था। यहां पर भी बीएलओ और पोलिंग एजेंटों को गेट के बाहर कर दिया गया था। आठों बीएलओ के पास परिचय पत्र में गड़बड़ी की शिकायत को लेकर दर्जनों लोग खड़े रहे।

इस बार विकास और सुरक्षा के नाम पर वोट किया है। आदर्श मतदाता केन्द्र का नजारा अद्भुत दिखा लेकिन पुलिस वालों ने ही उस पर कब्जा जमाया था।

शोभित केसरवानी

दस सालों से मतदान में हिस्सा ले रहा हूं। इस बार तो लगा ही नहीं कि मतदान हो रहा है। बीएलओ ने पर्ची नहीं दी थी। आधा घंटे तक झिकझिक करने के बाद मतदान केन्द्र पर पर्ची मिली तब जाकर वोट किया।

आशीष कुमार तिवारी